धर्म

श्री राम अमृतवाणी – Ram Amritvani Lyrics

पढ़ें “श्री राम अमृतवाणी”

रामामृत पद पावन वाणी,
राम नाम धुन सुधा सामानी,
पावन पाथ राम गन ग्राम,
राम राम जप राम ही राम । 1 ।

परम सत्य परम विज्ञान,
ज्योति स्वरूप राम भगवान,
परमानंद, सर्वशक्तिमान,
राम परम है राम महान । 2 ।

अमृत ​​वाणी नाम उच्चाहरान,
राम राम सुख सिद्धिकारण,
अमृतवानी अमृत श्री नाम,
राम राम मुद मंगल धाम । 3 ।

अमृतरूप राम-गुण गान,
अमृत-कथन राम व्याख्यान,
अमृत-वचन राम की चर्चा,
सुधा सम गीत राम की अर्चा । 4 ।

अमृत ​​मनन राम का जाप,
राम राम प्रभु राम अलाप,
अमृत ​​चिंतन राम का ध्यान,
राम शब्द में सूचि समाधन । 5 ।

अमृत ​​रसना वही कहवा,
राम-राम, जहां नाम सुहावे,
अमृत ​​कर्म नाम कमानी,
राम-राम परम सुखदायी । 6 ।

अमृत ​​राम-नाम जो ही ध्यावे,
अमृत पद सो ही जन पावे,
राम-नाम अमृत-रास सार,
देता परम आनन्द अपार । 7 ।

राम-राम जप हे माणा,
अमृत वाणी मान,
राम-नाम मे राम को,
सदा विराजित जान । 8 ।

राम-नाम मद-मंगलकारी,
विध्ण हरे सब पातक हारी,
राम नाम शुभ-शकुण महान,
स्वस्ती शांति शिवकर कल्याण । 9 ।

राम-राम श्री राम-विचार,
मानी उत्तम मंगलाचार,
राम-राम मन मुख से गाना,
मानो मधुर मनोरथ पाना । 10 ।

राम-नाम जो जन मन लावे,
उसमे शुभ सभी बस जावे,
जहां हो राम-नाम धुन-नाद,
भागे वहा से विषम विषाद । 11 ।

राम-नाम मन-तप्त बुझावे,
सुधा रस सीच शांति ले आवे,
राम-राम जपिये कर भाव,
सुविधा सुविध बने बनाव । 12 ।

राम-नाम सिमरो सदा,
अतिशय मंगल मूल,
विषम विकट संकट हरन,
कारक सब अनुकूल । 13 ।

जपना राम-राम है सुकृत,
राम-नाम है नाशक दुष्कृत,
सिमरे राम-राम ही जो जन,
उसका हो शुचित्र तन-मन । 14 ।

जिसमे राम-नाम शुभ जागे,
उस के पाप-ताप सब भागे,
मन से राम-नाम जो उच्चारे,
उस के भागे भ्रम भय सारे । 15 ।

जिस मन बस जाए राम सुनाम,
होवे वह जन पूर्णकाम,
चित में राम-राम जो सिमरे,
निश्चय भव सागर से तारे । 16 ।

राम-सिमरन होव साहै,
राम-सिमरन है सुखदायी,
राम सिमरन सब से ऊंचा,
राम शक्ति सुख ज्ञान समूचा । 17 ।

राम-राम हे सिमर मन,
राम-राम श्री राम,
राम-राम श्री राम-भज,
राम-राम हरि-नाम । 18 ।

मात पिता बांधव सूत दारा,
धन जन साजन सखा प्यारा,
अंत काल दे सके ना सहारा,
राम-नाम तेरा तारण हारा । 19 ।

सिमरन राम-नाम है संगी,
सखा स्नेही सुहिर्द शुभ अंगी,
यूग-यूग का है राम सहेला,
राम-भगत नहीं रहे अकेला । 20 ।

निर्जन वन विपद हो घोर,
निबर्ध निशा तम सब ओर,
जोत जब राम नाम की जागे,
संकट सर्व सहज से भागे । 21 ।

बाधा बड़ी विषम जब आवे,
वैर विरोध विघ्न बढ़ जावे,
राम नाम जपिये सुख दाता,
सच्चा साथी जो हितकर त्राता । 22 ।

मन जब धैर्य को नहीं पावे,
कुचिन्ता चित्त को चूर बनावे
राम नाम जपे चिंता चूरक,
चिंतामणि चित्त चिंतन पूरक । 23 ।

शोक सागर हो उमड़ा आता,
अति दुःख में मन घबराता,
भजिये राम-राम बहु बार,
जन का करता बेड़ा पार । 24 ।

करधी घरद्धि कठिनतर काल,
कष्ट कठोर हो क्लेश कराल,
राम-राम जपिये प्रतिपाल,
सुख दाता प्रभु दीनदयाल । 25 ।

घटना घोर घटे जिस बेर,
दुर्जन दुखरदे लेवेँ घेर,
जपिये राम-नाम बिन देर,
रखिये राम-राम शुभ टेर । 26 ।

राम-नाम हो सदा सहायक,
राम-नाम सर्व सुखदायक,
राम-राम प्रभु राम की टेक,
शरण शान्ति आश्रय है एक । 27 ।

पूँजी राम-नाम की पाइये,
पाथेय साथ नाम ले जाइये,
नाशे जन्म मरण का खटका,
रहे राम भक्त नहीं अटका । 28 ।

राम-राम श्री राम है,
तीन लोक का नाथ,
परम-पुरुष पावन प्रभु,
सदा का संगी साथ । 29 ।

यज्ञ तप ध्यान योग ही त्याग,
वन कुटी वास अति वैराग,
राम-नाम बिना नीरस फोक,
राम-राम जप तरिये लोक । 30 ।

राम-जाप सब संयम साधन,
राम-जाप है कर्म आराधन,
राम-जाप है परम-अभ्यास,
सिम्रो राम-नाम सुख-रास । 31 ।

राम-जाप कही ऊंची करनी,
बाधा विघ्न बहु दुःख हरनी,
राम-राम महा-मंत्र जपना,
है सुव्रत नेम तप तपना । 32 ।

राम-जाप है सरल समाधि,
हरे सब आधी व्याधि उपाधि,
रिद्धि-सिद्धि और नव-निधान,
डाटा राम है सब सुख-खान । 33 ।

राम-राम चिन्तन सुविचार,
राम-राम जप निश्चय धार,
राम-राम श्री राम-ध्याना,
है परम-पद अमृत पाना । 34 ।

राम-राम श्री राम हरी,
सहज पराम है योग,
राम-राम श्री राम जप,
देता अमृत-भोग । 35 ।

नाम चिंतामणि रत्न अमोल,
राम-नाम महिमा अनमोल,
अतुल प्रभाव अति-प्रताप,
राम-नाम कहा तारक जाप । 36 ।

बीज अक्षर महा-शक्ति-कोष,
राम-राम जप शुभ-संतोष,
राम-राम श्री राम-राम मंत्र,
तंत्र बीज परात्पर यन्त्र । 37 ।

बीजाक्षर पद पद्मा प्रकाशे,
राम-राम जप दोष विनाशे,
कुण्डलिनी बोधे, सुष्मना खोले,
राम मंत्र अमृत रस घोले । 38 ।

उपजे नाद सहज बहु-भांत,
अजपा जाप भीतर हो शांत,
राम-राम पद शक्ति जगावे,
राम-राम धुन जभी रमावे । 39 ।

राम-नाम जब जगे अभंग,
चेतन-भाव जगे सुख संग,
ग्रंथि अविद्या टूटे भारी,
राम-लीला की खिले फुलवारी । 40 ।

पतित-पावन परम-पाठ,
राम-राम जप योग,
सफल सिद्धि कर साधना,
राम-नाम अनुराग । 41 ।

तीन लोक का समझीये सार,
राम-नाम सब ही सुखकार,
राम-नाम की बहुत बरदाई,
वेद पुराण मुनि जन गाई । 42 ।

यति सती साधू संत सयाने,
राम नाम निष्-दिन बखाने,
तापस योगी सिद्ध ऋषिवर,
जाप्ते राम-नाम सब सुखकर । 43 ।

भावना भक्ति भरे भजनीक,
भजते राम-नाम रमणीक,
भजते भक्त भाव-भरपूर,
भ्रम-भय भेद-भाव से दूर । 44 ।

पूर्ण पंडित पुरुष-प्रधान,
पावन-परम पाठ ही मान,
करते राम-राम जप-ध्यान,
सुनते राम अनहद तान । 45 ।

इस में सुरति सुर रमाते,
राम राम स्वर साध समाते,
देव देवीगन दैव विधाता,
राम-राम भजते गनत्राता । 46 ।

राम राम सुगुणी जन गाते,
स्वर-संगीत से राम रिझाते,
कीर्तन-कथा करते विद्वान्,
सार सरस संग साधनवान । 47 ।

मोहक मंत्र अति मधुर,
राम-राम जप ध्यान,
होता तीनो लोक में,
राम-नाम गन-गान । 48 ।

मिथ्या मन-कल्पित मत-जाल,
मिथ्या है मोह-कुमद-बैताल,
मिथ्या मन-मुखिआ मनोराज,
सच्चा है राम-राम जप काज । 49 ।

मिथ्या है वाद-विवाद विरोध,
मिथ्या है वैर निंदा हाथ क्रोध
मिथ्या द्रोह दुर्गुण दुःख कहाँ,
राम-नाम जप सत्य निधान । 50 ।

सत्य-मूलक है रचना साड़ी,
सर्व-सत्य प्रभु-राम पसारि,
बीज से तरु मक्करधी से तार,
हुआ त्यों राम से जग विस्तार । 51 ।

विश्व-वृक्ष का राम है मूल,
उस को तू प्राणी कभी न भूल,
सां-साँस से सीमार सुजान,
राम-राम प्रभु-राम महान । 52 ।

लाया उत्पत्ति पालना-रूप,
शक्ति-चेतना आनंद-स्वरुप,
आदि अन्त और मध्य है राम,
अशरण-शरण है राम-विश्राम । 53 ।

राम-राम जप भाव से,
मेरे अपने आप,
परम-पुरुष पालक-प्रभु,
हर्ता पाप त्रिताप । 54 ।

राम-नाम बिना वृथा विहार,
धन-धान्य सुख-भोग पसार,
वृथा है सब सम्पद सम्मान,
होव तँ यथा रहित प्रान । 55 ।

नाम बिना सब नीरस स्वाद,
ज्योँ हो स्वर बिना राग विषाद,
नाम बिना नहीं साजे सिंगार,
राम-नाम है सब रस सार । 56 ।

जगत का जीवन जानो राम,
जग की ज्योति जाज्वल्यमान,
राम-नाम बिना मोहिनी-माया,
जीवन-हीं यथा तन-छाया । 57 ।

सूना समझीये सब संसार,
जहां नहीं राम-नाम संचार,
सूना जानिये ज्ञान-विवेक,
जिस में राम-नाम नहीं एक । 58 ।

सूने ग्रन्थ पंथ मत पोथे,
बने जो राम-नाम बिन थोथी,
राम-नाम बिन वाद-विचार,
भारी भ्रम का करे प्रचार । 59 ।

राम-नाम दीपक बिना,
जान-मन में अंधेर,
रहे इस से हे मम-मन,
नाम सुमाला फेर । 60 ।

राम-राम भज कर श्री राम,
करिये नित्य ही उत्तम काम,
जितने कर्त्तव्य कर्म कलाप,
करिये राम-राम कर जाप । 61 ।

करिये गमनागम के काल,
राम-जाप जो कर्ता निहाल,
सोते जागते सब दिन याम,
जपिये राम-राम अभिराम । 62 ।

जाप्ते राम-नाम महा माला,
लगता नरक-द्वार पै टाला,
जाप्ते राम-राम जप पाठ,
जलते कर्म बंध यथा काठ । 63 ।

तान जब राम-नाम की तूती,
भांडा-भरा अभाग्य भया फूटे,
मनका है राम-नाम का ऐसा,
चिंता-मणि पारस-मणि जैसा । 64 ।

राम-नाम सुधा-रस सागर,
राम-नाम ज्ञान गुण-अगर,
राम-नाम श्री राम-महाराज,
भाव-सिंधु में है अतुल-जहाज । 65 ।

राम-नाम सब तीर्थ-स्थान,
राम-राम जप परम-स्नान,
धो कर पाप-ताप सब धुल,
कर दे भया-भ्रम को उन्मूल । 66 ।

राम जाप रवि-तेज सामान
महा-मोह-ताम हरे अज्ञान,
राम जाप दे आनंद महान,
मिले उसे जिसे दे भगवान् । 67 ।

राम-नाम को सिमरिये,
राम-राम एक तार,
परम-पाठ पावन-परम,
पतित अधम दे तार । 68 ।

माँगूँ मैं राम-कृपा दिन रात,
राम-कृपा हरे सब उत्पात,
राम-कृपा लेवे अंट सँभाल,
राम-प्रभु है जन प्रतिपाल । 69 ।

राम-कृपा है उच्तर-योग,
राम-कृपा है शुभ संयोग,
राम-कृपा सब साधन-मर्म,
राम-कृपा संयम सत्य धर्म । 70 ।

राम-नाम को मन में बसाना,
सुपथ राम-कृपा का है पाना,
मन में राम-धुन जब फिर,
राम-कृपा तब ही अवतार । 71 ।

रहूँ मैं नाम में हो कर लीं,
जैसे जल में हो मीन अड़ीं,
राम-कृपा भरपूर मैं पाऊँ,
परम प्रभु को भीतर लाऊँ । 72 ।

भक्ति-भाव से भक्त सुजान,
भजते राम-कृपा का निधान,
राम-कृपा उस जान में आवे,
जिस में आप ही राम बसावे । 73 ।

कृपा प्रसाद है राम की देनी,
काल-व्याल जंजाल हर लेनी,
कृपा-प्रसाद सुधा-सुख-स्वाद,
राम-नाम दे रहित विवाद । 74 ।

प्रभु-पसाद शिव-शान्ति-दाता,
ब्रह्म-धाम में आप पहुँचाता,
प्रभु-प्रसाद पावे वह प्राणी,
राम-राम जापे अमृत-वाणी । 75 ।

औषध राम-नाम की खाईये,
मृत्यु जन्म के रोग मिटाइये,
राम-नाम अमृत रस-पान,
देता अमल अचल निर्वाण । 76 ।

राम-राम धुन गूँज से,
भाव-भया जाते भाग,
राम-नाम धुन ध्यान से,
सब शुभ जाते जाग । 77 ।

माँगूँ मैं राम-नाम महादान,
करता निर्धन का कल्याण,
देव-द्वार पर जनम का भूखा,
भक्ति प्रेम अनुराग से रूखा । 78 ।

पर हूँ तेरा-यह लिए टेर,
चरण पारधे की राखियो मेर,
अपना आप विरद-विचार,
दीजिये भगवन! नाम प्यार । 79 ।

राम-नाम ने वे भी तारे,
जो थे अधर्मी-अधम हत्यारे,
कपटी-कुटिल-कुकर्मी अनेक,
तर गए राम-नाम ले एक । 80 ।

तर गए धृति-धारणा हीं,
धर्म-कर्म में जन अति दीन,
राम-राम श्री राम-जप जाप,
हुए अतुल-विमल-अपाप । 81 ।

राम-नाम मन मुख में बोले,
राम-नाम भीतर पट खोले,
राम-नाम से कमल-विकास,
होवें सब साधन सुख-रास । 82 ।

राम-नाम घट भीतर बसे,
सांस-साँस नस-नस से रसे,
सपने में भी न बिसरे नाम,
राम-राम श्री राम-राम-राम । 83 ।

राम-नाम के मेल से,
साध जाते सब-काम,
देव-देव देवी यादा,
दान महा-सुख-धाम । 84 ।

अहो मैं राम-नाम धन पाया,
कान में राम-नाम जब आया,
मुख से राम-नाम जब गाया,
मन से राम-नाम जब ध्याया । 85 ।

पा कर राम-नाम धन-राशि,
घोर-अविद्या विपद विनाशी,
बर्धा जब राम प्रेम का पूर,
संकट-संशय हो गए दूर । 86 ।

राम-नाम जो जापे एक बेर,
उस के भीतर कोष-कुबेर,
दीं-दुखिया-दरिद्र-कंगाल,
राम-राम जप होव निहाल । 87 ।

हृदय राम-नाम से भरिये,
संचय राम-नाम दान करिए,
घाट में नाम मूर्ती धरिये,
पूजा अंतर्मुख हो करिये । 88 ।

आँखें मूँद के सुनिये सितार,
राम-राम सुमधुर झनकार,
उस में मन का मेल मिलाओ,
राम-राम सुर में ही समाओ । 89 ।

जपूँ मैं राम-राम प्रभु राम,
ध्याऊँ मैं राम-राम हरे राम,
सिमरूँ मैं राम-राम प्रभु राम,
गाऊं मैं राम-राम श्री राम । 90 ।

अमृतवाणी का नित्य गाना,
राम-राम मन बीच रमाणा,
देता संकट-विपद निवार,
करता शुभ श्री मंगलाचार । 91 ।

राम-नाम जप पाठ से,
हो अमृत संचार,
राम-धाम में प्रीति हो,
सुगुण-गैन का विस्तार । 92 ।

तारक मंत्र राम है,
जिस का सुफल अपार,
इस मंत्र के जाप से,
निश्चय बने निस्तार । 93 ।

बोलो राम, बोलो राम,
बोलो राम राम राम।

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह भजन रोमन में–

Read Ram Amritvani Lyrics

rāmāmṛta pada pāvana vāṇī,
rāma nāma dhuna sudhā sāmānī,
pāvana pātha rāma gana grāma,
rāma rāma japa rāma hī rāma । 1 ।

parama satya parama vijñāna,
jyoti svarūpa rāma bhagavāna,
paramānaṃda, sarvaśaktimāna,
rāma parama hai rāma mahāna । 2 ।

amṛta ​​vāṇī nāma uccāharāna,
rāma rāma sukha siddhikāraṇa,
amṛtavānī amṛta śrī nāma,
rāma rāma muda maṃgala dhāma । 3 ।

amṛtarūpa rāma-guṇa gāna,
amṛta-kathana rāma vyākhyāna,
amṛta-vacana rāma kī carcā,
sudhā sama gīta rāma kī arcā । 4 ।

amṛta ​​manana rāma kā jāpa,
rāma rāma prabhu rāma alāpa,
amṛta ​​ciṃtana rāma kā dhyāna,
rāma śabda meṃ sūci samādhana । 5 ।

amṛta ​​rasanā vahī kahavā,
rāma-rāma, jahāṃ nāma suhāve,
amṛta ​​karma nāma kamānī,
rāma-rāma parama sukhadāyī । 6 ।

amṛta ​​rāma-nāma jo hī dhyāve,
amṛta pada so hī jana pāve,
rāma-nāma amṛta-rāsa sāra,
detā parama ānanda apāra । 7 ।

rāma-rāma japa he māṇā,
amṛta vāṇī māna,
rāma-nāma me rāma ko,
sadā virājita jāna । 8 ।

rāma-nāma mada-maṃgalakārī,
vidhṇa hare saba pātaka hārī,
rāma nāma śubha-śakuṇa mahāna,
svastī śāṃti śivakara kalyāṇa । 9 ।

rāma-rāma śrī rāma-vicāra,
mānī uttama maṃgalācāra,
rāma-rāma mana mukha se gānā,
māno madhura manoratha pānā । 10 ।

rāma-nāma jo jana mana lāve,
usame śubha sabhī basa jāve,
jahāṃ ho rāma-nāma dhuna-nāda,
bhāge vahā se viṣama viṣāda । 11 ।

rāma-nāma mana-tapta bujhāve,
sudhā rasa sīca śāṃti le āve,
rāma-rāma japiye kara bhāva,
suvidhā suvidha bane banāva । 12 ।

rāma-nāma simaro sadā,
atiśaya maṃgala mūla,
viṣama vikaṭa saṃkaṭa harana,
kāraka saba anukūla । 13 ।

japanā rāma-rāma hai sukṛta,
rāma-nāma hai nāśaka duṣkṛta,
simare rāma-rāma hī jo jana,
usakā ho śucitra tana-mana । 14 ।

jisame rāma-nāma śubha jāge,
usa ke pāpa-tāpa saba bhāge,
mana se rāma-nāma jo uccāre,
usa ke bhāge bhrama bhaya sāre । 15 ।

jisa mana basa jāe rāma sunāma,
hove vaha jana pūrṇakāma,
cita meṃ rāma-rāma jo simare,
niścaya bhava sāgara se tāre । 16 ।

rāma-simarana hova sāhai,
rāma-simarana hai sukhadāyī,
rāma simarana saba se ūṃcā,
rāma śakti sukha jñāna samūcā । 17 ।

rāma-rāma he simara mana,
rāma-rāma śrī rāma,
rāma-rāma śrī rāma-bhaja,
rāma-rāma hari-nāma । 18 ।

māta pitā bāṃdhava sūta dārā,
dhana jana sājana sakhā pyārā,
aṃta kāla de sake nā sahārā,
rāma-nāma terā tāraṇa hārā । 19 ।

simarana rāma-nāma hai saṃgī,
sakhā snehī suhirda śubha aṃgī,
yūga-yūga kā hai rāma sahelā,
rāma-bhagata nahīṃ rahe akelā । 20 ।

nirjana vana vipada ho ghora,
nibardha niśā tama saba ora,
jota jaba rāma nāma kī jāge,
saṃkaṭa sarva sahaja se bhāge । 21 ।

bādhā baḍa़ī viṣama jaba āve,
vaira virodha vighna baḍha़ jāve,
rāma nāma japiye sukha dātā,
saccā sāthī jo hitakara trātā । 22 ।

mana jaba dhairya ko nahīṃ pāve,
kucintā citta ko cūra banāve
rāma nāma jape ciṃtā cūraka,
ciṃtāmaṇi citta ciṃtana pūraka । 23 ।

śoka sāgara ho umaḍa़ā ātā,
ati duḥkha meṃ mana ghabarātā,
bhajiye rāma-rāma bahu bāra,
jana kā karatā beḍa़ā pāra । 24 ।

karadhī gharaddhi kaṭhinatara kāla,
kaṣṭa kaṭhora ho kleśa karāla,
rāma-rāma japiye pratipāla,
sukha dātā prabhu dīnadayāla । 25 ।

ghaṭanā ghora ghaṭe jisa bera,
durjana dukharade leve~ ghera,
japiye rāma-nāma bina dera,
rakhiye rāma-rāma śubha ṭera । 26 ।

rāma-nāma ho sadā sahāyaka,
rāma-nāma sarva sukhadāyaka,
rāma-rāma prabhu rāma kī ṭeka,
śaraṇa śānti āśraya hai eka । 27 ।

pū~jī rāma-nāma kī pāiye,
pātheya sātha nāma le jāiye,
nāśe janma maraṇa kā khaṭakā,
rahe rāma bhakta nahīṃ aṭakā । 28 ।

rāma-rāma śrī rāma hai,
tīna loka kā nātha,
parama-puruṣa pāvana prabhu,
sadā kā saṃgī sātha । 29 ।

yajña tapa dhyāna yoga hī tyāga,
vana kuṭī vāsa ati vairāga,
rāma-nāma binā nīrasa phoka,
rāma-rāma japa tariye loka । 30 ।

rāma-jāpa saba saṃyama sādhana,
rāma-jāpa hai karma ārādhana,
rāma-jāpa hai parama-abhyāsa,
simro rāma-nāma sukha-rāsa । 31 ।

rāma-jāpa kahī ūṃcī karanī,
bādhā vighna bahu duḥkha haranī,
rāma-rāma mahā-maṃtra japanā,
hai suvrata nema tapa tapanā । 32 ।

rāma-jāpa hai sarala samādhi,
hare saba ādhī vyādhi upādhi,
riddhi-siddhi aura nava-nidhāna,
ḍāṭā rāma hai saba sukha-khāna । 33 ।

rāma-rāma cintana suvicāra,
rāma-rāma japa niścaya dhāra,
rāma-rāma śrī rāma-dhyānā,
hai parama-pada amṛta pānā । 34 ।

rāma-rāma śrī rāma harī,
sahaja parāma hai yoga,
rāma-rāma śrī rāma japa,
detā amṛta-bhoga । 35 ।

nāma ciṃtāmaṇi ratna amola,
rāma-nāma mahimā anamola,
atula prabhāva ati-pratāpa,
rāma-nāma kahā tāraka jāpa । 36 ।

bīja akṣara mahā-śakti-koṣa,
rāma-rāma japa śubha-saṃtoṣa,
rāma-rāma śrī rāma-rāma maṃtra,
taṃtra bīja parātpara yantra । 37 ।

bījākṣara pada padmā prakāśe,
rāma-rāma japa doṣa vināśe,
kuṇḍalinī bodhe, suṣmanā khole,
rāma maṃtra amṛta rasa ghole । 38 ।

upaje nāda sahaja bahu-bhāṃta,
ajapā jāpa bhītara ho śāṃta,
rāma-rāma pada śakti jagāve,
rāma-rāma dhuna jabhī ramāve । 39 ।

rāma-nāma jaba jage abhaṃga,
cetana-bhāva jage sukha saṃga,
graṃthi avidyā ṭūṭe bhārī,
rāma-līlā kī khile phulavārī । 40 ।

patita-pāvana parama-pāṭha,
rāma-rāma japa yoga,
saphala siddhi kara sādhanā,
rāma-nāma anurāga । 41 ।

tīna loka kā samajhīye sāra,
rāma-nāma saba hī sukhakāra,
rāma-nāma kī bahuta baradāī,
veda purāṇa muni jana gāī । 42 ।

yati satī sādhū saṃta sayāne,
rāma nāma niṣ-dina bakhāne,
tāpasa yogī siddha ṛṣivara,
jāpte rāma-nāma saba sukhakara । 43 ।

bhāvanā bhakti bhare bhajanīka,
bhajate rāma-nāma ramaṇīka,
bhajate bhakta bhāva-bharapūra,
bhrama-bhaya bheda-bhāva se dūra । 44 ।

pūrṇa paṃḍita puruṣa-pradhāna,
pāvana-parama pāṭha hī māna,
karate rāma-rāma japa-dhyāna,
sunate rāma anahada tāna । 45 ।

isa meṃ surati sura ramāte,
rāma rāma svara sādha samāte,
deva devīgana daiva vidhātā,
rāma-rāma bhajate ganatrātā । 46 ।

rāma rāma suguṇī jana gāte,
svara-saṃgīta se rāma rijhāte,
kīrtana-kathā karate vidvān,
sāra sarasa saṃga sādhanavāna । 47 ।

mohaka maṃtra ati madhura,
rāma-rāma japa dhyāna,
hotā tīno loka meṃ,
rāma-nāma gana-gāna । 48 ।

mithyā mana-kalpita mata-jāla,
mithyā hai moha-kumada-baitāla,
mithyā mana-mukhiā manorāja,
saccā hai rāma-rāma japa kāja । 49 ।

mithyā hai vāda-vivāda virodha,
mithyā hai vaira niṃdā hātha krodha
mithyā droha durguṇa duḥkha kahā~,
rāma-nāma japa satya nidhāna । 50 ।

satya-mūlaka hai racanā sāḍa़ī,
sarva-satya prabhu-rāma pasāri,
bīja se taru makkaradhī se tāra,
huā tyoṃ rāma se jaga vistāra । 51 ।

viśva-vṛkṣa kā rāma hai mūla,
usa ko tū prāṇī kabhī na bhūla,
sāṃ-sā~sa se sīmāra sujāna,
rāma-rāma prabhu-rāma mahāna । 52 ।

lāyā utpatti pālanā-rūpa,
śakti-cetanā ānaṃda-svarupa,
ādi anta aura madhya hai rāma,
aśaraṇa-śaraṇa hai rāma-viśrāma । 53 ।

rāma-rāma japa bhāva se,
mere apane āpa,
parama-puruṣa pālaka-prabhu,
hartā pāpa tritāpa । 54 ।

rāma-nāma binā vṛthā vihāra,
dhana-dhānya sukha-bhoga pasāra,
vṛthā hai saba sampada sammāna,
hova ta~ yathā rahita prāna । 55 ।

nāma binā saba nīrasa svāda,
jyo~ ho svara binā rāga viṣāda,
nāma binā nahīṃ sāje siṃgāra,
rāma-nāma hai saba rasa sāra । 56 ।

jagata kā jīvana jāno rāma,
jaga kī jyoti jājvalyamāna,
rāma-nāma binā mohinī-māyā,
jīvana-hīṃ yathā tana-chāyā । 57 ।

sūnā samajhīye saba saṃsāra,
jahāṃ nahīṃ rāma-nāma saṃcāra,
sūnā jāniye jñāna-viveka,
jisa meṃ rāma-nāma nahīṃ eka । 58 ।

sūne grantha paṃtha mata pothe,
bane jo rāma-nāma bina thothī,
rāma-nāma bina vāda-vicāra,
bhārī bhrama kā kare pracāra । 59 ।

rāma-nāma dīpaka binā,
jāna-mana meṃ aṃdhera,
rahe isa se he mama-mana,
nāma sumālā phera । 60 ।

rāma-rāma bhaja kara śrī rāma,
kariye nitya hī uttama kāma,
jitane karttavya karma kalāpa,
kariye rāma-rāma kara jāpa । 61 ।

kariye gamanāgama ke kāla,
rāma-jāpa jo kartā nihāla,
sote jāgate saba dina yāma,
japiye rāma-rāma abhirāma । 62 ।

jāpte rāma-nāma mahā mālā,
lagatā naraka-dvāra pai ṭālā,
jāpte rāma-rāma japa pāṭha,
jalate karma baṃdha yathā kāṭha । 63 ।

tāna jaba rāma-nāma kī tūtī,
bhāṃḍā-bharā abhāgya bhayā phūṭe,
manakā hai rāma-nāma kā aisā,
ciṃtā-maṇi pārasa-maṇi jaisā । 64 ।

rāma-nāma sudhā-rasa sāgara,
rāma-nāma jñāna guṇa-agara,
rāma-nāma śrī rāma-mahārāja,
bhāva-siṃdhu meṃ hai atula-jahāja । 65 ।

rāma-nāma saba tīrtha-sthāna,
rāma-rāma japa parama-snāna,
dho kara pāpa-tāpa saba dhula,
kara de bhayā-bhrama ko unmūla । 66 ।

rāma jāpa ravi-teja sāmāna
mahā-moha-tāma hare ajñāna,
rāma jāpa de ānaṃda mahāna,
mile use jise de bhagavān । 67 ।

rāma-nāma ko simariye,
rāma-rāma eka tāra,
parama-pāṭha pāvana-parama,
patita adhama de tāra । 68 ।

mā~gū~ maiṃ rāma-kṛpā dina rāta,
rāma-kṛpā hare saba utpāta,
rāma-kṛpā leve aṃṭa sa~bhāla,
rāma-prabhu hai jana pratipāla । 69 ।

rāma-kṛpā hai uctara-yoga,
rāma-kṛpā hai śubha saṃyoga,
rāma-kṛpā saba sādhana-marma,
rāma-kṛpā saṃyama satya dharma । 70 ।

rāma-nāma ko mana meṃ basānā,
supatha rāma-kṛpā kā hai pānā,
mana meṃ rāma-dhuna jaba phira,
rāma-kṛpā taba hī avatāra । 71 ।

rahū~ maiṃ nāma meṃ ho kara līṃ,
jaise jala meṃ ho mīna aḍa़īṃ,
rāma-kṛpā bharapūra maiṃ pāū~,
parama prabhu ko bhītara lāū~ । 72 ।

bhakti-bhāva se bhakta sujāna,
bhajate rāma-kṛpā kā nidhāna,
rāma-kṛpā usa jāna meṃ āve,
jisa meṃ āpa hī rāma basāve । 73 ।

kṛpā prasāda hai rāma kī denī,
kāla-vyāla jaṃjāla hara lenī,
kṛpā-prasāda sudhā-sukha-svāda,
rāma-nāma de rahita vivāda । 74 ।

prabhu-pasāda śiva-śānti-dātā,
brahma-dhāma meṃ āpa pahu~cātā,
prabhu-prasāda pāve vaha prāṇī,
rāma-rāma jāpe amṛta-vāṇī । 75 ।

auṣadha rāma-nāma kī khāīye,
mṛtyu janma ke roga miṭāiye,
rāma-nāma amṛta rasa-pāna,
detā amala acala nirvāṇa । 76 ।

rāma-rāma dhuna gū~ja se,
bhāva-bhayā jāte bhāga,
rāma-nāma dhuna dhyāna se,
saba śubha jāte jāga । 77 ।

mā~gū~ maiṃ rāma-nāma mahādāna,
karatā nirdhana kā kalyāṇa,
deva-dvāra para janama kā bhūkhā,
bhakti prema anurāga se rūkhā । 78 ।

para hū~ terā-yaha lie ṭera,
caraṇa pāradhe kī rākhiyo mera,
apanā āpa virada-vicāra,
dījiye bhagavana! nāma pyāra । 79 ।

rāma-nāma ne ve bhī tāre,
jo the adharmī-adhama hatyāre,
kapaṭī-kuṭila-kukarmī aneka,
tara gae rāma-nāma le eka । 80 ।

tara gae dhṛti-dhāraṇā hīṃ,
dharma-karma meṃ jana ati dīna,
rāma-rāma śrī rāma-japa jāpa,
hue atula-vimala-apāpa । 81 ।

rāma-nāma mana mukha meṃ bole,
rāma-nāma bhītara paṭa khole,
rāma-nāma se kamala-vikāsa,
hoveṃ saba sādhana sukha-rāsa । 82 ।

rāma-nāma ghaṭa bhītara base,
sāṃsa-sā~sa nasa-nasa se rase,
sapane meṃ bhī na bisare nāma,
rāma-rāma śrī rāma-rāma-rāma । 83 ।

rāma-nāma ke mela se,
sādha jāte saba-kāma,
deva-deva devī yādā,
dāna mahā-sukha-dhāma । 84 ।

aho maiṃ rāma-nāma dhana pāyā,
kāna meṃ rāma-nāma jaba āyā,
mukha se rāma-nāma jaba gāyā,
mana se rāma-nāma jaba dhyāyā । 85 ।

pā kara rāma-nāma dhana-rāśi,
ghora-avidyā vipada vināśī,
bardhā jaba rāma prema kā pūra,
saṃkaṭa-saṃśaya ho gae dūra । 86 ।

rāma-nāma jo jāpe eka bera,
usa ke bhītara koṣa-kubera,
dīṃ-dukhiyā-daridra-kaṃgāla,
rāma-rāma japa hova nihāla । 87 ।

hṛdaya rāma-nāma se bhariye,
saṃcaya rāma-nāma dāna karie,
ghāṭa meṃ nāma mūrtī dhariye,
pūjā aṃtarmukha ho kariye । 88 ।

ā~kheṃ mū~da ke suniye sitāra,
rāma-rāma sumadhura jhanakāra,
usa meṃ mana kā mela milāo,
rāma-rāma sura meṃ hī samāo । 89 ।

japū~ maiṃ rāma-rāma prabhu rāma,
dhyāū~ maiṃ rāma-rāma hare rāma,
simarū~ maiṃ rāma-rāma prabhu rāma,
gāūṃ maiṃ rāma-rāma śrī rāma । 90 ।

amṛtavāṇī kā nitya gānā,
rāma-rāma mana bīca ramāṇā,
detā saṃkaṭa-vipada nivāra,
karatā śubha śrī maṃgalācāra । 91 ।

rāma-nāma japa pāṭha se,
ho amṛta saṃcāra,
rāma-dhāma meṃ prīti ho,
suguṇa-gaina kā vistāra । 92 ।

tāraka maṃtra rāma hai,
jisa kā suphala apāra,
isa maṃtra ke jāpa se,
niścaya bane nistāra । 93 ।

bolo rāma, bolo rāma,
bolo rāma rāma rāma।

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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