पंचतंत्र की कहानी – न कोई छोटा, न कोई बड़ा
“न कोई छोटा, न कोई बड़ा” कहानी में बताया गया है कि किसी भी इंसान को–चाहे वह छोटा हो या बड़ा–कभी नीचा नहीं दिखाना चाहिए।
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Read More“बुजदिल मत बनो” बहुत ही रोचक कथा है। पंचतंत्र की यह कहानी बताती है कि होशियारी से किस तरह शत्रुओं को भी मित्र बनाया जा सकता है।
Read More“न राजा बिना सेवक, न सेवक बिना राजा” पंचतंत्र की कहानी है जिसमें दमनक पिंगलक शेर को सच्चे साथियों के महत्व को समझाता है।
Read More“धोखेबाज मित्र” पंचतंत्र की पहली कहानी है, जिसमें ग्रंथ की भूमिका बांधी गयी है। पढ़ें यह रोचक कहानी और जानें आख़िर पिंगलक शेर क्यों भाग गया।
Read Moreपढ़ें पंचतंत्र की कहानियां हिंदी में। आचार्य विष्णु शर्मा रचित संपूर्ण मूल संस्कृत के पांचों खंडों की कहानियां सरल हिंदी में समझें और लाभ लें।
Read More“घनस्याम की रूप माधुरी” कविता में स्व. श्री नवल सिंह भदौरिया “नवल” ने श्रीकृष्ण के दिव्य रूप और लीलाओं का ब्रज भाषा में बड़ा सजीव वर्णन किया है।
Read More“घनश्याम की आँखें” श्री नवल सिंह भदौरिया रचित ब्रज भाषा की मधुर कविता है, जिसमें श्रीकृष्ण की आँखों का सुंदर वर्णन पढ़ने को मिलता है।
Read More“कन्हैया की बाँसुरी” कवियों व भक्तों को हमेशा से आकर्षित करती रही है। इसी विषय पर पढ़ें स्व. श्री नवल सिंह भदौरिया की यह ब्रज भाषा में कविता।
Read Moreब्रज-महिमा कविता में ब्रज के योगदान और इसकी महिमा का गायन है। स्व. श्री नवल सिंह भदौरिया द्वारा रचित ब्रज भाषा की इस कविता का आनन्द लें।
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