धर्म

बता दे पुरवईया भवानी कब आयेगी – Bata De Purvaiya Bhawani Kab Aayegi Lyrics In Hindi

बता दे पुरवईया भवानी कब आयेगी।
भवानी कब आयेगी, दर्श दिखलाएगी॥

मैंने सुना है माँ के आँगन, सुख का सावन बरसे।
कभी कोई ना खली लौटा, महारानी के दर से।
किस्मत के मारो की कब, झोली भर जायेगी॥

डाली चिठ्ठी भेजे संदेसे, कोई जवाब ना आया।
ना मेरे घर आई तू मैया, न ही मुझे बुलाया।
बैठा हूँ मैं इसी भरोसे, कभी तो फेरा पाएगी॥

रोम रोम में बसी भवानी, मैं उस का दीवाना।
उसके दर के सिवा ना कोई, मेरा और ठिकाना।
प्यार से मैया कभी तो मुझको गोदी बीठलाएगी॥

दीपक आशाओं का मेरे कहीं यह बुझ न जाए।
तरस रही हैं आखें मेरी व्याकुल मन घबराए।
मुरझायी बगिया को अम्बे कभी महकाएगी॥

बता दे पुरवईया भवानी कब आयेगी।
भवानी कब आयेगी, दर्श दिखलाएगी॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर इस भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें बता दे पुरवईया भवानी कब आयेगी भजन रोमन में-

Read Bata De Purvaiya Bhawani Kab Aayegi Lyrics

batā de puravaīyā bhavānī kaba āyegī।
bhavānī kaba āyegī, darśa dikhalāegī॥

maiṃne sunā hai mā~ ke ā~gana, sukha kā sāvana barase।
kabhī koī nā khalī lauṭā, mahārānī ke dara se।
kismata ke māro kī kaba, jholī bhara jāyegī॥

ḍālī ciṭhṭhī bheje saṃdese, koī javāba nā āyā।
nā mere ghara āī tū maiyā, na hī mujhe bulāyā।
baiṭhā hū~ maiṃ isī bharose, kabhī to pherā pāegī॥

roma roma meṃ basī bhavānī, maiṃ usa kā dīvānā।
usake dara ke sivā nā koī, merā aura ṭhikānā।
pyāra se maiyā kabhī to mujhako godī bīṭhalāegī॥

dīpaka āśāoṃ kā mere kahīṃ yaha bujha na jāe।
tarasa rahī haiṃ ākheṃ merī vyākula mana ghabarāe।
murajhāyī bagiyā ko ambe kabhī mahakāegī॥

batā de puravaīyā bhavānī kaba āyegī।
bhavānī kaba āyegī, darśa dikhalāegī॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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