धर्म

लिंगाष्टकम – Shiv Lingashtakam Lyrics In Hindi

लिंगाष्टकम (Lingashtakam Lyrics In Sanskrit) पाठ के कई फायदे हो सकते हैं। यह पाठ महादेव शिव की प्रशंसा करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक विशेष तरीका है। यहां कुछ प्रमुख फायदे हैं:

  1. मनोशांति: शिव लिंगाष्टकं पाठ करने से मन की शांति और शांति का अनुभव हो सकता है।
  2. पापों का नाश: इस पाठ का नियमित जाप करने से अनेक पापों का नाश हो सकता है और मनुष्य को पापमुक्ति की प्राप्ति हो सकती है।
  3. आत्मसंयम और समर्पण: शिव लिंगाष्टकं का पाठ करने से आत्मसंयम और समर्पण की भावना विकसित हो सकती है।
  4. सुख और समृद्धि: शिव लिंगाष्टकं के पाठ से सुख, समृद्धि, और खुशहाली का अनुभव हो सकता है।
  5. शिव कृपा: यह पाठ शिव की कृपा को आमंत्रित करने का एक मार्ग हो सकता है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति कर सकता है।

ध्यान दें कि शिव लिंगाष्टकं पाठ एक श्रद्धा पूर्ण प्रक्रिया है, और इसका महत्वपूर्ण हिस्सा नियमितता और प्रेम से करना है। पढ़ें यह लिङ्गाष्टकम्-

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।
जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥1॥

देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।
रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥2॥

सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् ।
सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥3॥

कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् ।
दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥4॥

कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् ।
सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥5॥

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देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् ।
दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥6॥

अष्टदलोपरि वेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् ।
अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥7॥

सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् ।
परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥8॥

लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥9॥

॥ लिङ्गाष्टकम् सम्पूर्ण ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह लिंगाष्टकम (Lingashtakam) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें शिव लिङ्गाष्टकम् स्तोत्र रोमन में–

Lingashtakam Stotram Lyrics

brahmamurārisurārcitaliṅgaṃ nirmalabhāsitaśobhitaliṅgam ।
janmajaduḥkhavināśakaliṅgaṃ tatpraṇamāmi sadāśivaliṅgam ॥1॥

devamunipravarārcitaliṅgaṃ kāmadahaṃ karuṇākaraliṅgam ।
rāvaṇadarpavināśanaliṅgaṃ tatpraṇamāmi sadāśivaliṅgam ॥2॥

sarvasugandhisulepitaliṅgaṃ buddhivivardhanakāraṇaliṅgam ।
siddhasurāsuravanditaliṅgaṃ tatpraṇamāmi sadāśivaliṅgam ॥3॥

kanakamahāmaṇibhūṣitaliṅgaṃ phaṇipativeṣṭitaśobhitaliṅgam ।
dakṣasuyajñavināśanaliṅgaṃ tatpraṇamāmi sadāśivaliṅgam ॥4॥

kuṅkumacandanalepitaliṅgaṃ paṅkajahārasuśobhitaliṅgam ।
sañcitapāpavināśanaliṅgaṃ tatpraṇamāmi sadāśivaliṅgam ॥5॥

devagaṇārcitasevitaliṅgaṃ bhāvairbhaktibhireva ca liṅgam ।
dinakarakoṭiprabhākaraliṅgaṃ tatpraṇamāmi sadāśivaliṅgam ॥6॥

aṣṭadalopari veṣṭitaliṅgaṃ sarvasamudbhavakāraṇaliṅgam ।
aṣṭadaridravināśitaliṅgaṃ tatpraṇamāmi sadāśivaliṅgam ॥7॥

suragurusuravarapūjitaliṅgaṃ suravanapuṣpasadārcitaliṅgam ।
parātparaṃ paramātmakaliṅgaṃ tatpraṇamāmi sadāśivaliṅgam ॥8॥

liṅgāṣṭakamidaṃ puṇyaṃ yaḥ paṭhecchivasannidhau ।
śivalokamavāpnoti śivena saha modate ॥9॥

॥ liṅgāṣṭakam sampūrṇa ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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