कामाख्या देवी की आरती – Kamakhya Mata Ki Aarti
कामाख्या देवी की आरती (Kamakhya Mata Ki Aarti) माता की दिव्य रचनात्मक ऊर्जा को जागृत करने में समर्थ है। कामाख्या देवी असम, भारत में एक बहुत प्राचीन सिद्ध स्थल है तथा माता के शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि कामाख्या मंदिर का निर्माण सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था।
अत्यन्त प्राचीन काल से लेकर आज तक तांत्रिक प्रथाओं का केंद्र रहा है यह अद्भुत मन्दिर। यह एक ऐसा स्थान था जहाँ राजा और रानियाँ अपने राज्य के शत्रुओं या अन्य राज्यों के विस्तारवादी राजाओं से लड़ने के लिए युद्ध में जाने से पहले देवी दुर्गा की पूजा करने आते थे। साथ ही अनेक सिद्ध योगी तथा तपस्वी भी अपनी अनेकानेक साधनाओं के लिए माता की शरण लिया करते थे। अभी भी यह क्षेत्र तांत्रिक साधनाओं का गढ़ माना जाता है। हिंदू धर्म में कामाख्या देवी मूल देवी दुर्गा की अभिव्यक्ति हैं। कामाख्या देवी की आरती (Kamakhya Maa Ki Aarti) का गायन माता को प्रसन्न करने वाला है। इस आरती को करने से सभी रोग-शोक अवश्य ही दूर हो जाते हैं। साथ ही कामाख्या आरती करने से शीघ्र सिद्धी प्राप्त होती है। पढ़ें कामाख्या देवी की आरती–
यह भी पढ़ें – कामाख्या चालीसा
आरती कामाक्षा देवी की।
जगत् उद्धारक सुर सेवी की॥
आरती कामाख्या देवी की…
गावत वेद पुरान कहानी।
योनिरुप तुम हो महारानी ॥
सुर ब्रह्मादिक आदि बखानी।
लहे दरस सब सुख लेवी की॥
आरती कामाख्या देवी की…
दक्ष सुता जगदम्ब भवानी।
सदा शंभु अर्धंग विराजिनी॥
सकल जगत् को तारन करनी।
जै हो मातु सिद्धि देवी की॥
आरती कामाख्या देवी की…
तीन नयन कर डमरु विराजे।
टीको गोरोचन को साजे॥
तीनों लोक रुप से लाजे।
जै हो मातु ! लोक सेवी की॥
आरती कामाख्या देवी की…
यह भी पढ़ें – कामाख्या कवच
रक्त पुष्प कंठन वनमाला।
केहरि वाहन खंग विशाला॥
मातु करे भक्तन प्रतिपाला।
सकल असुर जीवन लेवी की॥
आरती कामाख्या देवी की…
कहैं गोपाल मातु बलिहारी।
जाने नहिं महिमा त्रिपुरारी॥
सब सत होय जो कह्यो विचारी।
जै जै सबहिं करत देवी की॥
आरती कामाख्या देवी की…
यह भी पढ़ें – कामाख्या मंदिर
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर कामाख्या देवी की आरती (Kamakhya Mata Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें कामाख्या देवी की आरती रोमन में–
āratī kāmākṣā devī kī।
jagat uddhāraka sura sevī kī॥
āratī kāmākhyā devī kī…
gāvata veda purāna kahānī।
yonirupa tuma ho mahārānī ॥
sura brahmādika ādi bakhānī।
lahe darasa saba sukha levī kī॥
āratī kāmākhyā devī kī…
dakṣa sutā jagadamba bhavānī।
sadā śaṃbhu ardhaṃga virājinī॥
sakala jagat ko tārana karanī।
jai ho mātu siddhi devī kī॥
āratī kāmākhyā devī kī…
tīna nayana kara ḍamaru virāje।
ṭīko gorocana ko sāje॥
tīnoṃ loka rupa se lāje।
jai ho mātu ! loka sevī kī॥
āratī kāmākhyā devī kī…