कविता

कल्लो – Kallo Haryanvi Song

पढ़े “कल्लो” लिरिक्स

मै अंग्रेजी पढ़ी लिखी तू डिगरी झाली कार्य से
उमर लकोरा मरजाना ढाधि ने काली कर्रया से
बिछोले ने फोटो भेजी लागी चमक छल्लो रे
ब्याह पाछे जब मेकप उतर्या लिकड़ी असली कल्लो रे

हे मन मग्या सरल जल हे
वो अनपद लयया तमातर हे
लव यू खाडू धमाका हा
कटि गामा आली कार्यया से
उमर लकोरा मरजाना ढाधि ने काली कर्रया से

आई थी सिंगल हाधि रे
म्हारे खाखा होगी ठाढ़ी रे
तेरी कमर का कमरा होरया से
चाल्या कर थोड़ा धीरे रे
ब्याह पाचे जेब मेकप उतर्या लिकडी असली कल्लो रे

वो पैग बी मोटे मारे से
टोकू तो सोते मारे से
मैन रील बनावन ना देता
मेरी घनी रूखाली कर्रया से
उमर लकोरा मरजाना ढाधि ने काली कार्य से

अजय हुडा की कविताई से
तनाव का नाम लुगाई से
कोई शकल देख के दर्जगा रख्या कर थोड़ा पल्लो रे
ब्याह पाछे जब मेकप उतर्या लिकड़ी असली कल्लो रे

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि कल्लो गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Kallo रोमन में-

Read Kallo Lyrics

ema aṃgrejī paḍha़ī likhī tū ḍigarī jhālī kārya se
umara lakorā marajānā ḍhādhi ne kālī karrayā se
bichole ne phoṭo bhejī lāgī camaka challo re
byāha pāche jaba mekapa utaryā likaḍa़ī asalī kallo re

he mana magyā sarala jala he
vo anapada layayā tamātara he
lava yū khāḍū dhamākā hā
kaṭi gāmā ālī kāryayā se
umara lakorā marajānā ḍhādhi ne kālī karrayā se

āī thī siṃgala hādhi re
mhāre khākhā hogī ṭhāḍha़ī re
terī kamara kā kamarā horayā se
cālyā kara thoḍa़ā dhīre re
byāha pāce jeba mekapa utaryā likaḍī asalī kallo re

vo paiga bī moṭe māre se
ṭokū to sote māre se
maina rīla banāvana nā detā
merī ghanī rūkhālī karrayā se
umara lakorā marajānā ḍhādhi ne kālī kārya se

ajaya huḍā kī kavitāī se
tanāva kā nāma lugāī se
koī śakala dekha ke darjagā rakhyā kara thoḍa़ā pallo re
byāha pāche jaba mekapa utaryā likaḍa़ī asalī kallo re

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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