धर्म

मनमोहन खेल रहे होली मनमोहन – Manmohan Khel Rahe Holi Manmohan Lyrics

पढ़ें “मनमोहन खेल रहे होली” लिरिक्स

मनमोहन खेल रहे होली मनमोहन
हा रे मनमोहन हमबे मनमोहन
खेल रहे होली मनमोहन
मनमोहन खेल रहे होली मनमोहन ….2

कोई बचा न कुन्ज गली में
हां वारे रसिया हो वारे रसिया
ऐसी मोहन की टोली हा ओ मनमोहन

कोई बना है रंग रंगीला
उड़े गुलाल माले रोली हा ओ मनमोहन
मन मोहन खेल रहे होली मन मोहन

चुनार भीग गयी सखियाँ की
हो हां वारे रसिया
चुनार भीग गयी सखियाँ की

रंग में भीग गयी चोली हा
हा रंग में भीग गयी चोली
अरे रंग में भीग गयी चोली
ओ मनमोहन
मन मोहन खेल रहे होली मनमोहन

हो अबीर गुलाल फीट में कसके
हो हां वारे रसिया
बीर गुलाल फीट में कसके
मारत भर भर के झोली हा ओ मनमोहन
मन मोहन खेल रहे होली मन मोहन

हा रे मन मोहन खेल रहे होली मन मोहन

खेल रहे होली मन मोहन
मन मोहन खेल रहे होली मन मोहन ……

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम इस भजन को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Manmohan Khel Rahe Holi Manmohan रोमन में-

Read Manmohan Khel Rahe Holi Manmohan Lyrics

manamohana khela rahe holī manamohana
hā re manamohana hamabe manamohana
khela rahe holī manamohana
manamohana khela rahe holī manamohana ….2

koī bacā na kunja galī meṃ
hāṃ vāre rasiyā ho vāre rasiyā
aisī mohana kī ṭolī hā o manamohana

koī banā hai raṃga raṃgīlā
uड़e gulāla māle rolī hā o manamohana
manamohana khela rahe holī manamohana

cunāra bhīga gayī sakhiyā~ kī
ho hāṃ vāre rasiyā
cunāra bhīga gayī sakhiyā~ kī

raṃga meṃ bhīga gayī colī hā
hā raṃga meṃ bhīga gayī colī
are raṃga meṃ bhīga gayī colī
o manamohana
manamohana khela rahe holī manamohana

ho abīra gulāla phīṭa meṃ kasake
ho hāṃ vāre rasiyā
bīra gulāla phīṭa meṃ kasake
mārata bhara bhara ke jholī hā o manamohana
manamohana khela rahe holī manamohana

hā re manamohana khela rahe holī manamohana

khela rahe holī manamohana
manamohana khela rahe holī manamohana ……

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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