कविता

मेहंदी राचण लागी हाथा – Mehandi Rachan Lagi Hatha Me Lyrics

“मेहंदी राचण लागी हाथा” मारवाड़ी मेहंदी गीत के बोल अर्थात् लिरिक्स पढ़ें हिंदी में। मान्या अरोड़ा की आवाज़ में। इस गीत के गीतकार रमेश मिश्रा हैं।

मेहंदी राचण लागी हाथा में
बनड़े रे नाम री
आई शुभ घडी देखो
म्हारे आँगन आज री
आई शुभ घड़ी देखो
म्हारे आँगन आज री
बाजे बाजे रे शहनाई
ढोला थारे नाम री
आई शुभ घड़ी देखो
म्हारे आँगन आज री

मेहंदी रचेगी गहरी
प्यार गहरा होगा
लाल खुशहाल रंग
सब तेरे होगा
मेहंदी राचणी सुरंगी
ढोला थारे नाम री
आई शुभ घड़ी देखो
म्हारे आँगन आज री

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मेहंदी पे नाम हमने
किसका लिखा है
पढ़ के बताओ जी
किसका लिखा हैं
गौरे हाथों में सजी है
प्रीत थारे नाम री
गोर हाथों में सजी है
प्रीत थारे नाम री
ढोला थारे नाम री
आई शुभ घड़ी देखो
म्हारे आँगन आज री

मेहंदी राचण लागी हाथा में
बनड़े रे नाम री
आई शुभ घडी देखो
म्हारे आँगन आज री
आई शुभ घड़ी देखो
म्हारे आँगन आज री

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम मेहंदी राचण लागी हाथा गीत को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह मारवाड़ी मेहंदी गीत रोमन में–

Read Mehandi Rachan Lagi Hatha Me Lyrics

mehaṃdī rācaṇa lāgī hāthā meṃ
banaड़e re nāma rī
āī śubha ghaḍī dekho
mhāre ā~gana āja rī
āī śubha ghaड़ī dekho
mhāre ā~gana āja rī
bāje bāje re śahanāī
ḍholā thāre nāma rī
āī śubha ghaड़ī dekho
mhāre ā~gana āja rī

mehaṃdī racegī gaharī
pyāra gaharā hogā
lāla khuśahāla raṃga
saba tere hogā
mehaṃdī rācaṇī suraṃgī
ḍholā thāre nāma rī
āī śubha ghaड़ī dekho
mhāre ā~gana āja rī

mehaṃdī pe nāma hamane
kisakā likhā hai
paढ़ ke batāo jī
kisakā likhā haiṃ
gaure hāthoṃ meṃ sajī hai
prīta thāre nāma rī
gora hāthoṃ meṃ sajī hai
prīta thāre nāma rī
ḍholā thāre nāma rī
āī śubha ghaड़ī dekho
mhāre ā~gana āja rī

mehaṃdī rācaṇa lāgī hāthā meṃ
banaड़e re nāma rī
āī śubha ghaḍī dekho
mhāre ā~gana āja rī
āī śubha ghaड़ī dekho
mhāre ā~gana āja rī

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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