अतुलितबलधामं – Atulita Bala Dhamam
“अतुलितबलधामं” एक प्रसिद्ध ग्रंथ है जो भगवान हनुमान की अद्वितीय शक्ति और भक्ति को दर्शाता है। इसमें हनुमान जी की महिमा, उनके बल, बुद्धि और भक्ति का वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ भक्तों को प्रेरित करता है कि वे अपनी कठिनाइयों का सामना करें और भगवान हनुमान से सहायता मांगें।
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि ॥
Read Atulita Bala Dhamam Lyrics
atulitabaladhāmaṃ hemaśailābhadehaṃ
danujavanakṛśānuṃ jñānināmagragaṇyam ।
sakalaguṇanidhānaṃ vānarāṇāmadhīśaṃ
raghupatipriyabhaktaṃ vātātmajaṃ namāmi ॥
अर्थ: मैं प्रणाम करता हूं श्री हनुमानजी को, जो अतुलनीय बल के धाम और सोने के पर्वत (सुमेरु पर्वत) के समान तेजस्वी शरीर वाले हैं। वे दैत्य रूपी वन को ध्वंस करने हेतु अग्नि के समान रूप धारण करते हैं। ज्ञानियों में सबसे अग्रणी, सम्पूर्ण गुणों के भंडार, वानरों के स्वामी, और श्री रघुनाथजी (श्रीराम) के प्रिय भक्त हैं।