गिरिजा माता की आरती
गिरिजा माता की आरती का गायन अद्भुत प्रभाव उत्पन्न करता है। माता के पूजन के बाद इस आरती को गाने का विधान है। जो भक्त गिरिजा माता की आरती करता है उसे अक्षय सुख मिलता है। कहते हैं कि गिरिजा देवी का नित्य स्मरण और गिरिजा माता की आरती का गायन जन्म-जन्मान्तर के दुःखों का निवारण करने में सक्षम हैं। माँ सदैव ही वात्सल्य की मूरत हैं। इसलिए हृदय को निस्पृह करके माता की भक्ति करने से सांसारिक भोग और संसार चक्र से मुक्ति–दोनों की ही प्राप्ति सहज हो जाती है।
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
माँ जय गिरिजा मैय्या,
जो जन तुमको ध्याता,
जो जन तुमको ध्याता,
अनुपम सुख पाता,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
माँ जय गिरिजा मैय्या,
जो जन तुमको ध्याता,
जो जन तुमको ध्याता,
अनुपम सुख पाता,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
कोशी नदी सुहावनि,
नित पद रज धोती,
मैय्या सतत् चरण धोती,
अविरल अर्पित करती,
अविरल अर्पित करती,
जल कन के मोती,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
वृक्ष लताएं जपती,
जय मैय्या मैय्या,
मां जय मैय्या मैय्या,
मन्द पवन का नर्तन,
मन्द पवन का नर्तन,
करता ता थैय्या,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
अद्भभुत पर्वत माला,
वास तेरा प्यारा,
मां वास तेरा प्यारा,
पहरेदारी करती,
कोशी की धारा,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
हे माँ पर्वतवासिनि,
जग पालन हारी,
मां जग पालन हारी,
आनन्दयुत दर्शन दो,
आनन्दयुत दर्शन दो,
अनुपम छवि न्यारी,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
माँ जय गिरिजा मैय्या,
जो जन तुमको ध्याता,
जो जन तुमको ध्याता,
अनुपम सुख पाता,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
माॅ जय गिरिजा मैय्या,
जो जन तुमको ध्याता,
जो जन तुमको ध्याता,
अनुपम सुख पाता,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
माँ जय गिरिजा मैय्या,
जो जन तुमको ध्याता,
जो जन तुमको ध्याता,
अनुपम सुख पाता,
ॐ जय गिरिजा मैय्या,
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर गिरिजा माता आरती को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें गिरिजा माता आरती रोमन में–
oṃ jaya girijā maiyyā,
mā~ jaya girijā maiyyā,
jo jana tumako dhyātā,
jo jana tumako dhyātā,
anupama sukha pātā,
oṃ jaya girijā maiyyā,
oṃ jaya girijā maiyyā,
mā~ jaya girijā maiyyā,
jo jana tumako dhyātā,
jo jana tumako dhyātā,
anupama sukha pātā,
oṃ jaya girijā maiyyā,
kośī nadī suhāvani,
nita pada raja dhotī,
maiyyā satat caraṇa dhotī,
avirala arpita karatī,
avirala arpita karatī,
jala kana ke motī,
oṃ jaya girijā maiyyā,
vṛkṣa latāeṃ japatī,
jaya maiyyā maiyyā,
māṃ jaya maiyyā maiyyā,
manda pavana kā nartana,
manda pavana kā nartana,
karatā tā thaiyyā,
oṃ jaya girijā maiyyā,
adbhabhuta parvata mālā,
vāsa terā pyārā,
māṃ vāsa terā pyārā,
paharedārī karatī,
kośī kī dhārā,
oṃ jaya girijā maiyyā,
he mā~ parvatavāsini,
jaga pālana hārī,
māṃ jaga pālana hārī,
ānandayuta darśana do,
ānandayuta darśana do,
anupama chavi nyārī,
oṃ jaya girijā maiyyā,
oṃ jaya girijā maiyyā,
mā~ jaya girijā maiyyā,
jo jana tumako dhyātā,
jo jana tumako dhyātā,
anupama sukha pātā,
oṃ jaya girijā maiyyā,
oṃ jaya girijā maiyyā,
māॅ jaya girijā maiyyā,
jo jana tumako dhyātā,
jo jana tumako dhyātā,
anupama sukha pātā,
oṃ jaya girijā maiyyā,
oṃ jaya girijā maiyyā,
mā~ jaya girijā maiyyā,
jo jana tumako dhyātā,
jo jana tumako dhyātā,
anupama sukha pātā,
oṃ jaya girijā maiyyā,