धर्मस्वामी विवेकानंद

भारत में विवेकानंद – भारतीय व्याख्यान – कोलम्बो से अल्मोड़ा तक

“भारत में विवेकानंद” नामक यह पुस्तक ही “भारतीय व्याख्यान” और “कोलम्बो से अल्मोड़ा तक” नामों से प्रकाशित हुई है। पश्चिम की अपनी प्रथम यात्रा के बाद भारत-भूमि पर स्वामी विवेकानन्द ने जो तेजस्वी और राष्ट्र को जागृत करने वाले भाषण दिए, वे ही इस किताब में संकलित हैं।

इस पुस्तक का प्रत्येक व्याख्यान हिंदू धर्म के मूल तत्त्वों को समझाता है, वेदान्त के उदात्त दर्शन के व्यावहारिक उपयोग को दर्शाता है तथा शरीर के कण-कण को ओजस्विता से भर देता है। पढ़ें “भारत में विवेकानंद” पुस्तक के सभी अध्याय–

  1. प्राची में प्रथम सार्वजनिक व्याख्यान
  2. वेदान्त
  3. पाम्बन-अभिनन्दन का उत्तर
  4. यथार्थ उपासना
  5. रामनाड़-अभिनन्दन का उत्तर
  6. परमकुड़ी-अभिनन्दन का उत्तर
  7. मानमदुरा-अभिनन्दन का उत्तर
  8. मदुरा-अभिनन्दन का उत्तर
  9. वेदांत का उद्देश्य
  10. मद्रास-अभिनन्दन का उत्तर
  11. मेरी क्रान्तिकारी योजना
  12. भारतीय जीवन में वेदान्त का प्रभाव
  13. भारत के महापुरुष
  14. हमारा प्रस्तुत कार्य
  15. भारत का भविष्य
  16. दान
  17. कलकत्ता-अभिनन्दन का उत्तर
  18. सर्वांग वेदांत
  19. अल्मोड़ा-अभिनन्दन का उत्तर
  20. वैदिक उपदेश – तात्त्विक और व्यावहारिक
  21. भक्ति
  22. हिंदू धर्म के सामान्य आधार
  23. भक्ति
  24. वेदांत
  25. वेदान्त
  26. इंग्लैंड में भारतीय आध्यात्मिक विचारों का प्रभाव
  27. संन्यास – उसका आदर्श तथा साधन
  28. मैंने क्या सीखा?
  29. वह धर्म जिसमें हम पैदा हुए

स्वामी विवेकानंद के ये व्याख्यान जितने उस समय प्रासंगिक थे, उतने ही आज भी हैं। इनका प्रत्येक शब्द चिन्तन करने योग्य है।

जितना ही इस पुस्तक का चिंतन-मनन किया जाएगा और इसमें दिए उपदेशों को क्रियान्वित किया जाएगा, उतना ही हम सब का और राष्ट्र का भला होगा।

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