धर्म

नवनाथ शाबर मंत्र – Navnath Shabar Mantra

नवनाथ शाबर मंत्र एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस मंत्र का जाप करने से भूत, प्रेत, जादू, टोने का समाधान होता है। इस मंत्र का जाप करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।

“ॐ नमो आदेश गुरु की। ॐकारे आदि-नाथ, उदय-नाथ पार्वती
सत्य-नाथ ब्रह्मा। सन्तोष-नाथ विष्णुः, अचल अचम्भे-नाथ।
गज-बेली गज-कन्थडि-नाथ, ज्ञान-पारखी चौरङ्गी-नाथ।
माया-रुपी मच्छेन्द्र-नाथ, जति-गुरु है गोरख-नाथ।
घट-घट पिण्डे व्यापी, नाथ सदा रहें सहाई।
नवनाथ चौरासी सिद्धों की दुहाई।
ॐ नमो आदेश गुरु की॥”

नवनाथ स्तुति – Navnath Stuti

“आदि-नाथ कैलाश-निवासी, उदय-नाथ काटै जम-फाँसी।
सत्य-नाथ सारनी सन्त भाखै, सन्तोष-नाथ सदा सन्तन की राखै।
कन्थडी-नाथ सदा सुख-दाई, अञ्चति अचम्भे-नाथ सहाई।
ज्ञान-पारखी सिद्ध चौरङ्गी, मत्स्येन्द्र-नाथ दादा बहुरङ्गी।
गोरख-नाथ सकल घट-व्यापी, काटै कलि-मल, तारै भव-पीरा।
नव-नाथों के नाम सुमिरिए, तनिक भस्मी ले मस्तक धरिए।
रोग-शोक-दारिद नशावै, निर्मल देह परम सुख पावै।
भूत-प्रेत-भय-भञ्जना, नव-नाथों का नाम।
सेवक सुमरे चन्द्र-नाथ, पूर्ण होंय सब काम॥”

नवनाथ स्मरण – Navnath Smaran Lyrics

“आदि-नाथ ओ स्वरुप, उदय-नाथ उमा-महि-रुप।
जल-रुपी ब्रह्मा सत-नाथ, रवि-रुप विष्णु सन्तोष-नाथ।
हस्ती-रुप गनेश भतीजै, ताकु कन्थड-नाथ कही जै।
माया-रुपी मछिन्दर-नाथ, चन्द-रुप चौरङ्गी-नाथ।
शेष-रुप अचम्भे-नाथ, वायु-रुपी गुरु गोरख-नाथ।
घट-घट-व्यापक घट का राव, अमी महा-रस स्त्रवती खाव।
ॐ नमो नव-नाथ-गण, चौरासी गोमेश।
आदि-नाथ आदि-पुरुष, शिव गोरख आदेश।
ॐ श्री नव-नाथाय नमः॥”

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम नवनाथ शाबर मंत्र को रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह मंत्र रोमन में–

Read Navnath Shabar Mantra

“oṃ namo ādeśa guru kī। oṃkāre ādi-nātha, udaya-nātha pārvatī।
satya-nātha brahmā। santoṣa-nātha viṣṇuḥ, acala acambhe-nātha।
gaja-belī gaja-kanthaḍi-nātha, jñāna-pārakhī cauraṅgī-nātha।
māyā-rupī macchendra-nātha, jati-guru hai gorakha-nātha।
ghaṭa-ghaṭa piṇḍe vyāpī, nātha sadā raheṃ sahāī।
navanātha caurāsī siddhoṃ kī duhāī।
oṃ namo ādeśa guru kī॥”

navanātha stuti

“ādi-nātha kailāśa-nivāsī, udaya-nātha kāṭai jama-phā~sī।
satya-nātha sāranī santa bhākhai, santoṣa-nātha sadā santana kī rākhai।
kanthaḍī-nātha sadā sukha-dāī, añcati acambhe-nātha sahāī।
jñāna-pārakhī siddha cauraṅgī, matsyendra-nātha dādā bahuraṅgī।
gorakha-nātha sakala ghaṭa-vyāpī, kāṭai kali-mala, tārai bhava-pīrā।
nava-nāthoṃ ke nāma sumirie, tanika bhasmī le mastaka dharie।
roga-śoka-dārida naśāvai, nirmala deha parama sukha pāvai।
bhūta-preta-bhaya-bhañjanā, nava-nāthoṃ kā nāma।
sevaka sumare candra-nātha, pūrṇa hoṃya saba kāma॥

navanātha smaraṇa

“ādi-nātha o svarupa, udaya-nātha umā-mahi-rupa।
jala-rupī brahmā sata-nātha, ravi-rupa viṣṇu santoṣa-nātha।
hastī-rupa ganeśa bhatījai, tāku kanthaḍa-nātha kahī jai।
māyā-rupī machindara-nātha, canda-rupa cauraṅgī-nātha।
śeṣa-rupa acambhe-nātha, vāyu-rupī guru gorakha-nātha।
ghaṭa-ghaṭa-vyāpaka ghaṭa kā rāva, amī mahā-rasa stravatī khāva।
oṃ namo nava-nātha-gaṇa, caurāsī gomeśa।
ādi-nātha ādi-puruṣa, śiva gorakha ādeśa।

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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