धर्म

गणेश जी के भजन – Ganesh Ji Ke Bhajan

गणेश जी के भजन (Ganesh Ji Ke Bhajan) की सूची आपके सम्मुख प्रस्तुत करते हुए हमें अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है। भगवान श्री गणेश ज्ञान के देवता हैं और सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने वाले हैं। यही कारण है कि वे सभी देवताओं में प्रथम-पूज्य भी माने जाते हैं। गणपति बप्पा सहज ही अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं और उनके सभी बिगड़े काम बना देते हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के दुलारे हैं और भगवान कार्तिकेय के भाई हैं। जो श्रद्धा और भक्ति से भरकर गणेश जी के भजन गाता है, उसके ऊपर सुख-समृद्धि की वर्षा अवश्य होती है।

यहाँ कई अलग-अलग तरीक़े के श्री गणेश के भजन (Ganpati ji ke bhajan) उपलब्ध हैं, इसलिए आप वे भजन चुन सकते हैं जो आपकी पसंद के अनुकूल हों। कुछ लोकप्रिय गणेश भजनों में “जय गणेश जय गणेश”, “एकदंतया वक्रतुण्डाय” और “विघ्नहर्ता” आदि भी शामिल हैं जिन्हें आप यहाँ पढ़ सकते हैं।

गणेज जी के भजनों का यह ऑनलाइन संग्रह आपको बाप्पा की भक्ति से अवश्य ही सराबोर कर देगा। पढ़ें, गाएँ व मित्रों-संबंधियों के साथ शेअर करें।

1. आज बुधवार है
2. गणपति आयो बापा रिद्धि सिद्धि लायो
3. श्री गणेश जी की अमृतवाणी
4. मोरया रे
5. तेरी जय हो गणेश

6. घर में पधारो गजानंद जी
7. शेंदुर लाल चढायो
8. विघ्नहर्ता
9. देवा श्री गणेशा
10. शिव पारवती ने तुम्हे

11. म्हारा कीर्तन में रस बरसाओ
12. तुम जो कृपा करो
13. गणपति आयो बापा रिद्धि सिद्धि लायो
14. शिव पार्वती ने तुम्हे
15. म्हारा कीर्तन में रस बरसाओ

16. एकदंतया वक्रतुण्डाय
17. मेरे गणनायक तुम आ जाओ
18. जय गणेश गणनाथ दयानिधि
19. गौरी गणेश मनाऊँ
20. बिगड़ी तेरी बनाएगा नाम गणपति का

21. ओ गोरा के लाल गजानन आ जाना
22. जय गौरी लाल तेरी जय होवे
23. हे गणपति गजानन
24. जय गणेश काटो कलेश
25. हुई गलियों में जय जयकार

26. मनाओ जी गणेश भक्तों
27. आओ आओ गजानन आओ
28. अपने रंग रंगलो गजानन
29. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
30. गौरी के लाड़ले

31. जय गणेश जय मेरे देवा
32. देव बाप्पा आले रे
33. घुमतड़ा घर आवो
34. मेरे घर गणपति जी है आए
35. गणपति गजवदन विनायक



सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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