प्यार मुझे कौन करेगा
“प्यार मुझे कौन करेगा” स्व. श्री नवल सिंह भदौरिया ‘नवल’ द्वारा हिंदी खड़ी बोली में रचित कविता है। इसमें कवि ने परित्यक्त अवस्था के विरह को मुखरित किया है। पढ़ें और आनंद लें इस कविता का–
तुम्हीं अगर ठुकरा दोगे तो प्यार मुझे फिर कौन करेगा?
निष्ठुर यदि तुम हो जाओगे, पीड़ा मेरी कौन हरेगा?
मैं तो निश दिन नाम तुम्हारा ही अब तक लेता आया हूँ
जीवन की टेढ़ी गलियों में साहस से बढ़ता आया हूँ
मेरी ऐसी लगन देखकर, जग ने कीचड़ खूब उछाला
पर मैंने चुप रहने का ही सबसे सुन्दर मंत्र निकाला
मगर तुम्हीं भूलोगे मुझको याद भला फिर कौन करेगा?
एक तुम्हारे लिए न जाने कितने आकर्षण ठुकराये
एक तुम्हारे लिए जगत के सुख छोड़े पर दु:ख दुलकाये
मेरी अश्रु भरी आँखों से हारी हैं अगणित बरसातें
किन्तु कभी क्या जान सके तुम कैसे गुज़रे दिन अरु रातें
मुझको तुम अपना न सके तो हार गले का कौन करेगा?
आँखों ने छवि अंकित कर ली, आलोड़न हो उठा हृदय में
अगणित भाव उठे आकुल हो स्पन्दन हो उठा निलय में
मन को फिर अवलम्ब मिल गया मधुर गीत प्राणों ने गाये
आशाओं ने बादल चूमें, जीवन के तुम मीत बनाये
मगर इस तरह मौन रहोगे, बात भला फिर कौन करेगा ?
स्व. श्री नवल सिंह भदौरिया हिंदी खड़ी बोली और ब्रज भाषा के जाने-माने कवि हैं। ब्रज भाषा के आधुनिक रचनाकारों में आपका नाम प्रमुख है। होलीपुरा में प्रवक्ता पद पर कार्य करते हुए उन्होंने गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, सवैया, कहानी, निबंध आदि विभिन्न विधाओं में रचनाकार्य किया और अपने समय के जाने-माने नाटककार भी रहे। उनकी रचनाएँ देश-विदेश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। हमारा प्रयास है कि हिंदीपथ के माध्यम से उनकी कालजयी कृतियाँ जन-जन तक पहुँच सकें और सभी उनसे लाभान्वित हों। संपूर्ण व्यक्तित्व व कृतित्व जानने के लिए कृपया यहाँ जाएँ – श्री नवल सिंह भदौरिया का जीवन-परिचय।