धर्म

अतुलितबलधामं – Atulita Bala Dhamam

“अतुलितबलधामं” एक प्रसिद्ध ग्रंथ है जो भगवान हनुमान की अद्वितीय शक्ति और भक्ति को दर्शाता है। इसमें हनुमान जी की महिमा, उनके बल, बुद्धि और भक्ति का वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ भक्तों को प्रेरित करता है कि वे अपनी कठिनाइयों का सामना करें और भगवान हनुमान से सहायता मांगें।

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह अतुलिता बला धमम् श्लोक को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह मंत्र रोमन में–

Read Atulita Bala Dhamam Lyrics

atulitabaladhāmaṃ hemaśailābhadehaṃ
danujavanakṛśānuṃ jñānināmagragaṇyam ।
sakalaguṇanidhānaṃ vānarāṇāmadhīśaṃ
raghupatipriyabhaktaṃ vātātmajaṃ namāmi ॥

अर्थ: मैं प्रणाम करता हूं श्री हनुमानजी को, जो अतुलनीय बल के धाम और सोने के पर्वत (सुमेरु पर्वत) के समान तेजस्वी शरीर वाले हैं। वे दैत्य रूपी वन को ध्वंस करने हेतु अग्नि के समान रूप धारण करते हैं। ज्ञानियों में सबसे अग्रणी, सम्पूर्ण गुणों के भंडार, वानरों के स्वामी, और श्री रघुनाथजी (श्रीराम) के प्रिय भक्त हैं।

सुरभि भदौरिया

सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!
Exit mobile version