मुंबा देवी की आरती – Mumba Devi Aarti
मुंबा देवी की आरती (Mumba Devi Aarti) गाने से अन्तःकरण में माँ आद्यशक्ति का प्रकाश जागृत होता है। जो भी भक्त मन में श्रद्धा रखकर मुंबा देवी की आरती उतारता है और माँ के दर्शन करता है, माता सारे कष्टों से स्वयं उसकी रक्षा करती हैं। साथ ही मुंबा देवी की आरती पढ़ने से जीवन की कमियाँ दूर होने लगती हैं और सुखों की चाभी हाथ लग जाती है। माता की ममता अतुलनीय है। वे भक्तों पर कृपा बरसाने के लिए सदैव तत्पर हैं। आवश्यकता है तो पूर्ण समर्पण और अनंत भक्तिभाव की। पढ़ें मुंबा देवी की आरती–
जय आद्या शक्ति मां जय आद्या शक्ति,
अखंड ब्रह्मांड निपाव्या अखंड ब्रह्मांड निपाव्या।
पड़वे पंडित मां जयो-जयो मां जगदम्बे॥
द्वितेयावे स्वरूप शिव-शक्ति जाणु, मां शिवशक्ति,
ब्रह्मा गणपति गाए, ब्रह्मा गणपति गाए।
हर गाए हर मां जयो-जयो मां जगदम्बे॥
बीज तृतीया रूप त्रिभुवनमां बैठा मां त्रिभुव,
दया थकी त्रिवेणी, दया थकी त्रिवेणी।
तू त्रिवेणी मां जयो-जयो मां जगदम्बे॥
चौथे चतुरा महालक्ष्मी मां सचराचर बाख्या,
मां सचराचर बाख्या चार भुजा चौदिशा चार भुजा चौदिशा।
प्रगट्या दक्षिण, मां जयो-जयो मां जगदम्बे॥
पंचमी पंच रूपी पंचमी गुण पद्मा मां पंचम,
पंच तत्व त्यां सोहिए पंच तत्व क्यां सोहिए।
पंचि तत्वों मां, जयो-जयो मां जगदम्बे॥
षष्टि तू नारायणी महिषासुर मारयो,
मां महिषासुर मारयो, नर नारीना नर नारीना रूपे।
बाख्या-सर्वे मां, जयो-जयो मां जगदम्बे॥
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर मुंबा देवी की आरती (Mumba Devi Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें मुंबा देवी की आरती रोमन में–
jaya ādyā śakti māṃ jaya ādyā śakti,
akhaṃḍa brahmāṃḍa nipāvyā akhaṃḍa brahmāṃḍa nipāvyā।
paḍa़ve paṃḍita māṃ jayo-jayo māṃ jagadambe॥
dviteyāve svarūpa śiva-śakti jāṇu, māṃ śivaśakti,
brahmā gaṇapati gāe, brahmā gaṇapati gāe।
hara gāe hara māṃ jayo-jayo māṃ jagadambe॥
bīja tṛtīyā rūpa tribhuvanamāṃ baiṭhā māṃ tribhuva,
dayā thakī triveṇī, dayā thakī triveṇī।
tū triveṇī māṃ jayo-jayo māṃ jagadambe॥
cauthe caturā mahālakṣmī māṃ sacarācara bākhyā,
māṃ sacarācara bākhyā cāra bhujā caudiśā cāra bhujā caudiśā।
pragaṭyā dakṣiṇa, māṃ jayo-jayo māṃ jagadambe॥
paṃcamī paṃca rūpī paṃcamī guṇa padmā māṃ paṃcama,
paṃca tatva tyāṃ sohie paṃca tatva kyāṃ sohie।
paṃci tatvoṃ māṃ, jayo-jayo māṃ jagadambe॥
ṣaṣṭi tū nārāyaṇī mahiṣāsura mārayo,
māṃ mahiṣāsura mārayo, nara nārīnā nara nārīnā rūpe।
bākhyā-sarve māṃ, jayo-jayo māṃ jagadambe॥