धर्म

बाबा गंगाराम जी की आरती – Baba Gangaram Ji Aarti

बाबा गंगाराम जी की आरती सभी कष्ट-संतापों को हरने वाली है। मान्यता के अनुसार बाबा गंगाराम जी स्वयं साक्षात् विष्णु भगवान के अवतार हैं। ऐसे अवतारी पुरुष के स्मरण मात्र से ही पापों का नाश होता है और पुण्य उदित होने लगते हैं।

कलियुग में ऐसा कोई काम नहीं, जो बाबा गंगाराम जी की आरती (Baba Gangaram Ji Aarti) के नित्य गायन से न हो सके। पढ़ें यह आरती और अपना जीवन धन्य करें–

देवलोक में आप विराजो सारे जग में हो महान।
जो कोई सुमिरण करे आपका हो निश्चय कल्याण ॥बाबा… ॥

श्रद्धा भाव जो मन में राखे धरे आपका ध्यान।
उसकी रक्षा आप करो नित हो करुणा के धाम॥ बाबा… ॥

म्हें हां बालक थारा बाबा म्हानै नही कुछ ज्ञान।
हाथ जोड़कर विनती करां म्हें हां भोला नादान ॥ बाबा… ॥

सुख सम्पत्ति के देने वाले सदा करो कल्याण।
भूल-चूक म्हारी माफ करो थे देव बड़े बलवान ॥ बाबा… ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर बाबा गंगाराम जी की आरती (Baba Gangaram Ji Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें बाबा गंगाराम जी की आरती रोमन में–

Read Baba Gangaram Ji Aarti

devaloka meṃ āpa virājo sāre jaga meṃ ho mahāna।
jo koī sumiraṇa kare āpakā ho niścaya kalyāṇa ॥bābā ॥

śraddhā bhāva jo mana meṃ rākhe dhare āpakā dhyāna।
usakī rakṣā āpa karo nita ho karuṇā ke dhāma॥ bābā॥

mheṃ hāṃ bālaka thārā bābā mhānai nahī kucha jñāna।
hātha joḍa़kara vinatī karāṃ mheṃ hāṃ bholā nādāna ॥ bābā॥

sukha sampatti ke dene vāle sadā karo kalyāṇa।
bhūla-cūka mhārī māpha karo the deva baḍa़e balavāna ॥ bābā ॥

यदि हम बाबा के सामने श्रद्धा और भक्ति से भरकर समर्पण करते हैं, तो बाबा हमारी जिम्मेदारी खुद ले लेते हैं। वे हर तरह से अपने भक्तों का कल्याण चाहने और करने वाले हैं। सरल भाव से जो भी भक्त उनके सम्मुख जाता है, वे उसकी सारी भूल-चूक माफ कर देते हैं। उनका नित्य ध्यान ही इस घोर कलियुग में संसार-सागर से तरने का सबसे सरल उपाय है। जो भी उनका स्मरण करता है, इस जग में उसका कल्याण अवश्य ही होता है। इसमें कोई शंका ही नहीं है। कृपया बाबा गंगाराम जी की चालीसा पढ़ने के लिए यहाँ जाये – बाबा गंगाराम जी की चालीसा

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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