धर्म

ब्रह्मचारिणी माता की आरती – Brahmacharini Mata Ki Aarti

ब्रह्मचारिणी माता की आरती का श्रवण करने से मन को शांति तथा पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। मां ब्रह्मचारिणी की आरती व पूजा करने से तप, सदाचार, संयम और मनवांछित फल मिलते हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। ब्रह्मचारिणी माता की आरती को नवरात्रि के पावन दिनों में करने से भक्तों को सुख शांति और धन वैभव मिलता है।

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप अत्यंत सौम्य, मोहक, कोमल और मन को प्रसन्न करने वाला है। ब्रह्मचारिणी माता की आरती (Brahmacharini Mata Ki Aarti) एवं पूजा साधना साधकों द्वारा कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए होती है जिससे जीवन सफल हो सके। मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मचारिणी माता की आरती करने से मां की असीम अनुकंपा हमेशा अपने भक्तों पर बनी रहती है। मां ब्रह्मचारिणी की आरती पढ़ें और उनकी कृपा तथा भक्ति की प्राप्ति करें। नवरात्रि के दूसरे दिन यह आरती पढ़ी जाती है।

यह भी पढ़ें – माता ब्रह्मचारिणी की कथा

जय अंबे ब्रह्मचारिणी माता,
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो,
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा,
जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता,
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए,
कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने,
जो ​तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर,
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना,
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्मचारिणी तेरो नाम,
पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी,
रखना लाज मेरी महतारी।

यह भी पढ़ें – तन्त्रोक्तं देवी सूक्तम्

एक अमेज़न एसोसिएट के रूप में उपयुक्त ख़रीद से हमारी आय होती है। यदि आप यहाँ दिए लिंक के माध्यम से ख़रीदारी करते हैं, तो आपको बिना किसी अतिरिक्त लागत के हमें उसका एक छोटा-सा कमीशन मिल सकता है। धन्यवाद!

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर मां ब्रह्मचारिणी की आरती (Maa Brahmacharini Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें ब्रह्मचारिणी माता की आरती रोमन में–

Read Maa Brahmacharini Ki Aarti

तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।
ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्

शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।
शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम्॥

jaya aṃbe brahmacāriṇī mātā,
jaya caturānana priya sukha dātā।

brahmā jī ke mana bhātī ho,
jñāna sabhī ko sikhalātī ho।

brahmā maṃtra hai jāpa tumhārā,
jisako jape sakala saṃsārā।

jaya gāyatrī veda kī mātā,
jo mana nisa dina tumheṃ dhyātā।

kamī koī rahane na pāe,
koī bhī dukha sahane na pāe।

usakī virati rahe ṭhikāne,
jo ​terī mahimā ko jāne।

rudrākṣa kī mālā le kara,
jape jo maṃtra śraddhā de kara।

ālasa choḍa़ kare guṇagānā,
māṃ tuma usako sukha pahuṃcānā।

brahmacāriṇī tero nāma,
pūrṇa karo saba mere kāma।

bhakta tere caraṇoṃ kā pujārī,
rakhanā lāja merī mahatārī।

māṃ brahmacāriṇī kī stotra pāṭha

tapaścāriṇī tvaṃhi tāpatraya nivāraṇīm।
brahmarūpadharā brahmacāriṇī praṇamāmyaham॥

śaṃkarapriyā tvaṃhi bhukti-mukti dāyinī।
śāntidā jñānadā brahmacāriṇīpraṇamāmyaham॥

यह भी पढ़ें

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!
Exit mobile version