धर्म

मंत्र पुष्पांजलि – Mantra Pushpanjali

मंत्र पुष्पांजलि के लिए, एक माला को फूलों से भर दिया जाता है। फिर, एक व्यक्ति आशीर्वाद के लिए माला को देवता या देवी के सामने रखता है। व्यक्ति फिर मंत्रों का उच्चारण करता है, जो प्रार्थना और सम्मान के प्रतीक हैं। अंत में, व्यक्ति माला को देवता या देवी को अर्पित करता है।

मंत्र पुष्पांजलि एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है जो हिंदू धर्म में भक्ति और सम्मान का प्रतीक है। यह एक तरीका है जिसमें भक्त अपने ईश्वर या देवी को अपना प्यार और समर्पण दिखाते हैं।

प्रथम:
ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तनि धर्माणि प्रथमान्यासन् ।
ते ह नाकं महिमान: सचंत यत्र पूर्वे साध्या: संति देवा: ॥

द्वितीय:
ॐ राजाधिराजाय प्रसह्य साहिने।
नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे।
स मस कामान् काम कामाय मह्यं।
कामेश्र्वरो वैश्रवणो ददातु कुबेराय वैश्रवणाय।
महाराजाय नम: ।

तृतीय:
ॐ स्वस्ति, साम्राज्यं भौज्यं स्वाराज्यं
वैराज्यं पारमेष्ट्यं राज्यं महाराज्यमाधिपत्यमयं ।
समन्तपर्यायीस्यात् सार्वभौमः सार्वायुषः आन्तादापरार्धात् ।
पृथीव्यै समुद्रपर्यंताया एकरा‌ळ इति ॥

चतुर्थ:
ॐ तदप्येषः श्लोकोभिगीतो।
मरुतः परिवेष्टारो मरुतस्यावसन् गृहे।
आविक्षितस्य कामप्रेर्विश्वेदेवाः सभासद इति ॥
॥ मंत्रपुष्पांजली समर्पयामि ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम मंत्र पुष्पांजलि को रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह मन्त्र रोमन में–

Read Mantra Pushpanjali

prathama:
oṃ yajñena yajñamayajanta devāstani dharmāṇi prathamānyāsan ।
te ha nākaṃ mahimāna: sacaṃta yatra pūrve sādhyā: saṃti devā: ॥

dvitīya:
oṃ rājādhirājāya prasahya sāhine।
namo vayaṃ vaiśravaṇāya kurmahe।
sa masa kāmān kāma kāmāya mahyaṃ।
kāmeśrvaro vaiśravaṇo dadātu kuberāya vaiśravaṇāya।
mahārājāya nama: ।

tṛtīya:
oṃ svasti, sāmrājyaṃ bhaujyaṃ svārājyaṃ
vairājyaṃ pārameṣṭyaṃ rājyaṃ mahārājyamādhipatyamayaṃ ।
samantaparyāyīsyāt sārvabhaumaḥ sārvāyuṣaḥ āntādāparārdhāt ।
pṛthīvyai samudraparyaṃtāyā ekarā‌ḻa iti ॥

caturtha:
oṃ tadapyeṣaḥ ślokobhigīto।
marutaḥ pariveṣṭāro marutasyāvasan gṛhe।
āvikṣitasya kāmaprerviśvedevāḥ sabhāsada iti ॥
॥ maṃtrapuṣpāṃjalī samarpayāmi ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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