धर्म

नारायण स्तोत्र – Narayana Stotram

“नारायण स्तोत्र” यह एक बहुत ही प्रसिद्ध श्रीहरि को समर्पित स्तोत्र है। इसका पाठ प्रतिदिन नियमित रूप से करने पर हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है, तथा विष्णु जी को इस स्तोत्र का पाठ बहुत ही प्रिय है। जिससे वह जल्द ही प्रसन्न होते है।

नारायण नारायण जय गोविंद हरे
नारायण नारायण जय गोपाल हरे
करुणापारावारा वरुणालयगम्भीरा ॥
घननीरदसंकाशा कृतकलिकल्मषनाशा ॥
यमुनातीरविहारा धृतकौस्तुभमणिहारा ॥
पीताम्बरपरिधाना सुरकल्याणनिधाना ॥
मंजुलगुंजाभूषा मायामानुषवेषा ॥
राधाऽधरमधुरसिका रजनीकरकुलतिलका ॥
मुरलीगानविनोदा वेदस्तुतभूपादा ॥
बर्हिनिवर्हापीडा नटनाटकफणिक्रीडा ॥
वारिजभूषाभरणा राजिवरुक्मिणिरमणा ॥
जलरुहदलनिभनेत्रा जगदारम्भकसूत्रा ॥
पातकरजनीसंहर करुणालय मामुद्धर ॥
अधबकक्षयकंसारे केशव कृष्ण मुरारे ॥
हाटकनिभपीताम्बर अभयं कुरु मे मावर ॥
दशरथराजकुमारा दानवमदस्रंहारा ॥
गोवर्धनगिरिरमणा गोपीमानसहरणा ॥
शरयूतीरविहारासज्जनऋषिमन्दारा ॥
विश्वामित्रमखत्रा विविधपरासुचरित्रा ॥
ध्वजवज्रांकुशपादा धरणीसुतस्रहमोदा ॥
जनकसुताप्रतिपाला जय जय संसृतिलीला ॥
दशरथवाग्घृतिभारा दण्डकवनसंचारा ॥
मुष्टिकचाणूरसंहारा मुनिमानसविहारा ॥
वालिविनिग्रहशौर्या वरसुग्रीवहितार्या ॥
मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर ॥
जलनिधिबन्धनधीरा रावणकण्ठविदारा ॥
ताटीमददलनाढ्या नटगुणविविधधनाढ्या ॥
गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन ॥
स्रम्भ्रमसीताहारा साकेतपुरविहारा ॥
अचलोद्घृतिञ्चत्कर भक्तानुग्रहतत्पर ॥
नैगमगानविनोदा रक्षःसुतप्रह्लादा ॥
भारतियतिवरशंकर नामामृतमखिलान्तर ॥

। इति श्रीमच्छंकराचार्यविरचितं नारायणस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ।

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह स्तोत्र को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह नारायण स्त्रोत रोमन में–

Read Narayana Stotram

nārāyaṇa nārāyaṇa jaya goviṃda hare ॥
nārāyaṇa nārāyaṇa jaya gopāla hare ॥
karuṇāpārāvārā varuṇālayagambhīrā ॥
ghananīradasaṃkāśā kṛtakalikalmaṣanāśā ॥
yamunātīravihārā dhṛtakaustubhamaṇihārā ॥
pītāmbaraparidhānā surakalyāṇanidhānā ॥
maṃjulaguṃjābhūṣā māyāmānuṣaveṣā ॥
rādhā’dharamadhurasikā rajanīkarakulatilakā ॥
muralīgānavinodā vedastutabhūpādā ॥
barhinivarhāpīḍā naṭanāṭakaphaṇikrīḍā ॥
vārijabhūṣābharaṇā rājivarukmiṇiramaṇā ॥
jalaruhadalanibhanetrā jagadārambhakasūtrā ॥
pātakarajanīsaṃhara karuṇālaya māmuddhara ॥
adhabakakṣayakaṃsāre keśava kṛṣṇa murāre ॥
hāṭakanibhapītāmbara abhayaṃ kuru me māvara ॥
daśaratharājakumārā dānavamadasraṃhārā ॥
govardhanagiriramaṇā gopīmānasaharaṇā ॥
śarayūtīravihārāsajjanaṛṣimandārā ॥
viśvāmitramakhatrā vividhaparāsucaritrā ॥
dhvajavajrāṃkuśapādā dharaṇīsutasrahamodā ॥
janakasutāpratipālā jaya jaya saṃsṛtilīlā ॥
daśarathavāgghṛtibhārā daṇḍakavanasaṃcārā ॥
muṣṭikacāṇūrasaṃhārā munimānasavihārā ॥
vālivinigrahaśauryā varasugrīvahitāryā ॥
māṃ muralīkara dhīvara pālaya pālaya śrīdhara ॥
jalanidhibandhanadhīrā rāvaṇakaṇṭhavidārā ॥
tāṭīmadadalanāḍhyā naṭaguṇavividhadhanāḍhyā ॥
gautamapatnīpūjana karuṇāghanāvalokana ॥
srambhramasītāhārā sāketapuravihārā ॥
acalodghṛtiñcatkara bhaktānugrahatatpara ॥
naigamagānavinodā rakṣaḥsutaprahlādā ॥
bhāratiyativaraśaṃkara nāmāmṛtamakhilāntara ॥

। iti śrīmacchaṃkarācāryaviracitaṃ nārāyaṇastotraṃ sampūrṇam‌ ।

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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