कोविड 19 पर निबंध – Essay on Covid-19 in Hindi
कोविड 19 पर निबंध आपके समक्ष प्रस्तुत है। इसमें कोरोना की इस महामारी के तमाम पहलुओं जैसे कि लक्षण, बचाव, संक्रामकता आदि को कवर किया गया है। हमें आशा है कि कोविड 19 पर निबंध सभी के लिए और विशेषतः विद्यार्थियों के लिए लाभदायक रहेगा। पढ़ें कोविड 19 पर निबंध हिंदी में (Essay on Covid-19 in Hindi)–
प्रस्तावना
कोरोना वायरस एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है। इस वायरस को सन् 2019 में चीन के ‘वुहान’ राज्य में देखा गया जो धीरे-धीरे लगभग संपूर्ण विश्व में फैल चुका है। सन् 2020 में यह वायरस भारत में व्यापक स्तर पर फैल गया और सरकार के लिए एक चुनौती बनकर उभरा है।
वर्ष 2021 में भी हालात ज़्यादा नहीं सुधरे है लेकिन पहले से लोगों को थोड़ा राहत अवश्य मिली है अगर सावधानियाँ नहीं बरती जाती है तो यह बीमारी और भी अधिक व्यापक स्तर पर फैलने की संभावना रखती है अर्थात् पहले से अधिक बढ़ सकती है। यह एक ऐसा संक्रमण है जो एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में तेज़ी से फैलती है इस तरह से यह बीमरी विकराल रूप में फैलती जाती है।
वर्तमान समय में बुख़ार, सर्दी, सुगंध न आना, साँस लेने में तकलीफ़ होना आदि इस बीमारी के लक्षण विशेषज्ञों द्वारा बताए जा रहे जिसके आधार पर कोरोना-जाच करवाया जा रहा है। पूरी दुनिया के विशेषज्ञों द्वारा इस वायरस पर शोध किया जा रहा है। इस वायरस का आकार अत्यंत सूक्ष्म होता है इन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी की आवश्यकता होती है लेकिन फिर भी दुनियाभर में बड़ी तेज़ी से फैल रहै क्योंकि वायरस केवल जीवित कोशिका में ही अपने वंश की वृद्धि कर सकते है। शरीर के बाहर तो ये मृत समान होते है लेकिन शरीर में प्रवेश पाकर जीवित हो जाते है और यही कारण है कि मनुष्य दिन प्रतिदिन इस वायरस से होने वाली बीमारी से ग्रस्त होते जा रहे है।
यह भी पढ़ें – प्रदूषण पर निबंध
कोरोना वायरस क्या है
विश्व स्वास्थ्य संगठ द्वारा इस महामारी का नाम अंग्रेजी में कोविड-19 (covid-19) रखा गया है ‘Co’ का मतलब कोरोना (Corona), ‘Vi’ का मतलब वायरस (Virus), ‘D’ का मतलब डिसिस (Disease) और 19 का मतलब इस बीमारी का शुरूआती वर्ष अर्थात् वर्ष 2019 इस तरह इस महामारी को नाम दिया गया है।
कोरोना वायरस का आकार मनुष्य के बाल की तुलना में लगभग 900 गुणा छोटा होता है, इतना सूक्ष्म होने के बाद भी सबसे अधिक प्रभावी है और सावधानी न बरतने पर एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में जल्द-से जल्द फैलने वाला ख़तरनाक बीमारी भी बना हुआ है इसलिए यह दुनियाभर में बड़ी तेज़ी से फैल रहा है और एक विकराल रूप धारण करते जा रहा है जिसका प्रभाव प्रत्येक मनुष्य के लिए अत्यधिक घातक होते जा रहा है।
यह वायरस एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में प्रवेश करता है इसलिए प्रत्येक मनुष्य को सावधानी अवश्य बरतनी चाहिए अन्यथा यह सभी के लिए भयावह साबित हो सकती है। चीन देश से अन्य देशों में फैला यह वायरस चीन में इतना नहीं फैल रहा है जितना अन्य देशों में फैल रहा है, अब तक यह महामारी 69 से भी अधिक देशों में फैल चुकी है। इस महामरी को रोकने के लिए सबसे अधिक आवश्यक है कि सावधानी से अपने रोज़मर्रा के कार्य को किया जाए तथा अधिक से अधिक सावधानी बरता जाए। जिसके लिए एक-एक मनुष्य को प्रयासरत होना पड़ेगा तभी यह संभव हो पाएगा क्योंकि इस महामारी से युवा, वृद्ध, शिशु अर्थात् प्रत्येक वर्ग पीड़ित है।
इस महामारी को जड़ से समाप्त करने के लिए अनेक देश के विशेषज्ञों द्वारा इस पर गम्भीरता से कार्य किया जा रहा है और लगातार शोध प्रस्तुत किए जा रहे है। भारत देश में इस महामारी से बचाव के लिए भारत सरकार ने लोगों को टिका लगाना आरंभ कर दिया है साथ ही लोगों की सुक्षा को ध्यान में रखते हुए अनेक बार लोगों का अनावश्यक घर से बाहर निकलने पर पाबंदी भी लगायी गयी हैं।
यह भी पढ़ें – गणतंत्र दिवस पर निबंध
इस बिमारी के लक्षण – कोविड 19 पर निबंध
कोविड 19 पर निबंध में सर्वप्रथम यह जानना ज़रूरी है कि इस बीमारी के क्या लक्षण हैं। मनुष्य में इस बीमारी का प्रारंभ बुख़ार तथा सूखी खाँसी से होता हैं और धीरे-धीरे साँस लेने में तकलीफ़ होने लगती है लेकिन ऐसे लक्षणों का होने का मतलब हर बार कोरोना वायरस जैसी महामारी का लक्षण ही नहीं होता इसलिए ऐसे समय में डॉकटर की सलाह लेना अति आवश्यक है क्योंकि जुकाम और फ्लू में भी अधिकतर इसी प्रकार के लक्षण पाए जाते। वृद्ध या वो लोग जो पहले से ही मधुमेह, अस्थमा या हृदय-रोग से पीड़ित है उनके लिए कोरोना वायरस अधिक घातक साबित हो सकता है।
यह बीमारी सबसे अधिक तेज़ी से फैलती है इसलिए इस महामारी से सबसे अधिक लोगों की मृत्यु हुई है जिसमें वृद्धा अवस्था की ओर अग्रसर करने वाले लोगों की संख्या सबसे ज़्यादा थी लेकिन अब यह प्रत्येक आयु-वर्ग को समान रूप प्रभावित कर रही है और कहा जा रहा है कि अगर कोरोना वायरस की तीसरी लहर शुरू हुई तो पूरी दुनिया में इस महामारी के कारण आबादी बहुत तेज़ी से घटेगी अर्थात लोगों की अधिक मृत्यु इस बीमारी से होने लगेगी। इस पर रोकथाम के लिए इसके लक्षणों का पता होना अति आवश्यक है; इस महामारी के मुख्य लक्षण बुख़ार, सर्दी-खाँसी, गले में ख़राश, मांसपेशियों में जकड़न, लंबे समय तक थकान साथ ही विशेषज्ञों द्वारा सबसे प्रमुख लक्षण साँस लेने में कमी को बताया जा रहा है।
वर्ष 2021 में साँस न ले पाने की समस्या से परेशान रोगी और उनके परिवार वाले ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए दिन-रात लगे रहते इस बीच ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण अनेक पीड़ित रोगियों की मृत्यु हुई। यह लक्षण सबसे ख़तरनाक रूप में विश्व के समक्ष उभर कर आया है जिसने मनुष्य को शुद्ध वायु की कीमत बतायी है और प्रकृति के प्रति अगाध स्नेह को बढ़ाया है। इन सभी लक्षणों को ध्यान में रखते हुए मनुष्य को अपनी और अपने परिवारजनों की सुरक्षा बनाए रखनी होगी जिससे कोरोना वायरस के प्रभाव को दिन प्रतिदिन कम किया जा सके।
यह भी पढ़ें – “समय का महत्व” निबंध
कोरोना से बचाव में मास्क की भूमिका
सार्वजनिक स्थानों पर जाने तथा कोरोना से बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने पर मास्क का उपयोग करना बेहद आवश्यक माना गया है क्योंकि मास्क कोरोना वायरस के संक्रमण को अधिक से अधिक फैलने से रोकता है। इस महामारी से बचाव के लिए विश्व स्वाथ्य संगठन के साथ लगभग सभी देश मास्क पहनने पर ज़ोर दे रहे है साथ ही साथ सभी विशेषज्ञों द्वारा भी मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। अब डबल मास्क पहनने की सलाह दी जाने लगी है क्योंकि ऐसे मास्क चेहरे को पूरी तरह से ढकने में सही सिद्ध होते है।
मास्क पहनने से 90 प्रतिशत से भी अधिक कोरोना वायरस से फैलने वाले भयावह खतरे को कम किया जा सकता है। बिना हाथ धोए मास्क का उपयोग करने से बचना चाहिए; मास्क को ऐसे पहनना चाहिए कि मुँह, नाक और नाके के नीचे का हिस्सा पूरी तरह ढका होना चाहिए अगर मास्क कपड़े का है तो उसे रोज़ धोकर धूप में अवश्य सूखाना चाहिए अन्यथा कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए। जिस भी व्यक्ति को बुख़ार, खाँसी या साँस लेने में तकलीफ हो रही हो उन्हें मास्क ज़रूर पहनना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ऐसा करने से रोगी अपनी तथा अपने आस-पास के लोगों को भी होने वाले बड़े खतरे से अर्थात् कोरोना महामारी से स्वयं भी बच सकता है एवं दूसरों को भी बचा सकता है।
भारत देश की सरकार ने मास्क पहनना सबके के लिए अनिवार्य कर दिया है और जो मनुष्य बिना मास्क पहने बाहर अनावश्यक घूमते पाए जाते है उनके ख़िलाफ़ सरकार कार्यवाही भी करती है क्योंकि बिना मास्क के घूमना उस मनुष्य और संपूर्ण देश की सुरक्षा के विरूद्ध ख़तरा उत्पन्न कर सकता है। मास्क पहनना अपनी और अपनों के सुरक्षा के लिए अति आवश्यक है इसलिए प्रत्येक मनुष्य को घर से बाहर जाते समय मास्क अवश्य पहनना चाहिए। कोविड 19 पर निबंध में अब इस महामारी के अन्य पहलुओं पर चर्चा करते हैं।
यह भी पढ़ें – अनुशासन पर निबंध
शिक्षा पर कोविड 19 का प्रभाव
इस महामारी ने शिक्षा व्यवस्था और विद्यार्थियों को प्रभावित किया है, इस महामारी के कारण जितने अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़े है तो कुछ हद तक सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते है। जब से इस महामारी ने प्रवेश किया है तब से ही विद्यार्थियों का विद्यायल, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय जाना बंद हो गया और इसके बाद विद्यार्थियों को अध्यापिकाओं द्वारा घर बैठे-बैठे ऑनलाई पढ़ाया जाने लगा।
इसका लाभ सभी विद्याथियों को समान रूप से नहीं मिल पाया लेकिन ऑनलाई पढ़ायी एक विकल्प के रूप में शिक्षा व्यवस्था तथा विद्यार्थियों के लिए अवश्य उभरा है इसके कारण अधिक से अधिक बच्चों ने कंप्यूटर की दुनिया में प्रवेश किया और कुछ बच्चों ने इसका सदुपयोग भी किया तो कुछ विद्यार्थियों पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है, अधिकतर बच्चे अवसाद के शिकार होने लगे है साथ ही साथ ऑनलाई शिक्षा अधिकतर विद्यार्थी के शिक्षा स्तर को कम कर रहा है।
इस महामारी ने विद्यार्थियों से विद्यालय और महाविद्यालय के मित्रों से दूर कर दिया और दोस्ती के रिश्ते को भी ऑनलाई आधारित बना दिया है अब बच्चे अपने मित्रों के संपर्क में वैसे नहीं आते जैसे महामारी से पहले शिक्षा स्थलों पर आया करते थे, वो सारी मौज-मस्ती कोरोना वायरस के कारण अब घरों में कैद हो गयी है साथ ही साथ बहुत से बच्चों ने अपने परिवार के सदस्यों को इस महामरी में खोया है जिसके दुःख से उभरना आसान संभव नहीं होता।
गरीब बच्चों की शिक्षा का स्तर तो पहले से ख़राब था ही अब तो उन बच्चों तक शिक्षा की पहुँच भी असंभ सी लगती है। बच्चे वर्ष 2019 से जीवन तो जी रहे है लेकिन विद्यार्थी-जीवन को संपूर्ण रूप से नहीं जी पा रहे है, सभी विद्यार्थियों को शिक्षा केन्द्रों के खुलने तथा पहले की तरह पुस्तकालयों के खुलने और अपने मित्रों से मिलने का इंतज़ार रहता है। कुछ बच्चों ने इस समय को अवसर के रूप में उपयोग किया है और इस महामारी के समय अपने कौशल को बढ़ाया तथा अपनी कला को ऑनलाई विभिन्न एप के माध्यमों से लोगों तक पहुँचाया है।
इस तरह इस महामारी ने बहुत कुछ नष्ट किया है तो कुछ मनुष्य के समक्ष संभावनाएँ भी प्रस्तुत की है और शिक्षा का माध्यम ऑनलाई करके लोगों के जीवन में सकारात्मकता भरने की हर संभव कोशिश की जा रही है। विद्यार्थियों और शिक्षकों को कोरोना वायरस से बचते हुए इस समय बड़ी सावधानी से अपने शिक्षा स्तर में सुधार लाना होगा और कोरोना वायरस को हराना होगा तभी स्थितियाँ सुधर पाएंगी और मनुष्य पहले के समान सड़को पर बिना किसी डर के चल पाएगा और अपने सपनों को पूर्ण कर पाएगा।
यह भी पढ़ें – दहेज प्रथा पर निबंध
कोरोना भयावह महामारी के रूप में
कोरोना वायरस को फैले एक वर्ष से भी अधिक हो गया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे महामारी भी घोषित किया जा चुका है साथ ही अनेक विशेषज्ञ इस वायरस को दुनिया से पूर्ण रूप से समाप्त करने की खोज में लगे हुए है लेकिन फिर भी यह भयावह बीमारी अभी तक समाप्त नहीं हुई है। इस बीमारी के कारण करोड़ों से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और आज भी इस महामारी के कारण मौत के आकड़ें समाप्त नहीं हुए है।
चीन से आया यह वायरस एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में प्रवेश कर उसे भी अपनी चपेट में ले लेता है और इस प्रकार यह बीमारी पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है। सरकार इसे समाप्त करने के लिए भिन्न-भिन्न प्रयास कर रही है, सार्वजनिक स्थानों पर तथा रोगी के आस-पास जाने जाने से पहले मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है साथ ही कोरोना से बचाव के लिए टीका लगायी जाने लगी है जिसमें अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो रही है; जैसे कुछ ग्रामीण लोग अधिक डरे हुए है ओर वो कोरोना वायरस से बचाव का टीका आसानी से नहीं लगवा रहे है ऐसी समस्याओं को सुलझाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाने लगे है कुछ गैर सरकारी संस्थाएँ भी इसका हिस्सा बन रही है और सरकार का सहयोग कर रही है।
इस बीमारी ने किसी एक वर्ग को प्रभावित नहीं किया है अपितु सभी वर्गों पर इसका प्रभाव घातक ही रहा है, इस महामारी ने लोगों में मानवता को और अधिक उत्कृष्ट कर दिया है अब मनुष्य जितना हो सके एक-दूसरे की मदद कर रहे है चाहे वो आर्थिक मदद हो या सामाजिक क्योंकि किसी भी प्रकार की असुविधा बरतने से यह बीमारी किसी को भी अपने चपेट में ले सकती है।
इस महामरी ने न केवल लोगों की जान ली, साथ ही साथ अधिकतर लोग बेरोजगार भी हुए है, अनेक लोग अवसाद के शिकार हुए है, इस बीमारी ने लोगों को आर्थिक रूप से अधिक कमज़ोर बना दिया और सरकार की अर्थव्यवस्था को भी बहुत नुकसान हुआ है। अधिकतर शहर में रहने वाले लोग शहर से अपने-अपने गाँव की ओर वापस चले गये। गाँवों में भी कोरोना वायरस ने अनेक लोगों की जान ली और उनके आर्थिक स्थिति को पहले से और भी अधिक दयनीय बना दिया। सरकार को जल्द से जल्द इस महामारी को जड़ से समाप्त करने की दवा का इंतजाम करना होगा साथ ही देश के सभी नागरिकों को सावधानी बरती होगी।
कोरोना महामारी के नकारात्मक प्रभाव
- कोरोना वायरस के कारण लोगों को घरों में कैद होकर रहना पड़ रहा है और अधिक आवश्यकता होने पर ही घर से बाहर जाया जा सकता है।
- शिक्षा का स्तर गिरने लगा है अब विद्यार्थी पुस्तकों से दूर होने लगे है और मोबाइल तथा लेपटॉप पर पूर्ण रूप से आधारित हो गए है।
- ग्रामीण बच्चों को अधिक असुविधा का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि नेट की अच्छी व्यवस्था गाँवों में अभी भी नहीं है।
- इस महामरी के कारण अनेक कंपनियाँ बंद हुई है और अधिकतर लोग बेरोजगार हुए है। सबसे अधिक आम लोगों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ा है।
- इस महामारी ने हवाई यात्रा, रेल यात्रा, शेयर बाज़ार और वैश्विक आयत-निर्यात को प्रभावित किया है जो किसी भी देश के लिए आर्थिक मंदी का कारण बन सकता है।
- कोरोना वायरस के फैलने के कारण बच्चों का बचपना घर के अंदर तक ही सिमटकर रह गया है अब वे घर से बाहर खेलने तथा विद्यालय पढ़ने भी नहीं जाते।
- इस महामारी के समय अंतराल के अंतर्गत सरकार को अनेक बार विद्यार्थियों की परीक्षाओं को रद्द करनी पड़ी है जिसका प्रभाव बच्चों के मन-मस्तिष्क पर पड़ रहा है।
- वर्तमान समय में विद्यार्थियों में याद करने की क्षमता में गिरावट देखने को अधिक मिल रही है अर्थात् विद्यार्थी अब पहले के समान अपना पाठ्यक्रम याद नहीं कर पाते है।
- इस महामारी ने सबसे अधिक लोगों के मानसिक सेहत को प्रभावित किया है। बच्चों की दिनचर्या तथा सामाजिक मेल-मिलाप पर भी असर पड़ा है जिसके कारण मनुष्य में अवसाद अधिक बढ़ने लगा है।
- इस महामरी के समय भी कुछ लोगों ने भ्रष्टाचार को अधिक बढ़ावा दिया है एवं महामारी को आधार बनाकर भ्रष्ट राजनीति कर रहे है।
- वर्ष 2019 से अब तक सबसे अधिक मौत कोरोना वायरस के कारण ही हुई है अगर कोरोना को नियंत्रित नहीं किया गया तो ये आकड़ें और अधिक बढ़ भी सकते है जो कि विश्व के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बन सकता है।
- कारखानों में कार्य करने वाले अनेक लोग खेतों में काम करने को विवश हो गये है। बिहार, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से शहर में आये मज़दूरों को खाली हाथ अपने-अपने गाँवों में लौटना पड़ा। कुछ लोगों के पास तो अपने घर लौटने तक पैसे नहीं थे।
- इस महामारी के कारण सबसे अधिक नाकारात्मक प्रभाव ही चारों ओर देखने को मिलते है। रोजगार समाप्त होने से पैसा न होने के कारण लोग अपने परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था करने में असमर्थ होने लगे।
- इस महामारी ने निर्धन लोगों को और भी अधिक निर्धन बना दिया है। जिसके कारण ग़रीब लोग अपनी मुलभूत आवश्यकताएँ भी पूर्ण नहीं कर पा रहे हैं।
कोरोना महामरी के सकारत्म प्रभाव
- लोग इस समय अपने-अपने घरों पर रहकर ही कार्यालयों का काम कर रहे है और अपने परिवार को अधिक से अधिक समय दे पा रहे है। कुछ कर्मचारी अब आरामदायक माहौल में अपने कार्यों को घर से रहकर कर पाते है।
- इस महामरी से एक तरह जहाँ आम जनजीवन प्रभावती हुआ है वही दूसरी ओर परिवार में आपसी प्रेम भी बढ़ा है, जो माता-पिता पहले अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं से पा रहे थे वे इस लॉकडाउन के दौरान अपने बच्चों से विस्तार से प्रत्येक विषय पर चर्चा करते है।
- इस महामरी के कारण लोगों में प्रकृति के प्रति अगाध प्रेम बढ़ा और इस दौरान अधिकतर लोग वृक्षा रोपड़ करते हुए नज़र आए साथ ही वृक्षों की कटाई का विरोध भी किया।
- जिन बच्चों को कंप्यूटर संबंधित ज्ञान नहीं था उन बच्चों ने इस लॉकडाउन के दौरान कंप्यूटर की दुनिया में प्रवेश किया और अपने कौशल को और भी अधिक निखारा।
- इस समय अंतराल के अंतर्गत सरकार के इतर आम आदमी ने भी कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों तथा उनके परिवार को हर प्रकार की दवा से लेकर भोजन तक आदि हर तरह की सुविधाएँ पहुँचायी, ऐसे अनेक अभियान गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा भी चलाए गये जिससे लोगों को बहुत हद तक राहत मिली।
- अधिकतर रिश्तों में सुधार हुआ है, मनुष्य एक-दूसरे के प्रति अधिक संवेदनशील हुए है और एक-दूसरे की मदद कर रहे है।
- मनुष्यों में एक-दूसरे के प्रति वैर-भाव की भवना बहुत कम हुई है प्रत्येक धर्म के लोग इस महामारी के समय एक-दूसरे का हर तरह से सहयोग कर रहे है औ आपसी भाईचारे को बढ़ा रहे है। इस महामारी में देश ने सबसे अधिक खोया ही खोया है लेकिन कुछ आत्मिक सुधार भी देखने को मिले है।
कोरोना वायरस से बचने के उपाए
कोविड 19 पर निबंध तब तक अपूर्ण है, जब तक विस्तार से कोरोना से बचाव के उपायों पर चर्चा न की जाए। आइए, देखते हैं कि क्या हैं इस महामारी से बचाव के उपाय-
- कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सरकार द्वारा लागू किए गये नियमों का पालन प्रत्येक मनुष्य को करना होगा।
- इस भयावह महामारी से बचने के लिए मास्क पहनना सबसे अधिक आवश्यक है, किसी भी स्थान पर जाने से पहले घर से मास्क पहनकर अवश्य निकलना चाहिए।
- प्रत्येक मनुष्य को अपने आस-पास के लोगों से दो गज की दूरी बनाए रखनी चाहिए जिससे संक्रमण को अधिक फैलने से रोका जा सके।
- किसी भी लावारिस या अनजान वस्तु को हाथ नहीं लगाना चाहिए ऐसी वस्तुओं से दूरी बनाए रखना चाहिए।
- सार्वजनिक स्थल या कही बाहर से आकर हाथों को साबुन या डेटॉल से कम से कम 20 सेकेंड तक अवश्य धोना चाहिए और अपनी तथा अपनों की सुरक्षा बनाए रखनी चाहिए।
- जितना संभव हो सके खाना घर पर ही बनाना चाहिए और बाहर की वस्तुओं को खाने से बचते रहना चाहिए, ऐसे समय में स्वस्थ रहने के लिए पोष्टिक भोजन की ओर ध्यान देना चाहिए न कि बाहर के खाद्य पदार्थों पर।
- सभी को सैनिटाइजर का उपयोग करना चाहिए और अगर मास्क पुनःप्रयोग करने वाला हो तो उसको रोज धोकर धूप में सूखाना चाहिए अन्यथा कूड़ेदान में डाल देना चाहिए।
- परिवार में यदि किसी को बुख़ार या खाँसी हो तो उनसे दूरी बनाए रखना चाहिए और उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए या डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- प्रत्येक व्यक्ति को छींकते या खाँसते समय मुँह पर कपड़ा या रूमाल रखकर खाँसना चाहिए क्योंकि यह यह एक वायरस है जो मनुष्य से मनुष्य में फैलने वाली एक घातक बीमारी के रूप में सामने आता है इसलिए अपनी एवं अपनों की सुरक्षा को बनाए रखना चाहिए।
- बिना हाथ साफ किए आँख, नाक एवं मुँह को छूने से बचना चाहिए इससे संक्रमण के फैलने का डर बना रहता है। साफ-सफ़ाई का बेहद ध्यान रखना चाहिए।
- सार्वजनिक वाहनों में कम से कम यात्रा करे अर्थात् इस समय यात्रा करने से अधिक से अधिक बचे और एक-दूसरे से ज़मीनी दूरी बनाए रखे।
- अनावश्यक मेहमानों के आवागमन को कम करे और किसी अन्य के घर पर अनावश्यक ही न जाए क्योंकि यह यह एक संक्रामक बीमारी है; जितना हो सके घर के अंदर ही रहे तभी इस कोरोना वायरस और अधिक फैलने से रोका जा सकता है।
- सार्वजनिक स्थानों जैसे- मॉल, बाज़ार आदि स्थानों पर न जाए या बहुत अधिक आवश्यक हो तभी घर से बाहर जाए।
- अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करे और लोगों से हाथ मिलाने से बचे।
- सरकार को भी विशेषज्ञों के साथ मिलकर जल्द से जल्द इस महामारी को समाप्त करने की दवा बनानी चाहिए।
कोविड 19 पर निबंध का निष्कर्ष
महामारी तो विश्व में पहले भी आयी है और विश्व के प्रत्येक देश ने उस महामारी को हराया भी है लेकिन ऐसी महामारी ने विश्व में पहली बार दस्तक दिया है लेकिन इस महामरी को समाप्त किया जा सकता है इसके लिए विश्व के एक-एक नागरिक को ईमानदारी से अपने-अपने हिस्से का योगदान देना होगा तभी इस महामारी के बढ़ते प्रभाव को रोक पाएंगे और समाप्त कर पाएंगे इसलिए सरकार द्वारा लागू किए गये नियमों का पालन सख्ती से करना होगा तभी मनुष्य पहले के समान जीवन को जी पाएंगे।
इस महामारी को सब साथ मिलकर हरा सकते है। इस घातक बीमारी से अपनी-अपनी सुरक्षा स्वयं करनी होगी तभी सब सुरक्षित हो पाएंगे। इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठ और सरकार को भी इस महामारी को जड़ से समाप्त करने की ओर विशेष ध्यान देना होगा न कि चुनाव के मुद्दों पर क्योंकि देश की सुरक्षा, विश्व की सुरक्षा सबसे पहले है न कि सरकार किसकी बनेगी? इन मुद्दों पर।
वर्ष 2019 से वर्ष 2021 आ गया पर अभी तक यह महामारी समाप्त नहीं हुई है सरकार को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और जल्द से जल्द इसका निवारण करना चाहिए। अधिक से अधिक लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीका अवश्य लगवा लेना चाहिए। गैर सरकारी संस्थाओं को सरकार के साथ मिलकर टीकाकरण अभियान चलाना चाहिए जिससे लोगों को आसानी से कोरोना वायरस से बचाव का टीका लगाया जा सके और देश तथा देश के नागरिकों को इस भयावह महामारी से थोड़ा राहत प्रदान हो सके।
साथ ही लोग पहले के समान समान्य जिसन को जी सकें, बच्चे विद्यालय में पढ़ने जा सकें, अपने मित्रों से मिल सकें एवं लोगों को फिर से रोजगार मिल सके साथ ही साथ बंद हुई कंपनियाँ फिर से चल पड़ें ताकि मज़दूर अपने काम पर लौट सकें जिसके बाद अपने परिवार की मुलभूत आवश्यकताओं को पूर्ण कर सके। इसलिए सब को एक साथ मिलकर इस महामारी से लड़ना होगा और इसे हराना होगा इसके बाद देश की अर्थव्यवस्था अपने आप धीरे-धीरे सुधरने लगेगी, शिक्षा व्यवस्था का स्तर स्वयं ही धीरे-धीरे बेहतर से बेहतर होने लगेगा और फिर से मनुष्य पुस्तकों से जुड़ने लगेगा।
यह भी पढ़ें – दीपावली पर निबंध
हमें आशा है कि कोविड 19 पर निबंध (Essay on Covid-19 in Hindi) आपके लिए उपयोगी साबित होगा। संभवतः इसमें आपको इस विषय से जुड़ी सभी जानकारियाँ प्राप्त होंगी। यदि इस कोविड 19 पर निबंध में कुछ ऐसे बिंदु हों जो छूट गए हों, तो कृपया टिप्पणी करके हमें ज़रूर बताएँ। हम जल्द-से-जल्द उन बिन्दुओं को सम्मिलित करने का प्रयत्न करेंगे।