धर्म

कुबेर जी की आरती – Kuber Ji Ki Aarti

कुबेर जी की आरती को गाने से घर में सुख-सम्पति हमेशा बनी रहती हैI मान्यता है कि यदि कोई जातक नियमित रूप से सुबह-शाम कुबेर जी की आरती को सुनता है तो उसे धन-धान्य और यश की प्राप्ति होती हैI दिवाली से पूर्व धनतेरस के दिन लक्ष्मीगणेश के अतिरिक्त भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के लिए भक्तों द्वारा विशेष रूप से कुबेर आरती गाई जाती हैI 

सनातन धर्म में धन के देवता कुबेर जी की आरती (Kuber Ji Ki Aarti) गायन और पूजा करने का अपना एक विशेष महत्व माना गया हैI कुबेर भगवान देवताओं के कोषाध्यक्ष होने के साथ-साथ सुख-समृद्धि देने वाले देवता हैं इसलिए इनकी मूर्ति को घर में स्थापित किया जाता हैI कुबेर भगवान की आरती (Kuber Bhagwan Ki Aarti) भक्तों के लिए शुभ फलदायी और समृद्धि देने वाली मानी जाती हैI कुबेर जी की आरती पढ़ें जिसका निष्पाप हृदय से गायन धन-धान्य देता है। भगवान श्री कुबेर अपने सभी भक्तों को संपत्ति व साधन प्रदान करते हैं।

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।
शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे ।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

एक अमेज़न एसोसिएट के रूप में उपयुक्त ख़रीद से हमारी आय होती है। यदि आप यहाँ दिए लिंक के माध्यम से ख़रीदारी करते हैं, तो आपको बिना किसी अतिरिक्त लागत के हमें उसका एक छोटा-सा कमीशन मिल सकता है। धन्यवाद!

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर कुबेर जी की आरती ( Kuber Ji Ki Aarti ) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें भगवान कुबेर जी की आरती रोमन में–

Read Kuber Ji Ki Aarti

ū~ jai yakṣa kubera hare, svāmī jai yakṣa jai yakṣa kubera hare ।
śaraṇa paḍa़e bhagatoṃ ke, bhaṇḍāra kubera bhare ।
॥ ū~ jai yakṣa kubera hare…॥

śiva bhaktoṃ meṃ bhakta kubera baḍa़e, svāmī bhakta kubera baḍa़e ।
daitya dānava mānava se, kaī-kaī yuddha laḍa़e ॥
॥ ū~ jai yakṣa kubera hare…॥

svarṇa siṃhāsana baiṭhe, sira para chatra phire, svāmī sira para chatra phire ।
yoginī maṃgala gāvaiṃ, saba jaya jaya kāra karaiṃ ॥
॥ ū~ jai yakṣa kubera hare…॥

gadā triśūla hātha meṃ, śastra bahuta dhare, svāmī śastra bahuta dhare ।
dukha bhaya saṃkaṭa mocana, dhanuṣa ṭaṃkāra kareṃ ॥
॥ ū~ jai yakṣa kubera hare…॥

bhāṃti bhāṃti ke vyaṃjana bahuta bane, svāmī vyaṃjana bahuta bane ।
mohana bhoga lagāvaiṃ, sātha meṃ uḍa़da cane ॥
॥ ū~ jai yakṣa kubera hare…॥

bala buddhi vidyā dātā, hama terī śaraṇa paḍa़e,
svāmī hama terī śaraṇa paḍa़e ।
apane bhakta janoṃ ke, sāre kāma saṃvāre ॥
॥ ū~ jai yakṣa kubera hare…॥

mukuṭa maṇī kī śobhā, motiyana hāra gale, svāmī motiyana hāra gale ।
agara kapūra kī bātī, ghī kī jota jale ॥
॥ ū~ jai yakṣa kubera hare…॥

yakṣa kubera jī kī āratī,
jo koī nara gāve, svāmī jo koī nara gāve ।
kahata premapāla svāmī, manavāṃchita phala pāve ॥
॥ ū~ jai yakṣa kubera hare…॥

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!
Exit mobile version