धर्म

बंधन श्याम से – Bandhan Shyam Se Lyrics

पढ़ें “बंधन श्याम से” लिरिक्स

वो आया था वो आयेगा,
कान्हां से पुराना बंधन है,
दुख हर्ता है, सुख कर्ता है
हाथों से सजाता जीवन है
ख़ामोशी को लाचारी को,
एक पल में ये समझता है,
महसूस इसको हो जाता जब
भक्त का आंसू टपकता है

इनको जितना समझो काम है
हाथों से सजाता जीवन है,
दुख हर्ता है, सुख कर्ता है
हाथों से सजाता जीवन है

नरसी जी का मीरा जी का
कर्मा का मान बढ़ाया है,
खुद बिक के इसने भक्तों का
हर दम क़र्ज़ चुकाया है
ये ही मेरा जीवन धन है
हाथों से सजाता जीवन है,
दुख हर्ता है, सुख कर्ता है
हाथों से सजाता जीवन है

दीवानो का दीवाना है
माया का इसको ना चाव है
प्रेमी है ये उस प्रेमी का
रखता जो प्रेम का भाव है
कहता मोहित इनसे हम हैं
हाथों से सजाता जीवन है,
दुख हर्ता है, सुख कर्ता है
हाथों से सजाता जीवन है

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम बंधन श्याम से (Bandhan Shyam Se) भजन को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें यह बंधन श्याम से भजन रोमन में-

Bandhan Shyam Se Lyrics

vo āyā thā vo āyegā,
kānhāṃ se purānā baṃdhana hai,
dukha hartā hai, sukha kartā hai
hāthoṃ se sajātā jīvana hai
ख़āmośī ko lācārī ko,
eka pala meṃ ye samajhatā hai,
mahasūsa isako ho jātā jaba
bhakta kā āṃsū ṭapakatā hai

inako jitanā samajho kāma hai
hāthoṃ se sajātā jīvana hai,
dukha hartā hai, sukha kartā hai
hāthoṃ se sajātā jīvana hai

narasī jī kā mīrā jī kā
karmā kā māna baढ़āyā hai,
khuda bika ke isane bhaktoṃ kā
hara dama क़rज़ cukāyā hai
ye hī merā jīvana dhana hai
hāthoṃ se sajātā jīvana hai,
dukha hartā hai, sukha kartā hai
hāthoṃ se sajātā jīvana hai

dīvāno kā dīvānā hai
māyā kā isako nā cāva hai
premī hai ye usa premī kā
rakhatā jo prema kā bhāva hai
kahatā mohita inase hama haiṃ
hāthoṃ se sajātā jīvana hai,
dukha hartā hai, sukha kartā hai
hāthoṃ se sajātā jīvana hai

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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