आज शनिवार है – Aaj Shaniwar Hai
“आज शनिवार है शनिदेव का वार है” (Aaj Shaniwar Hai) शनि महाराज को समर्पित बहुत ही मीठा भजन है। भगवान सूर्य के पुत्र शनि देव को नव ग्रहों में न्यायाधीश माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से वे कर्मों के अनुसार प्रत्येक जीव को फल प्रदान करते हैं। शनि देव की वक्र दृष्टि से कोई नहीं बच सकता है। लेकिन वे हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखते हैं और उन्हें सन्मार्ग दिखाते हैं। “आज शनिवार है..” भजन शनि देव के स्मरण का बहुत ही सुन्दर माध्यम है। विशेषतः प्रत्येक शनिवार को यह भजन नियमित गाना चाहिए। पढ़ें भजन के मधुर बोल (Bhajan lyrics) हिंदी में–
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आज शनिवार है शनिदेव का वार है।
इक बार जो दर्शन करले उसका बेड़ा पार है॥
शनि के मंदिर आके जो भी तेल चढ़ाता है,
किरपा करते हैं शनि देवा मन चाहा फल पाता है।
सच्चा ये दरबार है होती जय जय कार है,|
इक बार जो दर्शन करले उसका बेड़ा पार है॥
आज शनिवार है…
त्रिलोकी में शनि देव सा कोई और महान नहीं,
अपने भक्तों के दुःखो से शनि देव अनजान नहीं।
होता बेड़ा पार है हो जाता उद्धार है,
इक बार जो दर्शन करले उसका बेड़ा पार है॥
आज शनिवार है…
इनकी दृष्टि से कोई नहीं बच पाया है,
सभी देवता सिर को झुकाते ऐसी इनकी माया है।
चंचल सेवा धार है लीला अपरमपार है,
इक बार जो दर्शन करले उसका बेड़ा पार है॥
आज शनिवार है…
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जय जय शनि देव महाराज-संकट दूर करे शनि देव
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले।
तुम सूर्य पुत्र बलिधारी, भय मानत दुनिया सारी।
साधत हो दुर्लभ काज॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले।
तुम धर्मराज के भाई, जब क्रूरता पाई।
घन गर्जन करते आवाज॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले।
तुम नील देव विकराली, है साँप पर करत सवारी।
कर लोह गदा रह साज॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले।
तुम भूपति रंक बनाओ, निर्धन स्रछंद्र घर आयो।
सब रत हो करन ममताज॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले।
राजा को राज मितयो, निज भक्त फेर दिवायो।
जगत में हो गयी जय जयकार॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले।
तुम हो स्वामी हम चरणं, सिर करत नमामी जी।
पूर्ण हो जन जन की आस॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले।
जहाँ पूजा देव तिहारी, करें दीन भाव ते पारी।
अंगीकृत करो कृपाल॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले।
कब सुधि दृष्टि निहरो, छमीये अपराध हमारो।
है हाथ तिहारे लाज॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले।
हम बहुत विपत्ति घबराए, शरणागत तुम्हरी आये।
प्रभु सिद्ध करो सब काज॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले।
यहाँ विनय करे कर जोर के, भक्त सुनावे जी।
तुम देवन के सिरताज॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले।
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विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर आज शनिवार है शनिदेव का वार है (Aaj Shaniwar Hai) भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें आज शनिवार है शनिदेव का वार है भजन रोमन में–
Read Aaj Shaniwar Hai
āja śanivāra hai śanideva kā vāra hai।
ika bāra jo darśana karale usakā beड़ā pāra hai॥
śani ke maṃdira āke jo bhī tela caḍha़ātā hai,
kirapā karate haiṃ śani devā mana cāhā phala pātā hai।
saccā ye darabāra hai hotī jaya jaya kāra hai,
ika bāra jo darśana karale usakā beड़ā pāra hai॥
āja śanivāra hai…
trilokī meṃ śani deva sā koī aura mahāna nahīṃ,
apane bhaktoṃ ke duḥkho se śani deva anajāna nahīṃ।
hotā beड़ā pāra hai ho jātā uddhāra hai,
ika bāra jo darśana karale usakā beड़ā pāra hai॥
āja śanivāra hai…
inakī dṛṣṭi se koī nahīṃ baca pāyā hai,
sabhī devatā sira ko jhukāte aisī inakī māyā hai।
caṃcala sevā dhāra hai līlā aparamapāra hai,
ika bāra jo darśana karale usakā beड़ā pāra hai॥
āja śanivāra hai…
jaya jaya śani deva mahārāja-saṃkaṭa dūra kare śani deva
jaya jaya śani deva mahārāja, jana ke saṃkaṭa harane vāle।
tuma sūrya putra balidhārī, bhaya mānata duniyā sārī।
sādhata ho durlabha kāja॥
jaya jaya śani deva mahārāja, jana ke saṃkaṭa harane vāle।
tuma dharmarāja ke bhāī, jaba krūratā pāī।
ghana garjana karate āvāja॥
jaya jaya śani deva mahārāja, jana ke saṃkaṭa harane vāle।
tuma nīla deva vikarālī, hai sā~pa para karata savārī।
kara loha gadā raha sāja॥
jaya jaya śani deva mahārāja, jana ke saṃkaṭa harane vāle।
tuma bhūpati raṃka banāo, nirdhana srachaṃdra ghara āyo।
saba rata ho karana mamatāja॥
jaya jaya śani deva mahārāja, jana ke saṃkaṭa harane vāle।
rājā ko rāja mitayo, nija bhakta phera divāyo।
jagata meṃ ho gayī jaya jayakāra॥
jaya jaya śani deva mahārāja, jana ke saṃkaṭa harane vāle।
tuma ho svāmī hama caraṇaṃ, sira karata namāmī jī।
pūrṇa ho jana jana kī āsa॥
jaya jaya śani deva mahārāja, jana ke saṃkaṭa harane vāle।
jahā~ pūjā deva tihārī, kareṃ dīna bhāva te pārī।
aṃgīkṛta karo kṛpāla॥
jaya jaya śani deva mahārāja, jana ke saṃkaṭa harane vāle।
kaba sudhi dṛṣṭi niharo, chamīye aparādha hamāro।
hai hātha tihāre lāja॥
jaya jaya śani deva mahārāja, jana ke saṃkaṭa harane vāle।
hama bahuta vipatti ghabarāe, śaraṇāgata tumharī āye।
prabhu siddha karo saba kāja॥
jaya jaya śani deva mahārāja, jana ke saṃkaṭa harane vāle।
yahā~ vinaya kare kara jora ke, bhakta sunāve jī।
tuma devana ke siratāja॥
jaya jaya śani deva mahārāja, jana ke saṃkaṭa harane vāle।
जैसा कि स्पष्ट है कि इसका गायन प्रत्येक शनिवार को किया जाता है, अतः इसे शनिवार आरती (Shaniwar Aarti) Saturday Aarti भी कहा जाता है।