हींग के फायदे – Hing Ke Fayde
हींग के फायदे (Hing Ke Fayde) अनेक हैं। वैसे तो हींग एक मसााला है जो भारतीय व्यंजनों में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यह अपने तीखे स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है। हींग के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं।
हींग के फायदे जानें – Benefits of Hing In Hindi
- कीड़ा खाये खोखले दांत दर्द में हींग भरने से तुरन्त लाभ होता है।
- दाँत या दाढ़ के खोखले भाग में अफीम और नौसादर 1-1 मि.ग्रा. को आपस में खूब मिलाकर गोली बनाकर छिद्र में रखकर दबालें। इस प्रयोग से खोखला छेद भर जाएगा, जीवन भर को आराम हो जाएगा ।
- हींग को गरम करके दाढ़ के नीचे दबा लेने से कृमि (कीड़ा) के कारण होने वाला दर्द शीघ्र ही शान्त हो जाता है।
पेचिश में – थोड़ी सी हींग दही में लपेटकर प्रयोग करें।
- हस्तमैथुन क्रिया आदि करने के कारण लिंग में विकार आ जाने पर रात्रि को सोते समय तीन ग्राम हींग को पानी में पीसकर लिंग पर 15-20 दिनों तक लेप करते रहने से तथा प्रात:काल को गरम पानी से लिंग धो डालने से अत्यन्त लाभ होता है। हानिरहित अमूल्य योग है।
- हींग को पानी में पीसकर घुटनों पर लेप करने से घुटनों का दर्द रफू चक्कर हो जाता है। घुटनों का दर्द भगाने में भी हींग के फायदे बड़े हैं।
- हींग को गरम पानी में घोलकर नाभि के आस-पास लेपकर तथा थोड़ी सी हींग भूनकर शहद के साथ चाट लेने से डकारें आना बन्द हो जाती हैं तथा भूख बढ़ जाती है।
- दाँत दर्द में गरम पानी में हींग घोलकर कुल्ला करना उपयोगी है।
- आक के दूध में हींग को घिसकर लेप करें। बिच्छू का विष नष्ट होगा।
- हींग का चूर्ण 4 माशा 20 तोला दही में मिलाकर प्रात:काल पीने से तथा दोपहर में दही-भात खाने से (यह क्रिया तीन दिन करें) नारू रोग इस प्रयोग से जड़ से नष्ट हो जाता है।
- यदि अफीम खाये अधिक समय न हुआ हो तो पहले राई या रीठे का जल पिलाकर वमन कराये और यदि अधिक समय हो गया हो तो हींग को मट्ठे में मिलाकर पिलायें। शर्तिया इलाज है।
- घाव में कीड़े पड़ जाने और अत्यधिक दुर्गन्ध उत्पन्न हो जाने पर नीम के ताजे पत्ते दो तोला और हींग 1 माशा मिलाकर घी के साथ पीसकर पुल्टिस बनाकर घाव पर बांधने से कृमि भर जाते हैं तथा घाव शुद्ध हो जाता है।
- अपतन्त्रक (हिस्टीरिया) रोग में कच्ची हींग और एलुआ समभाग मिलाकर जल के साथ खरलकर 2-2 रत्ती की गोलियाँ बनाकर सुरक्षित रखलें। 1-1 गोली दिन में 2-3 बार सेवन करते रहने से थोड़े ही दिनों में हिस्टीरिया रोग पीछा छोड़ देता है।
- अतिसार होने पर हींग, कालीमिर्च, कपूर 4-4 तोला और अफीम 1 तोरला मिलाकर अदरक के रस में 6 घंटे तक खरल करके 1-1 रत्ती की गोलियां बनाकर सुरक्षित रखलें । मात्रा 1 से 2 गोली तक दिन में तीन बार प्रयोग करायें।
- यदि मलेरिया ज्वर पीछा नहीं छोड़ रहा हो तो ज्वर आने से दो घंटा पहले 4 आना भर शुद्ध हींग 1 तोला लेकर जल में खौलाकर गाढ़ा (गरम करके) हाथ- पैर के सभी नाखूनों पर लेप चढ़ा दें। तीन दिन बाद यह क्रिया करने से मलेरिया ज्वर भाग जाता है। हैं न हींग के फायदे कमाल के!
- पित्ती उछलने पर हींग को घी में मिलाकर मालिश करना अत्यन्त उपयोगी है।
- हींग को पानी में घोलकर एनिमा करने से उदरकृमि निकल जाते हैं
- भुनी हुई हीरा हींग 1 ग्राम, नीम की छाया शुष्क अथवा ताजी पत्तियाँ 15 ग्राम, भुना जीरा और कपूर 1-1 ग्राम को पानी के साथ खूब बारीक घोट लें तदुपरान्त चने के आकार की गोलियाँ बनालें रात्रि को सोते समय 1 से 4 गोलियाँ तक सेवन करने से पेट के रोग दूर होकर अर्श (बबासीर) का रोग नष्ट हो जाता है।
- अफीम और हीरा हींग 5-5 ग्राम लेकर 50 ग्राम तिल के तैल में खूब पीसकर मिलालें इस तैल को शौच क्रिया करने से पूर्व तथा रात्रि को सोते समय बवासीर के मस्सों पर लगाते रहने से मस्से गिर जाते हैं।
- 100 ग्राम जैतून का तैल (आलिव आयल) में 10 ग्राम हींग उबालकर सुरक्षित रखलें । इस तैल को ड्रापर द्वारा कान में टपकाने से कान के समस्त प्रकार के रोगों में लाभ होता है।
- फोड़े-फुन्सी होने पर 500 ग्राम सरसों का तैल लेकर खूब गरम कर लें। तदुपरान्त इसमें हीरा हींग 1 ग्राम, नमक 20 ग्राम, कार्बोलिक एसिड 20 ग्राम डालकर ठण्डा होने पर किसी साफ (डाटयुक्त बोतल में भरकर सुरक्षित रखलें। इस तैल को फोड़े-फुन्सियों पर दिन में कई बार लगाने से शीघ्र ही आराम हो जाता है) ।
- सिर दर्द में हीरा हींग पीसकर लेप करना उपयोगी है। हीरा हींग की 1 छोटी सी डली जल में घिसकर नाक के द्वारा सूंघने से आधासीसी रोग में आराम हो जाता है ।
- डिब्बा रोग बच्चों को डिब्बा रोग होने पर (पसली चलने पर) आधा रत्ती – हींग पानी में घोलकर देने से शीघ्र ही लाभ होता है ।
- तिजारी व चौथिया ज्वर में हींग को पुराने घी में मिलाकर नस्य देने से ज्वर रुक जाता है ।
वत्सनाभ का विष – हींग आधा ग्राम को 100 ग्राम गोघृत में मिलाकर बार-बार पिलाने से वत्सनाभ का विष उतर जाता है।
- हींग को स्त्री के दूध में मिलाकर थोड़ा सा गरम करके बिच्छू दंश के स्थान पर लगा देने से बिच्छू का विष उतर जाता है।
नोट-बिच्छू दंशित व्यक्ति को गरम-गरम दुग्धपान कराना अतीव गुणकारी है।
- हींग 245 मि.ग्रा. और छोटी इलायची का चूर्ण आधा ग्राम को 1-1 घंटे पर जल के साथ 3-4 बार सेवन करने से पेशाब साफ और खुलकर आ जाता है।
- हिस्टीरिया के दौरा से बेहोश होने पर हींग को पानी में घोलकर नस्य देने से होश आ जाता है ।
- मक्कल शूल (प्रसवोपरान्त जच्चा का अशुद्ध रक्त गिरना बन्द होना तथा पेट फूलने के कारण उदर और गर्भाशय प्रदेश में दर्द होना) हींग को पानी में मिलाकर थोड़ा गरम करके नाभि प्रदेश पर लेप करें तथा आधा ग्राम शुद्ध हींग को 25 ग्राम घी के साथ सेवन करायें । उपयोगी योग है ।
- उदर शूल (पेट दर्द में) पेट में गैस भर गई हो, पाखाना नहीं हुआ हो, पेट में असहनीय पीड़ा हो तो हींग को पानी में घोटकर थोड़ा सा गरम करके नाभि प्रदेश पर लेप करें तथा हींग को घी में भूनकर ( 245 मि.ग्रा.) सेवन कराने से दर्द शान्त हो जाता है मलत्याग होकर अपानवायु छूट जाता है अथवा 6 ग्राम हींग पानी में घोलकर गुदा मार्ग द्वारा पिचकारी देने से दर्द शान्त हो जाता है। अथवा घोड़े की लीद का रस 12 ग्राम में आधा ग्राम शुद्ध हींग मिलाकर 2-3 बार देने से उदरशूल मिट जाता है ।
- हींग और अफीम सममात्रा में पीसकर कीड़ा खाए दन्त के गड्डे (खोखले भाग) में भरकर ऊपर से रूई रखकर दबा देने से कृमि दन्तशूल नष्ट हो जाता है।
नोट- हींग अल्प मात्रा में ही सेवन करें। इसकी मात्रा चौथाई से पौन ग्राम तक है। प्रतिदिन लम्बे समय तक सेवन न करेंस्त्रियों को मासिक धर्म (रज:स्त्राव) अधिक होता हो तो हींग का सेवन बन्द कर दें । गर्भवती महिलायें इसका अल्प मात्रा में ही सेवन करें । पित्त प्रकृति के लोग हींग का औषधि के रूप में ही प्रयोग करें। शिशु को गरमी का विकार हो तो माता हींग का सेवन न करें। अधिक समय तक हींग का सेवन करते रहने से कमजोरी आ जाती है । छाती और मूत्र-मार्ग में जलन होती है । अफारा हो जाता है, हाजमा बिगड़ जाता है। मु ‘दुग्धपान’ करानेवाली और पसीना दुर्गन्धित हो जाता है। हींग दिमाग को तथा यकृत को हानि पहुँचती है। कतीरा, बनफ्शा, नीलोफर, सेब, सन्दल हींग के दर्पनाशक है। सिकन्जबीम हींग की पूरक है।
हमें उम्मीद है कि हींग के फायदे (Hing Khane Ke Fayde) जानकर आप इसका पूरा लाभ उठाएंगे। यदि आपको ऐसे हींग के फायदे मालूम हैं जिनका उल्लेख यहाँ नहीं किया गया है तो कृपया टिप्पणी करके हमें अवश्य बताएँ।
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