जोतराम बाबा की आरती – Jotram Baba Ki Aarti
जोतराम बाबा की आरती (Jotram Baba Ki Aarti) का पाठ भक्तों-सेवकों के संकट दूर करने वाला है। जो सच्चे हृदय से बाबा जोतराम की आरती करता है उसे चौरासी योनियों में भटकना नहीं पड़ता और वह सहज ही मुक्ति का अधिकारी बन जाता है। उसके हृदय में आत्मज्ञान का प्रकाश प्रकट होने लगता है। बाबा के प्रति भक्ति-भाव मोह-माया के बंधन को छिन्न-भिन्न करने में सक्षम है। उनका स्मरण और जोतराम बाबा की आरती का गायन दुनिया में सब कुछ देने में सक्षम है। पढ़ें जोतराम बाबा की आरती–
जोतराम बाबा की आरती (प्रथम) – Jotram Baba Ki Aarti (First)
जय गुरु भभूता सिद्ध देवा,
जय बाबा जोतराम देवा।
बाबा तुम बिन और न दूजा,
किसकी आस करू पूजा॥
सूक्ष्म तेज रूप तुम्हारा,
आत्म ज्ञान सदा उजियारा।
संकट हरण – कर्ण सुख दाता,
सदा फूल मूल पितु माता॥
कहलाते कलयुग का देवता,
सेवकों के संकट दूर हरो।
भक्ति मुक्ति के हो दाता,
तुम बिन सतगुरु मार्ग नही पाता॥
बाबा हम जन सेवक तुम गुरु दाता,
बाबा सरणं करू किसकी।
बाबा तन मन धन सब कुछ तेरा,
तेरे गुण गाने से मिट जा चौरासी फेरा॥
बाबा हम मूर्ख तुम ज्ञानी,
किरपा करो गुरु दाता।
बाबा जिस घर आपका दासा,
चार कूट में नाम फल आपका पाता॥
बाबा छिन्न भिन्न करो मोहमाया,
जो सेवक सरन तुम्हारी आया ।
बाबा दया का हाथ बढावो,
सेवको को भक्ति सागर रूप दिखावो॥
मन ध्यान वचन करे गुरु सेवा,
यही मिले उत्तम मेवा।
गुरु दाता की जो सेवक आरती गावे,
मोक्ष मुक्ति इच्छा फल पावे॥
बाबा जोतराम की आरती (द्वितीय) – Baba Jotram Ki Aarti (Second)
ॐ जय जोतराम हरे, देवा जय जोतराम हरे
दीन दुखी का दुखड़ा पल में बाबा दूर करे – 2॥ ॐ जय….
परमार्थ करने का मन में ढृढ़ निश्चय करे,
भभूता सिद्ध गुरु जी आशा पूरी करे॥ ॐ जय…
काया त्याग कर निर्देह होकर जन पर उपकार करे
जो ध्यावे फल पावे पूरी मुराद करे॥ ॐ जय….
कहलाता कलयुग का देवता बाँझो की गोद भरे
देता भभूती की पुड़िया विपदा दूर करे॥ ॐ जय….
साचो का है संगाती पूर्ण काज करे
कपटी जन से हरदम रहता परे॥ ॐ जय….
सेवा पूजा जोतराम जी की जो नित नेम करे
व्यापे नहीं कोई चिंता पुरे भण्डार भरे॥ ॐ जय….
जोतराम जी की आरती जो कोई जन करे
कहे जगदीश उसके बिगड़े काम बने॥ॐ जय….
ॐ जय जोतराम हरे,
देवा जय जोतराम हरे….
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर जोतराम बाबा की आरती (Jotram Baba Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें जोतराम बाबा की आरती रोमन में–
jotarāma bābā kī āratī (prathama) – Jotram Baba Ki Aarti (First)
jaya guru bhabhūtā siddha devā,
jaya bābā jotarāma devā।
bābā tuma bina aura na dūjā,
kisakī āsa karū pūjā॥
sūkṣma teja rūpa tumhārā,
ātma jñāna sadā ujiyārā।
saṃkaṭa haraṇa – karṇa sukha dātā,
sadā phūla mūla pitu mātā॥
kahalāte kalayuga kā devatā,
sevakoṃ ke saṃkaṭa dūra haro।
bhakti mukti ke ho dātā,
tuma bina sataguru mārga nahī pātā॥
bābā hama jana sevaka tuma guru dātā,
bābā saraṇaṃ karū kisakī।
bābā tana mana dhana saba kucha terā,
tere guṇa gāne se miṭa jā caurāsī pherā॥
bābā hama mūrkha tuma jñānī,
kirapā karo guru dātā।
bābā jisa ghara āpakā dāsā,
cāra kūṭa meṃ nāma phala āpakā pātā॥
bābā chinna bhinna karo mohamāyā,
jo sevaka sarana tumhārī āyā ।
bābā dayā kā hātha baḍhāvo,
sevako ko bhakti sāgara rūpa dikhāvo॥
mana dhyāna vacana kare guru sevā,
yahī mile uttama mevā।
guru dātā kī jo sevaka āratī gāve,
mokṣa mukti icchā phala pāve॥
bābā jotarāma kī āratī (dvitīya) – Baba Jotram Ki Aarti (Second)
oṃ jaya jotarāma hare, devā jaya jotarāma hare
dīna dukhī kā dukhaड़ā pala meṃ bābā dūra kare – 2॥ oṃ jaya….
paramārtha karane kā mana meṃ ḍhṛढ़ niścaya kare,
bhabhūtā siddha guru jī āśā pūrī kare॥ oṃ jaya…
kāyā tyāga kara nirdeha hokara jana para upakāra kare
jo dhyāve phala pāve pūrī murāda kare॥ oṃ jaya….
kahalātā kalayuga kā devatā bā~jho kī goda bhare
detā bhabhūtī kī puड़iyā vipadā dūra kare॥ oṃ jaya….
sāco kā hai saṃgātī pūrṇa kāja kare
kapaṭī jana se haradama rahatā pare॥ oṃ jaya….
sevā pūjā jotarāma jī kī jo nita nema kare
vyāpe nahīṃ koī ciṃtā pure bhaṇḍāra bhare॥ oṃ jaya….
jotarāma jī kī āratī jo koī jana kare
kahe jagadīśa usake bigaड़e kāma bane॥
oṃ jaya…. oṃ jaya jotarāma hare,
devā jaya jotarāma hare….