आज बुधवार है – Aaj Budhwar Hai
“आज बुधवार है गणेश जी का वार है” (Aaj Budhwar Hai) प्रथम-पूज्य भगवान श्री गणपति को समर्पित बहुत ही मधुर भजन है। इस भजन के बोल (Bhajan lyrics) अत्यन्त सुंदर और चित्ताकर्षक हैं। जो भक्त सदैव इस भजन के माध्यम से गणेश जी का स्मरण करता है, इसमें कोई संशय नहीं कि उसे भगवान श्री गणपति का आशीष निश्चित ही प्राप्त होता है। समस्त संसार में जो कुछ भी शुभ है उसका आरंभ गणपति जी की कृपा से ही होता है। उनका पूजन व स्मरण जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शुभता व सफलता लेकर आता है। पढ़ें यह सुन्दर भजन–
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आज बुधवार है गणेश जी का वार है
आज बुधवार है, गणेश जी का वार है, ये सच्चा दरबार है।
सबसे पहले इनको पूजे, उसका बेड़ा पार है॥
वक्रतुण्ड हैं महाकाय हैं एक दन्त कहलाते हैं,
ऋद्धि-सिद्धि को देने वाले, सबके कष्ट मिटाते हैं।
महिमा अपरम पार है, गणपति जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजे, उसका बेड़ा पार है॥
शिव शंकर ने क्रोध में आकर, इनके शीश को काटा है,
पार्वती की विनती पर फिर, गज का शीश लगाया है।
इनकी जय जयकार है, गणेश जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजे, उसका बेड़ा पार है॥
परशुराम से युद्ध हुआ तब, फरसा इन पर मारे हैं,
एक दाँत फिर टूट गया तो, एक दंत कहलाते हैं।
किरपा का भंडार है, गणपति जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजे, उसका बेड़ा पार है॥
लाडू पेड़ा मोदक मेरे, बप्पा जी को भाता है,
उनकी मुरादें पूर्ण हो जो, इनको भोग चढ़ाता है।
महिमा अपरम पार है, गणेश जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजे, उसका बेड़ा पार है॥
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आज बुधवार है, गणपति जी का वार है, ये सच्चा दरबार है।
सबसे पहले इनको पूजे, उसका बेड़ा पार है॥
आज बुधवार है लम्बोदर का वार है
उपर्युक्त भजन का एक अन्य स्वरूप भी बहुत प्रचलित है। वह भी इतना ही सुंदर और प्रीतिकर है। पढ़ें उस भजन के लिरिक्स हिंदी में–
आज बुधवार है, लम्बोदर का वार है।
जिसने पहले इनको पूजा, उसका बेड़ा पार है॥
जो नित नाम जपे इनका उसके घर वैभव आता है,
इनकी कृपा हुई जिस पर मन चाहा फल पाता है।
इनको दया अपार है लम्बोदर का वार है,
जिसने पहले इनको पूजा उसका बेड़ा पार है॥
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कोई हो शुभ काम शुरू पहले ये पूजे जाते है,
भले देव सारे आएँ पहले गणेश जी आते हैं।
तभी सुखी परिवार है लम्बोदर का वार है,
जिसने पहले इनको पूजा उसका बेड़ा पार है॥
शिव नंदन है सबके प्यारे सबका साथ निभाते है,
अगर पुकारे भक्त कोई मूषक पे चढ़के आते हैं।
खुशियों की भरमार है लम्बोदर का वार है,
जिसने पहले इनको पूजा उसका बेड़ा पार है॥
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प्यारे पुत्र है माँ गौरा के बिगड़े काम बनाते हैं,
बडी ख़ुशी से बड़े स्वाद से ये तो मोदक खाते हैं।
पूज रहा संसार है लम्बोदर का वार है,
जिसने पहले इनको पूजा उसका बेड़ा पार है॥
गणपति बप्पा को भारत में मन से पूजा जाता है,
घर में स्थापित करके दरबार सजाया जाता है।
सब उनका उपकार है लम्बोदर का वार है,
जिसने पहले इनको पूजा उसका बेड़ा पार है॥
आज बुधवार है लम्बोदर का वार है।
जिसने पहले इनको पूजा उसका बेड़ा पार है॥
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विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर आज बुधवार है गणेश जी का वार है (Aaj Budhwar Hai) भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें आज बुधवार है गणेश जी का वार है भजन रोमन में–
āja budhavāra hai gaṇeśa jī kā vāra hai
āja budhavāra hai, gaṇeśa jī kā vāra hai, ye saccā darabāra hai।
sabase pahale inako pūje, usakā beड़ā pāra hai॥
vakratuṇḍa haiṃ mahākāya haiṃ eka danta kahalāte haiṃ,
ṛddhi-siddhi ko dene vāle, sabake kaṣṭa miṭāte haiṃ।
mahimā aparama pāra hai, gaṇapati jī kā vāra hai,
sabase pahale inako pūje, usakā beड़ā pāra hai॥
śiva śaṃkara ne krodha meṃ ākara, inake śīśa ko kāṭā hai,
pārvatī kī vinatī para phira, gaja kā śīśa lagāyā hai।
inakī jaya jayakāra hai, gaṇeśa jī kā vāra hai,
sabase pahale inako pūje, usakā beड़ā pāra hai॥
paraśurāma se yuddha huā taba, pharasā ina para māre haiṃ,
eka dā~ta phira ṭūṭa gayā to, eka daṃta kahalāte haiṃ।
kirapā kā bhaṃḍāra hai, gaṇapati jī kā vāra hai,
sabase pahale inako pūje, usakā beड़ā pāra hai॥
lāḍū peड़ā modaka mere, bappā jī ko bhātā hai,
unakī murādeṃ pūrṇa ho jo, inako bhoga caढ़ātā hai।
mahimā aparama pāra hai, gaṇeśa jī kā vāra hai,
sabase pahale inako pūje, usakā beड़ā pāra hai॥
āja budhavāra hai, gaṇapati jī kā vāra hai, ye saccā darabāra hai।
sabase pahale inako pūje, usakā beड़ā pāra hai॥
āja budhavāra hai lambodara kā vāra hai
uparyukta bhajana kā eka anya svarūpa bhī bahuta pracalita hai। vaha bhī itanā hī suṃdara aura prītikara hai। paढ़eṃ usa bhajana ke liriksa romana meṃ–
āja budhavāra hai, lambodara kā vāra hai।
jisane pahale inako pūjā, usakā beड़ā pāra hai॥
jo nita nāma jape inakā usake ghara vaibhava ātā hai,
inakī kṛpā huī jisa para mana cāhā phala pātā hai।
inako dayā apāra hai lambodara kā vāra hai,
jisane pahale inako pūjā usakā beड़ā pāra hai॥
koī ho śubha kāma śurū pahale ye pūje jāte hai,
bhale deva sāre āe~ pahale gaṇeśa jī āte haiṃ।
tabhī sukhī parivāra hai lambodara kā vāra hai,
jisane pahale inako pūjā usakā beड़ā pāra hai॥
śiva naṃdana hai sabake pyāre sabakā sātha nibhāte hai,
agara pukāre bhakta koī mūṣaka pe caढ़ke āte haiṃ।
khuśiyoṃ kī bharamāra hai lambodara kā vāra hai,
jisane pahale inako pūjā usakā beड़ā pāra hai॥
pyāre putra hai mā~ gaurā ke bigaड़e kāma banāte haiṃ,
baḍī ख़uśī se baड़e svāda se ye to modaka khāte haiṃ।
pūja rahā saṃsāra hai lambodara kā vāra hai,
jisane pahale inako pūjā usakā beड़ā pāra hai॥
gaṇapati bappā ko bhārata meṃ mana se pūjā jātā hai,
ghara meṃ sthāpita karake darabāra sajāyā jātā hai।
saba unakā upakāra hai lambodara kā vāra hai,
jisane pahale inako pūjā usakā beड़ā pāra hai॥
āja budhavāra hai lambodara kā vāra hai।
jisane pahale inako pūjā usakā beड़ā pāra hai॥
जैसा कि स्पष्ट है कि इसका गायन प्रत्येक बुधवार को किया जाता है, अतः इसे बुधवार आरती (Budhwar Aarti) और Wednesday Aarti भी कहा जाता है।