कविता

पियर फराक वाली – Piyar Farak Wali Lyrics – Pawan Singh (Bhojpuri Gana)

फराक वाली फराक वाली
अईलs हs बरात करे आ की हमसे बात करे
मांगे में मोबाईल नंबर लागतारs हाथ धरे
ओह हो हो
अच्छा मजाक करती हो
गोरी फूलझड़ी बाड़ू पापा के परी बाड़ू
आ लगलु पसारे तू तs पाँख
पियर फराक वाली
कच कच मारतारु आँख
पियर फराक वाली
फराक वाली फराक वाली

गलती से
गलती से ऐ जान टकरा गईनी हो
गलती से
लईकी के देखी पगलाईल बाड़s का
लागे की भांग खाके आईल बाड़s का
करत इशारा बाड़ू कहत आवारा बाड़ू
आ भड़केलु कईलो पs मजाक
पियर फराक वाली
कच कच मारतारु आँख
पियर फराक वाली
फराक वाली फराक वाली

लगने में
हमार हो जा तू जान एहि अँगने में
लगने में
सुनs
हमके पटावेलs तू फूलवे से
मारब चला के रस्गुल्लवे से
आगे आगे आशु खईहे पीछे प्रियांशु पईहे
आ पवन के मन दिहतु राख
पियर फराक वाली
कच कच मारतारु आँख
पियर फराक वाली
फराक वाली फराक वाली

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि यह भोजपुरी गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें यह भोजपुरी गाना रोमन में-

Read Piyar Farak Wali Lyrics – Bhojpuri Geet

pharāka vālī pharāka vālī
aīlas has barāta kare ā kī hamase bāta kare
māṃge meṃ mobāīla naṃbara lāgatāras hātha dhare
oha ho ho
acchā majāka karatī ho
gorī phūlajhaड़ī bāड़ū pāpā ke parī bāड़ū
ā lagalu pasāre tū tas pā~kha
piyara pharāka vālī
kaca kaca māratāru ā~kha
piyara pharāka vālī
pharāka vālī pharāka vālī

galatī se
galatī se ai jāna ṭakarā gaīnī ho
galatī se
laīkī ke dekhī pagalāīla bāड़s kā
lāge kī bhāṃga khāke āīla bāड़s kā
karata iśārā bāड़ū kahata āvārā bāड़ū
ā bhaड़kelu kaīlo pas majāka
piyara pharāka vālī
kaca kaca māratāru ā~kha
piyara pharāka vālī
pharāka vālī pharāka vālī

lagane meṃ
hamāra ho jā tū jāna ehi a~gane meṃ
lagane meṃ
sunas
hamake paṭāvelas tū phūlave se
māraba calā ke rasgullave se
āge āge āśu khaīhe pīche priyāṃśu paīhe
ā pavana ke mana dihatu rākha
piyara pharāka vālī
kaca kaca māratāru ā~kha
piyara pharāka vālī
pharāka vālī pharāka vālī

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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