कुछ ख़ास बदला नहीं है
माहीन की कविता “कुछ ख़ास बदला नहीं है” बताती है कि किसी ख़ास के ज़िन्दगी से जाने के बाद जो ठहराव आता है, वह कभी नहीं जाता।
Read Moreमाहीन की कविता “कुछ ख़ास बदला नहीं है” बताती है कि किसी ख़ास के ज़िन्दगी से जाने के बाद जो ठहराव आता है, वह कभी नहीं जाता।
Read Moreइश्क़ की गहराइयों को छूती माहीन की यह कविता आपके दिलो-दिमाग़ के तारों को ज़रूर छूएगी।
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