धर्म

नैनन में पिचकारी दई – Nainan Mai Pichkari Dai

नैनन में पिचकारी दई, मोहे गारी दई,
होरी खेली ना जाय।
खेली ना जाय, होरी खेली ना जाय ॥
नैनन मे पिचकारी दई, मोहे गारी दई…

क्यों रे लंगर लंगराई मोते कीनी।
केसर कीच कपोलन दीनी।
लिए गुलाल वो तो ठाड़ो मुस्काये।
वो तो ठाड़ो मुस्काये।
होरी खेली ना जाय।
नैनन मे पिचकारी दई, मोहे गारी दई,
होरी खेली ना जाय।

नैक न कान करत काहू की।
नजर बचावे बलदाऊ की।
पनघट सौं घर लो बतराय।
घर लौं बतराय।
होरी खेली ना जाय।
नैनन मे पिचकारी दई, मोहे गारी दई,
होरी खेली ना जाय।

औचक कुचन कुमकुमा मारै।
रंग सुरंग सीस ते ढारै।
यह ऊधम सुनि सासु रिसियाय।
सुनि सासु रिसियाय।
होरी खेली ना जाय।
नैनन मे पिचकारी दई, मोहे गारी दई,
होरी खेली ना जाय।

होरी के दिनन मोते दूनौ दूनौ अटकै।
सालिगराम कोण जाहे हटकै।
अंग लिपटि हँसि हा -हा खाय।
हँसि हा -हा खाय।
होरी खेली ना जाय।
नैनन मे पिचकारी दई, मोहे गारी दई,
होरी खेली ना जाय।

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम इस भजन को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस भजन को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Nainan Mai Pichkari Dai रोमन में-

Read Nainan Mai Pichkari Dai

nainana me picakārī daī, mohe gārī daī,
horī khelī nā jāya।
khelī nā jāya, horī khelī nā jāya ॥
nainana me picakārī daī, mohe gārī daī…

kyoṃ re laṃgara laṃgarāī mote kīnī।
kesara kīca kapolana dīnī।
lie gulāla vo to ṭhāḍa़o muskāye।
vo to ṭhāḍa़o muskāye।
horī khelī nā jāya।
nainana me picakārī daī, mohe gārī daī,
horī khelī nā jāya।

naika na kāna karata kāhū kī।
najara bacāve baladāū kī।
panaghaṭa sauṃ ghara lo batarāya।
ghara lauṃ batarāya।
horī khelī nā jāya।
nainana me picakārī daī, mohe gārī daī,
horī khelī nā jāya।

aucaka kucana kumakumā mārai।
raṃga suraṃga sīsa te ḍhārai।
yaha ūdhama suni sāsu risiyāya।
suni sāsu risiyāya।
horī khelī nā jāya।
nainana me picakārī daī, mohe gārī daī,
horī khelī nā jāya।

horī ke dinana mote dūnau dūnau aṭakai।
sāligarāma koṇa jāhe haṭakai।
aṃga lipaṭi ha~si hā -hā khāya।
ha~si hā -hā khāya।
horī khelī nā jāya।
nainana me picakārī daī, mohe gārī daī,
horī khelī nā jāya।

यह भी पढ़ें

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!
Exit mobile version