धर्म

दशावतार स्तोत्र – Dasavatara Stotram Lyrics

“दशावतार स्तोत्र” के बोल अर्थात् लिरिक्स पढ़ें। इस स्तोत्र मे भगवान श्रीविष्णु जी के मीन, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, बलराम, बुद्ध और कल्कि दस अवतारों का वर्णन किया हुआ है। पढ़ें यह स्तोत्र-

मीन अवतार
प्रलयपयोधिजले धृतवानसि वेदम् ।
विहितवहित्रचरित्रमखेदम्॥
केशव धृतमीनशरीर जय जगदीश हरे॥1॥

कूर्म अवतार
क्षितिरतिविपुलतरे तव तिष्ठति पृष्ठे ।
धरणिधरणकिणचक्रगरिष्ठे॥
केशव धृतकच्छपरूप जय जगदीश हरे॥2॥

वराह अवतार
वसति दशनशिखरे धरणी तव लग्ना ।
शशिनि कलंकलेव निमग्ना॥
केशव धृतसूकररूप जय जगदीश हरे॥3॥

नरसिंह अवतार
तव करकमलवरे नखमद्भुतश्रृंगम् ।
दलितहिरण्यकशिपुतनुभृंगम्॥
केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे॥4॥

वामन अवतार
छलयसि विक्रमणे बलिमद्भुतवामन ।
पदनखनीरजनितजनपावन॥
केशव धृतवामनरूप जय जगदीश हरे॥5॥

परशुराम अवतार
क्षत्रियरुधिरमये जगदपगतपापम् ।
स्नपयसि पयसि शमितभवतापम्॥
केशव धृतभृगुपतिरूप जय जगदीश हरे॥6॥

राम अवतार
वितरसि दिक्षु रणे दिक्पतिकमनीयम् ।
दशमुखमौलिबलिं रमणीयम्॥
केशव धृतबुद्धशरीर जय जगदीश हरे॥7॥

बलराम अवतार
वहसि वपुशि विसदे वसनम् जलदाभम्।
हल-हति-भीति-मिलित-यमुनाभम्॥
केशव धृत-हलधर रूप जय जगदीश हरे॥8॥

बुद्ध अवतार
नंदसि यज्ञ- विधेर् अहः श्रुति जातम्।
सदय-हृदय-दर्शित-पशु-घातम्॥
केशव धृत-बुद्ध-शरीर जय जगदीश हरे॥9॥

कल्कि अवतार
म्लेच्छनिवहनिधने कलयसि करवालम्।
धूमकेतुमिव किमपि करालम्॥
केशव धृतकल्किशरीर जय जगदीश हरे॥10॥

श्रीजयदेवकवेरिदमुदितमुदारम्।
श्रृणु सुखदं शुभदं भवसारम्॥
केशव धृतदशविधरूप जय जगदीश हरे॥11॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह दशावतार स्तोत्र को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें स्तोत्र रोमन में–

Read Dasavatara Stotra

mīna avatāra
pralayapayodhijale dhṛtavānasi vedam ।
vihitavahitracaritramakhedam॥
keśava dhṛtamīnaśarīra jaya jagadīśa hare॥1॥

kūrma avatāra
kṣitirativipulatare tava tiṣṭhati pṛṣṭhe ।
dharaṇidharaṇakiṇacakragariṣṭhe॥
keśava dhṛtakacchaparūpa jaya jagadīśa hare॥2॥

varāha avatāra
vasati daśanaśikhare dharaṇī tava lagnā ।
śaśini kalaṃkaleva nimagnā॥
keśava dhṛtasūkararūpa jaya jagadīśa hare॥3॥

narasiṃha avatāra
tava karakamalavare nakhamadbhutaśrṛṃgam ।
dalitahiraṇyakaśiputanubhṛṃgam॥
keśava dhṛtanaraharirūpa jaya jagadīśa hare॥4॥

vāmana avatāra
chalayasi vikramaṇe balimadbhutavāmana ।
padanakhanīrajanitajanapāvana॥
keśava dhṛtavāmanarūpa jaya jagadīśa hare॥5॥

paraśurāma avatāra
kṣatriyarudhiramaye jagadapagatapāpam ।
snapayasi payasi śamitabhavatāpam॥
keśava dhṛtabhṛgupatirūpa jaya jagadīśa hare॥6॥

rāma avatāra
vitarasi dikṣu raṇe dikpatikamanīyam ।
daśamukhamaulibaliṃ ramaṇīyam॥
keśava dhṛtabuddhaśarīra jaya jagadīśa hare॥7॥

balarāma avatāra
vahasi vapuśi visade vasanam jaladābham।
hala-hati-bhīti-milita-yamunābham॥
keśava dhṛta-haladhara rūpa jaya jagadīśa hare॥8॥

buddha avatāra
naṃdasi yajña- vidher ahaḥ śruti jātam।
sadaya-hṛdaya-darśita-paśu-ghātam॥
keśava dhṛta-buddha-śarīra jaya jagadīśa hare॥9॥

kalki avatāra
mlecchanivahanidhane kalayasi karavālam।
dhūmaketumiva kimapi karālam॥
keśava dhṛtakalkiśarīra jaya jagadīśa hare॥10॥

śrījayadevakaveridamuditamudāram।
śrṛṇu sukhadaṃ śubhadaṃ bhavasāram॥
keśava dhṛtadaśavidharūpa jaya jagadīśa hare॥11॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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