नाकोड़ा भैरव देव की आरती – Nakoda Bhairav Dev Aarti
नाकोड़ा भैरव देव की आरती की शक्ति अनंत व अद्भुत है। जो यह नाकोड़ा भैरव देव की आरती (Nakoda Bhairav Dev Aarti) गाता है निश्चित ही वह बाबा की अहैतुकी कृपा प्राप्त करने में सक्षम होता है। इसे गाने से जीवन में सुख-समृद्धि की तो प्राप्ति होती ही है, साथ ही मन की सारी इच्छाएँ भी बाबा के आशीर्वाद से पूर्ण होती हैं। बाबा के स्वरूप का नित्य स्मरण करने और नाकोड़ा भैरव देव की आरती गाने से संसार में सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है व बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं। साथ ही इससे अभीष्ट की सिद्धि भी सहज ही होती है।
ॐ जय जय जयकारा,
वारी जय जय झंकारा,
आरती उतारो भक्तजन मिलकर,
भैरव रखवालावारी,
जीवन रखवाला,
ॐ जय जय जयकारा॥१॥
तुम समकीत सुर-नर मनमोहक,
मंगल नितकारा वा. म.,
श्री नाकोडा भैरव सुनदर,
जन मन हरनारा वा. ज. ओम्॥२॥
खडग त्रिशूलधर ख-पर सोहे,
डमरु करधारा वा. ड.,
अदभुत रुप अनोखी रचना,
मकुट कुंडल सारा, वा. मु. ओम्॥३॥
ॐ ह्रीं क्षां क्षं मंत्र बीज युक्त,
नाम जपे ताहरा,
रिद्धि सिद्धि अरु सम्पद मनोहर,
कुशल करे तेरा नाम लीया नीत,
आनंद कर नारा, वा. आ.,
रोग शोक दखु : दारिद्र हरता,
वंचित दातारा, वा. वा. ओम्॥५॥
श्रीफल लापसी मातर सुखडी,
लड्डू तेल धारा वा.ल.,
धुप दीप फु ल माल आरती,
नित्त नये रविवारा, वा.नि. ओम्॥६॥
वेयावछ करता संघ तेरी,
ध्यान अडग धारा। वा. ध्या .,
हिम्मत हीत से चित मै धर्ता,
भाव्यनन्द प्यारा, वा. भ.॥७॥
दो हजार के शुभ संवत्सर,
पौष मॉस रसाला, वा. पो.,
श्री सघं मिलकर करे आरती,
मंगल शीवमाला, वा. म.ओम्॥८॥
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर नाकोड़ा भैरव देव की आरती (Nakoda Bhairav Dev Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें नाकोड़ा भैरव देव की आरती रोमन में–
oṃ jaya jaya jayakārā,
vārī jaya jaya jhaṃkārā,
āratī utāro bhaktajana milakara,
bhairava rakhavālāvārī,
jīvana rakhavālā,
oṃ jaya jaya jayakārā॥1॥
tuma samakīta sura-nara manamohaka,
maṃgala nitakārā vā. ma.,
śrī nākoḍā bhairava sunadara,
jana mana haranārā vā. ja. om॥2॥
khaḍaga triśūladhara kha-para sohe,
ḍamaru karadhārā vā. ḍa.,
adabhuta rupa anokhī racanā,
makuṭa kuṃḍala sārā, vā. mu. om॥3॥
oṃ hrīṃ kṣāṃ kṣaṃ maṃtra bīja yukta,
nāma jape tāharā,
riddhi siddhi aru sampada manohara,
kuśala kare terā nāma līyā nīta,
ānaṃda kara nārā, vā. ā.,
roga śoka dakhu : dāridra haratā,
vaṃcita dātārā, vā. vā. om॥5॥
śrīphala lāpasī mātara sukhaḍī,
laḍḍū tela dhārā vā.la.,
dhupa dīpa phu la māla āratī,
nitta naye ravivārā, vā.ni. om॥6॥
veyāvacha karatā saṃgha terī,
dhyāna aḍaga dhārā। vā. dhyā .,
himmata hīta se cita mai dhartā,
bhāvyananda pyārā, vā. bha.॥7॥
do hajāra ke śubha saṃvatsara,
pauṣa maॉsa rasālā, vā. po.,
śrī saghaṃ milakara kare āratī,
maṃgala śīvamālā, vā. ma.om॥8॥
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