धर्म

काली चालीसा – Kali Chalisa in Hindi

काली चालीसा का नित्य पाठ माँ काली को प्रसन्न करता है। जहाँ मां जगत का पालन करती हैं, वहीं वे रौद्र रूप धारण कर दुष्टों का संहार भी करती हैं। जो भक्त शुद्ध हृदय से काली चालीसा (Kali Chalisa) का गायन करता है, उसे निश्चित ही माँ की अनुकम्पा प्राप्त होती है।

काली चालीसा का पाठ करने वाले के लिए दुनिया में सब कुछ संभव है। पढ़ें काली माता की चालीसा हिंदी में (Kali Chalisa in Hindi)–

यह भी पढ़ें – तन्त्रोक्तं देवी सूक्तम्

॥ दोहा ॥
जय काली जगदम्ब जय,
हरनि ओघ अघ पुंज।
वास करहु निज दास के,
निशदिन हृदय-निकुंज॥

जयति कपाली कालिका,
कंकाली सुखदानि।
कृपा करहु वरदायिनी,
निज सेवक अनुमानि ॥

॥ चौपाई ॥
जय जय, जय काली कंकाली,
जय कपालिनी, जय कराली।

शंकर प्रिया, अपर्णा, अम्बा,
जय कपर्दिनी, जय जगदम्बा।

आर्या, हला, अम्बिका, माया,
कात्यायनी उमा जगजाया।

गिरिजा गौरी दुर्गा चण्डी,
दाक्षाणायिनी शाम्भवी प्रचंडी।

पार्वती मंगला भवानी,
विश्वकारिणी सती मृडानी।

सर्वमंगला शैल नन्दिनी,
हेमवती तुम जगत वन्दिनी।

ब्रह्मचारिणी कालरात्रि जय,
महारात्रि जय मोहरात्रि जय।

तुम त्रिमूर्ति रोहिणी कालिका,
कूष्माण्डा कार्तिकी चण्डिका।

तारा भुवनेश्वरी अनन्या,
तुम्हीं छिन्नमस्ता शुचिधन्या।

धूमावती षोडशी माता,
बगला मातंगी विख्याता।

तुम भैरवी मातु तुम कमला,
रक्तदन्तिका कीरति अमला।

शाकम्भरी कौशिकी भीमा,
महातमा अग जग की सीमा।

चन्द्रघण्टिका तुम सावित्री,
ब्रह्मवादिनी मां गायत्री

रूद्राणी तुम कृष्ण पिंगला,
अग्निज्वाल तुम सर्वमंगला।

मेघस्वना तपस्विनी योगिनी,
सहस्त्राक्षि तुम अगजग भोगिनी।

जलोदरी सरस्वती डाकिनी,
त्रिदशेश्वरी अजेय लाकिनी।

पुष्टि तुष्टि धृति स्मृति शिव दूती,
कामाक्षी लजा आहूती।

महोदरी कामाक्षि हारिणी,
विनायकी श्रुति महा शाकिनी।

अजा कर्ममोही ब्रह्माणी,
धात्री वाराही शर्वाणी।

स्कन्द मातु तुम सिंह वाहिनी,
मातु सुभद्रा रहहु दाहिनी।

नाम रूप गुण अमित तुम्हारे,
शेष शारदा बरणत हारे।

तनु छवि श्यामवर्ण तव माता,
नाम कालिका जग विख्याता।

अष्टादश तब भुजा मनोहर,
तिनमहँ अस्त्र विराजत सुन्दर।

शंख चक्र अरु गदा सुहावन,
परिघ भुशण्डी घण्टा पावन।

शूल बज्र धनुबाण उठाये,
निशिचर कुल सब मारि गिराये।

शुंभ निशुंभ दैत्य संहारे,
रक्तबीज के प्राण निकारे।

चौंसठ योगिनी नाचत संगा,
मद्यपान कीन्हैउ रण गंगा।

कटि किंकिणी मधुर नूपुर धुनि,
दैत्यवंश कांपत जेहि सुनि-सुनि।

कर खप्पर त्रिशूल भयकारी,
अहै सदा सन्तन सुखकारी।

शव आरूढ़ नृत्य तुम साजा,
बजत मृदंग भेरी के बाजा।

रक्त पान अरिदल को कीन्हा,
प्राण तजेउ जो तुम्हिं न चीन्हा।

लपलपाति जिव्हा तव माता,
भक्तन सुख दुष्टन दुःख दाता।

लसत भाल सेंदुर को टीको,
बिखरे केश रूप अति नीको।

मुंडमाल गल अतिशय सोहत,
भुजामाल किंकण मनमोहत।

प्रलय नृत्य तुम करहु भवानी,
जगदम्बा कहि वेद बखानी।

तुम मशान वासिनी कराला,
भजत तुरत काटहु भवजाला।

बावन शक्ति पीठ तव सुन्दर,
जहाँ बिराजत विविध रूप धर।

विन्धवासिनी कहूँ बड़ाई,
कहँ कालिका रूप सुहाई।

शाकम्भरी माँ बनी कहँ ज्वाला,
महिषासुर मर्दिनी कराला।

कामाख्या तव नाम मनोहर,
पुजवहिं मनोकामना द्रुततर।

चंड मुंड वध छिन महं करेउ,
देवन के उर आनन्द भरेउ।

सर्व व्यापिनी तुम माँ तारा,
अरिदल दलन लेहु अवतारा।

खलबल मचत सुनत हुकारी,
अगजग व्यापक देह तुम्हारी।

तुम विराट रूपा गुणखानी,
विश्व स्वरूपा तुम महारानी।

उत्पत्ति स्थिति लय तुम्हरे कारण,
करहु दास के दोष निवारण।

माँ उर वास करहू तुम अंबा,
सदा दीन जन की अवलंबा।

तुम्हारो ध्यान धरै जो कोई,
तो कहँ भीति कतहुँ नहिं होई।

विश्वरूप तुम आदि भवानी,
महिमा वेद पुराण बखानी।

अति अपार तव नाम प्रभावा,
जपत न रहन रंच दुःख दावा।

महाकालिका जय कल्याणी,
जयति सदा सेवक सुखदानी।

तुम अनन्त औदार्य विभूषण,
कीजिये कृपा क्षमिये सब दूषण।

दास जानि निज दया दिखावहु,
सुत अनुमानित सहित अपनावहु।

जननी तुम सेवक प्रति पाली,
करहु कृपासब विधि माँ काली।

पाठ करै चालीसा जोई,
तापर कृपा तुम्हारी होइ।

॥ दोहा॥
जय तारा, जय दक्षिणा,
कलावती सुखमूल।
शरणागत भक्त है,
रहहु सदा अनुकूल॥

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विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर काली चालीसा (Kali Chalisa) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें काली चालीसा रोमन में–

Read Kali Chalisa in Hindi

॥ dohā ॥
jaya kālī jagadamba jaya,
harani ogha agha puṃja।
vāsa karahu nija dāsa ke,
niśadina hṛdaya-nikuṃja॥

jayati kapālī kālikā,
kaṃkālī sukhadāni।
kṛpā karahu varadāyinī,
nija sevaka anumāni ॥

॥caupāī॥
jaya jaya, jaya kālī kaṃkālī,
jaya kapālinī, jaya karālī।

śaṃkara priyā, aparṇā, ambā,
jaya kapardinī, jaya jagadambā।

āryā, halā, ambikā, māyā,
kātyāyanī umā jagajāyā।

girijā gaurī durgā caṇḍī,
dākṣāṇāyinī śāmbhavī pracaṃḍī।

pārvatī maṃgalā bhavānī,
viśvakāriṇī satī mṛḍānī।

sarvamaṃgalā śaila nandinī,
hemavatī tuma jagata vandinī।

brahmacāriṇī kālarātri jaya,
mahārātri jaya moharātri jaya।

tuma trimūrti rohiṇī kālikā,
kūṣmāṇḍā kārtikī caṇḍikā।

tārā bhuvaneśvarī ananyā,
tumhīṃ chinnamastā śucidhanyā।

dhūmāvatī ṣoḍaśī mātā,
bagalā mātaṃgī vikhyātā।

tuma bhairavī mātu tuma kamalā,
raktadantikā kīrati amalā।

śākambharī kauśikī bhīmā,
mahātamā aga jaga kī sīmā।

candraghaṇṭikā tuma sāvitrī,
brahmavādinī māṃ gāyatrī।

rūdrāṇī tuma kṛṣṇa piṃgalā,
agnijvāla tuma sarvamaṃgalā।

meghasvanā tapasvinī yoginī,
sahastrākṣi tuma agajaga bhoginī।

jalodarī sarasvatī ḍākinī,
tridaśeśvarī ajeya lākinī।

puṣṭi tuṣṭi dhṛti smṛti śiva dūtī,
kāmākṣī lajā āhūtī।

mahodarī kāmākṣi hāriṇī,
vināyakī śruti mahā śākinī।

ajā karmamohī brahmāṇī,
dhātrī vārāhī śarvāṇī।

skanda mātu tuma siṃha vāhinī,
mātu subhadrā rahahu dāhinī।

nāma rūpa guṇa amita tumhāre,
śeṣa śāradā baraṇata hāre।

tanu chavi śyāmavarṇa tava mātā,
nāma kālikā jaga vikhyātā।

aṣṭādaśa taba bhujā manohara,
tinamaha~ astra virājata sundara।

śaṃkha cakra aru gadā suhāvana,
parigha bhuśaṇḍī ghaṇṭā pāvana।

śūla bajra dhanubāṇa uṭhāye,
niśicara kula saba māri girāye।

śuṃbha niśuṃbha daitya saṃhāre,
raktabīja ke prāṇa nikāre।

cauṃsaṭha yoginī nācata saṃgā,
madyapāna kīnhaiu raṇa gaṃgā।

kaṭi kiṃkiṇī madhura nūpura dhuni,
daityavaṃśa kāṃpata jehi suni-suni।

kara khappara triśūla bhayakārī,
ahai sadā santana sukhakārī।

śava ārūḍha़ nṛtya tuma sājā,
bajata mṛdaṃga bherī ke bājā।

rakta pāna aridala ko kīnhā,
prāṇa tajeu jo tumhiṃ na cīnhā।

lapalapāti jivhā tava mātā,
bhaktana sukha duṣṭana duḥkha dātā।

lasata bhāla seṃdura ko ṭīko,
bikhare keśa rūpa ati nīko।

muṃḍamāla gala atiśaya sohata,
bhujāmāla kiṃkaṇa manamohata।

pralaya nṛtya tuma karahu bhavānī,
jagadambā kahi veda bakhānī।

tuma maśāna vāsinī karālā,
bhajata turata kāṭahu bhavajālā।

bāvana śakti pīṭha tava sundara,
jahā~ birājata vividha rūpa dhara।

vindhavāsinī kahū~ baḍa़āī,
kaha~ kālikā rūpa suhāī।

śākambharī banī kaha~ jvālā,
mahiṣāsura mardinī karālā।

kāmākhyā tava nāma manohara,
pujavahiṃ manokāmanā drutatara।

caṃḍa muṃḍa vadha china mahaṃ kareu,
devana ke ura ānanda bhareu।

sarva vyāpinī tuma mā~ tārā,
aridala dalana lehu avatārā।

khalabala macata sunata hukārī,
agajaga vyāpaka deha tumhārī।

tuma virāṭa rūpā guṇakhānī,
viśva svarūpā tuma mahārānī।

utpatti sthiti laya tumhare kāraṇa,
karahu dāsa ke doṣa nivāraṇa।

mā~ ura vāsa karahū tuma aṃbā,
sadā dīna jana kī avalaṃbā।

tumhāro dhyāna dharai jo koī,
to kaha~ bhīti katahu~ nahiṃ hoī।

viśvarūpa tuma ādi bhavānī,
mahimā veda purāṇa bakhānī।

ati apāra tava nāma prabhāvā,
japata na rahana raṃca duḥkha dāvā।

mahākālikā jaya kalyāṇī,
jayati sadā sevaka sukhadānī।

tuma ananta audārya vibhūṣaṇa,
kījiye kṛpā kṣamiye saba dūṣaṇa।

dāsa jāni nija dayā dikhāvahu,
suta anumānita sahita apanāvahu।

jananī tuma sevaka prati pālī,
karahu kṛpāsaba vidhi mā~ kālī।

pāṭha karai cālīsā joī,
tāpara kṛpā tumhārī hoi।

॥ dohā॥
jaya tārā, jaya dakṣiṇā,
kalāvatī sukhamūla।
śaraṇāgata bhakta hai,
rahahu sadā anukūla॥

काली चालीसा क्या है 

माँ काली, देवी दुर्गा के 9 रूपों में से एक है। इनका एक नाम कलिका भी है। देवी काली शक्ति संप्रदाय की प्रमुख देवी मानी जाती है। दस महाविद्याओं के लिए इनको पूजने का विधान है। बुराई के विनाश और अच्छाई के स्थापत्य के लिए माँ का प्राकट्य हुआ था। काली चालीसा (Kali Chalisa) में देवी काली की महिमा का बखान किया गया है। इसके (काली चालीसा के पाठ) पाठ से माता को प्रसन्न करना बेहद आसान हो जाता है। माँ अपने भक्तों की हमेशा रक्षा करती हैं और उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। तो आइये जानते हैं काली चालीसा पढ़ें के चमत्कारिक फायदे। 

काली चालीसा पाठ के लाभ 

श्रद्धापूर्वक और मन लगाकर जो भी काली चालीसा का पाठ करता है, मां अपने भक्त पर सदैव अपनी कृपा बनाये रखती हैं। उसके जीवन के सारे दुःख और तकलीफों का ख़ात्मा होता है। नीचे आप पढ़ सकते हैं, काली चालीसा पढ़ने से आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन आ सकते हैं :

  • जो भी जातक इस चालीसा (Kali chalisa in hindi) का पाठ करता है, उसे कभी भी किसी प्रकार का भी भय नहीं सताता है। 
  • रोगों से निजात मिलता है, और जीवन सुखमय होता है। 
  • राहु और केतु जैसे ग्रहों के बुरे प्रभाव को शांत करने के लिए इसका (Kali chalisa hindi mein) का पाठ लाभदायक होता है। 
  • इसके (काली चालीसा हिंदी में) के प्रभावस्वरूप शत्रुओं पर विजय प्राप्त होने के साथ-साथ उनका नाश भी होता है। 
  • तंत्र-मंत्र के असर को ख़तम करने के लिए भी इसका पाठ कारगर होता है। 
  • काली चालीसा के सच्चे मन से नियमित पाठ से मृत्यु उपरान्त स्वर्ग की प्राप्ति होती है। 
  • सच्चे मन से काली चालीसा का पाठ करने वाला व्यक्ति स्वयं को सांसारिक भव-बंधन से मुक्त पाता है। 
  • सभी प्रकार की मुसीबत, परेशानी, या संकट से छुटकारा मिलता है। 
  • चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति की माँ हमेशा रक्षा करती हैं। 

हिंदीपथ पर काली चालीसा लिखी हुई के साथ-साथ उसका pdf फॉर्म भी डाउनलोड कर सकते हैं। आशा करते हैं की देवी काली सदैव आप पर अपनी कृपा बनाये रखें। 

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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