धर्म

जहाँ ले चलोगे रिद्धि सिद्धि लायो – Jaha Le Chaloge Lyrics – Rajan Ji Maharaj

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ।

ये जीवन समर्पित, चरण में तुम्हारे,
तुम्ही मेरे सर्वस्व, तुम्ही प्राण प्यारे,
तुम्हे छोड़कर नाथ, किससे रहूँगा ।
जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥

दयानाथ दयानिधि, मेरी अवस्था,
तेरे ही हाथो में, मेरी व्यवस्था,
कहना होगा जो भी, तुमसे रहूँगा ।
जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥

ना कोई शिकायत, ना कोई अर्जी,
कहलो करालो, जो तेरी मर्जी,
सहाओगे जो भी, हंस के सहूँगा ।
जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा ।

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम जहाँ ले चलोगे भजन को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस मेरे राम भजन को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें यह भजन रोमन में-

Read jaha le chaloge Lyrics

jahā~ le caloge, vahī maiṃ calū~gā,
jahā~ nātha rakha loge, vahī maiṃ rahū~gā ।

ye jīvana samarpita, caraṇa meṃ tumhāre,
tumhī mere sarvasva, tumhī prāṇa pyāre,
tumhe choड़kara nātha, kisase rahū~gā ।
jahā~ le caloge, vahī maiṃ calū~gā,
jahā~ nātha rakha loge, vahī maiṃ rahū~gā ॥

dayānātha dayānidhi, merī avasthā,
tere hī hātho meṃ, merī vyavasthā,
kahanā hogā jo bhī, tumase rahū~gā ।
jahā~ le caloge, vahī maiṃ calū~gā,
jahā~ nātha rakha loge, vahī maiṃ rahū~gā ॥

nā koī śikāyata, nā koī arjī,
kahalo karālo, jo terī marjī,
sahāoge jo bhī, haṃsa ke sahū~gā ।
jahā~ le caloge, vahī maiṃ calū~gā,
jahā~ nātha rakha loge, vahī maiṃ rahū~gā ॥

jahā~ le caloge, vahī maiṃ calū~gā,
jahā~ nātha rakha loge, vahīṃ maiṃ rahū~gā ।

यह भी पढ़े

हे दुख भंजन मारुती नंदनहमारे साथ श्री रघुनाथमंगल भवन अमंगल हारीराम रक्षा स्तोत्र अर्थ सहित हिंदी मेंराम स्तुतिहमारे साथ श्री रघुनाथआत्मा रामादुनिया चले ना श्री रामराम न मिलेंगे हनुमान के बिनारघुकुल रीत सदा चली आईराम सिया राममेरे घर राम आए हैंराम जपते रहो काम करते रहो

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!
Exit mobile version