क्योंकि लोटा न था – अकबर बीरबल की कहानी
“क्योंकि लोटा न था” छोटी, लेकिन रोचक कथा है, जिसमें बीरबल एक बार फिर अपनी वाक्पटुता से अकबर को हैरान करने में सफल होता है। अन्य अकबर बीरबल की कहानियां पढ़ने के लिए कृपया यहाँ जाएँ – अकबर-बीरबल के किस्से। पढ़ें “क्योंकि लोटा न था”–
एक दिन दरबार में कुछ पहेली बुझौवल की बातें छिड़ीं। सब एक-दूसरे से तरह-तरह की पहेलियाँ पूछने लगे।
इसी बीच बादशाह अकबर ने पूछा, “गधा उदास क्यों दीखता था, ब्राह्मण क्यों प्यासा रहा?”
बीरबल ने दोनों के लिये एक ही उत्तर देकर किस्सा समाप्त किया। उसने कहा, “क्योंकि लोटा नहीं था।”
उसका अभिप्राय यह था कि बिना लोटे गधा उदास था। ज़मीन पर लोटे बिना गधे को चैन नहीं पड़ता है। दूसरी तरफ़ लोटा न रहने से ब्राह्मण भी प्यासा रहा। बिना लोटे के वह पानी नहीं पी सका।
बादशाह अकबर को बीरबल के इस दुअर्थी उत्तर से बड़ी प्रसन्नता हुई और उन्होंने बीरबल को इनाम देकर बिदा किया।