धर्म

बाबा बालक नाथ चालीसा – Baba Balak Nath Chalisa in Hindi

बाबा बालक नाथ चालीसा का पाठ सभी दुःख-दर्द दूर करने वाला है। कहते हैं कि जो भी साफ़ अन्तःकरण से प्रतिदिन बाबा का स्मरण करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ उनकी कृपा से पूर्ण हो जाती हैं। जो संतानहीन हैं, उन्हें बाबा के आशीर्वाद से निश्चित ही संतान-प्राप्ति होती है। भगवान शिव की अमर कथा से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि बाबा बालक नाथ एक सिद्ध पुरुष हैं।

जगत में ऐसा क्या है, जो उनके लिए संभव न हो। बाबा बालक नाथ चालीसा के प्रत्येक अक्षर में ऐसी शक्ति सन्निहित है, जो ऊर्जा से परिपूर्ण है। इसे जागृत करने के लिए आवश्यकता है तो केवल नित्य पाठ करने की और हृदय में बाबा के प्रति श्रद्धा व भक्ति की। आइए, पढ़ते हैं बाबा बालक नाथ चालीसा (Baba Balak Nath Ji Chalisa) हिंदी में–

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गुरू चरणों में सीस धर करूं प्रथम प्रणाम,
बख्शो मुझको बाहुबल, सेव करूं निष्काम ,
रोम रोम में रम रहा,रूप तुम्हारा नाथ
दूर करो,अवगुण मेरे, पकड़ो मेरा हाथ

बालक नाथ ज्ञान भंडारा।
दिवस रात जपु नाम तुम्हारा ॥

तुम हो जपी तपी अविनाशी।
तुम ही हो मथुरा काशी

तुमरा नाम जपे नर नारी।
तुम हो सब भक्तन हितकारी ॥

तुम हो शिव शंकर के दासा।
बीच गुफा तुम्हारा वासा ॥

सर्वलोक तुमरा जस गावें।
ऋषि मुनि सब नाम ध्यावें ॥

कान्धे पर झोली विराजे।
हाथ में सुन्दर चिमटा साजे ॥

सूरज के सम तेज तुम्हारा।
मन मंदिर में करे उजारा ॥

बाल रूप धर गऊ चरावे।
रत्नों की करी दूर बलायें ॥

अमर कथा सुनने को रसिया।
महादेव तुमरे मन बसिया ॥

शाह तलाईयां आसन लाया।
शिव भोले का नाम ध्याया ॥

रत्नों का तू पुत्र कहाया।
जिमींदारो ने बुरा बनाया ॥

ऐसा चमत्कार तुमने दिखलाया।
सबके मन का भ्रम मिटाया ॥

रिद्धि सिद्धि नवनिधि के दाता।
मात लोक के भाग विधाता ॥

जो नर तुमरा नाम ध्यावें।
जन्म जन्म के दुःख बिसरावें ॥

अन्तकाल जो सिमरण करता।
भव सागर से पार उतरता ॥

संकट कटे मिटे सब रोगा।
बालक नाथ जपे जो लोगा ॥

लक्ष्मी पुत्र शिव भक्त है प्यारा।
बालक नाथ है नाम तुम्हारा ॥

दूधाधारी सिर जटा सुहावै।
अंग विभूति तन भस्म रमावे ॥

पौणाहारी बाबा, दूधाधारी।
कलयुग के तुम हो अवतारी ॥

अद्भुत तेज प्रताप तुम्हारे।
घट-घट की तुम जानन हारे ॥

बाल रूप धरि भक्तन तारे।
भक्तन के हैं पाप मिटाये ॥

गोरख नाथ सिद्ध जटाधारी।
अजमाने आया तुम्हें पौणाहारी ॥

जब उस पेश गई न कोई।
हार मान फिर मित्रता होई ॥

घट घट के अन्तर की जानत।
भले बुरे की पीड़ पछानत ॥

सूक्ष्म रूप करे पवन अहारा।
पैनाहारी हुआ नाम तुम्हारा ॥

दर पे जोत जगे दिन रैणा।
तुम रक्षक भय कोऊँ है ना ॥

भक्त जन जब नाम पुकारा।
तब ही उनका दुख निवारा ॥

सेवक करे नित तेरी पूजा।
तुम जैसा दानी नहीं दूजा ॥

तीन लोक महिमा तब गाई।
गौरख को जब कला दिखाई ॥

बालक नाथ अजय अविनाशी।
करो कृपा घट-घट के वासी ॥

तुमरा पाठ करे जो कोई।
बन्धन छूट महा सुख होई ॥

त्राहि त्राहि में नाथ पुकारूँ।
देहि दर्शन मोहे पार उतारो ॥

लै त्रिशूल शत्रुगण मारे।
भक्त जनों के काज संवारे ॥

मात पिता बन्धु और भाई।
विपत काल पूछे नहीं काई ॥

दूधाधारी एक आस तुम्हारी।
आन हरो अब संकट भारी ॥

पुत्रहीन इच्छा करे कोई।
निश्चय नाथ प्रसाद ते होई ॥

बालक नाथ की गुफा न्यारी।
रोट चढ़ावे जो नर नारी ॥

ऐतवार व्रत करे हमेशा।
घर में रहे न कोई कलेशा ॥

करूँ वन्दना सीस निवाये।
नाथ जी रहना सदा सहाये ॥

हम करें गुणगान तुम्हारा।
भव सागर करो पार उतारा ॥

हिंदीपथ के माध्यम से हमने आप सभी के साथ साझा किया बाबा बालक नाथ चालीसा (Baba Balak Nath Chalisa) और उसे पढ़ने के फायदे एवं महत्त्व। हमारे इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से आप Baba Balak Nath Chalisa PDF Download भी कर सकते हैं। इसे डाउनलोड (Baba Balak Nath Chalisa in Hindi Download) करके आप अपने डिवाइस पर सेव करके या इसका प्रिंट करवा कर रख सकते हैं, ताकि आवश्यकता अनुसार इसका उपयोग किया जा सके। आइये अब जानते हैं बाबा बालक नाथ से जुड़े कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-

बाबा बालक नाथ या सिद्ध बाबा बालक नाथ, एक हिंदू देवता हैं जिनकी पूजा उत्तरी भारतीय राज्यों जैसे दिल्ली, पंजाब, और हिमाचल प्रदेश में की जाती है। उनके मंदिर को “देव सिद्ध” के नाम से जाना जाता है। उनका मंदिर भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के हमीरपुर और बिलासपुर ज़िलों की सीमा पर स्थित है। 

बाबा बालक नाथ मंदिर हमीरपुर ज़िले के “चकमोह” गाँव में पहाड़ी की चोटी पर एक प्राकृतिक गुफ़ा में स्थित है, जिसे बाबा का निवास स्थान माना जाता है। गुफ़ा में बाबा की मूर्ति स्थापित है। बाबा बालक नाथ चालीसा 40 पंक्तियों का स्त्रोत है, जिसमें बालक नाथ जी की महिमा का बखान किया गया है। 

श्री बालक नाथ जी को भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय का पुनर्जन्म माना जाता है, जो सतयुग में राक्षस तारकासुर का विनाश करने के लिए पैदा हुए थे। ये देवी गंगा को प्रिय हैं और गुजरात के काठियावाड़ जूनागढ़ में एक पंडित विष्णु और लक्ष्मी के पुत्र के रूप में पार्थिव निवास पर पैदा हुए थे। गिरनार में दंपत्ति द्वारा की गई प्रार्थना के बदले में शिव जी और देवी पार्वती जी द्वारा निसंतान दंपत्ति को वरदान के रूप में एक बच्चा प्रदान किया गया था। वही बच्चा बाबा बालकनाथ के नाम से पहचाना गया। 

उत्तर भारत में ये पूजनीय हैं और इन्हें भगवान कार्तिकेय का अवतार मानकर इनकी पूजा की जाती है। इनकी चालीसा (Baba Balak Nath Ji Chalisa) का पाठ व्यक्ति के सभी दुख तकलीफों को दूर करता है।

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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