स्वास्थ्य

सेंधा नमक के फायदे – Sendha Namak Ke Fayde

सेंधा नमक के फायदे गिनना बहुत मुश्किल है, क्योंकि इसके अनेक लाभ हैं। सेंधा नमक को पहाड़ी नमक भी कहते हैं। यह एक प्रकार का खनिज है, जिसे आयुर्वेद में नमक का शुद्ध रूप माना गया है। सेंधा नमक को अनेक नामों से जाना जाता हैं; जैसे सिंधा, सैन्धव, लाहौरी या शेंडे लोन आदि।

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आयुर्वेद में सेंधा नमक के फायदे विस्तार से बताए गए हैं। सभी नमक के प्रकारों में यह सबसे अच्छा नमक माना जाता जाता है। इसमें 85% सोडियम क्लोराइड होता है–जोकि इसका रासायनिक नाम भी है–बाक़ी 15% में दूसरे खनिज होते हैं जैसे कि आयरन, तांबा, जिंक, मैंगनीज, मैग्नीशियम आदि तत्त्व।

यह नमक सबसे अधिक व्रत में इस्तेमाल किया जाता है। सेंधा नमक भी दो प्रकार का पाया जाता है – रक्त सेंधा नमक, जिसका रंग लाल होता है तथा श्वेत सेंधा नमक, जिसका रंग सफेद होता है। काला नमक भी सेंधा नकम का ही एक प्रकार है।

जानें सेंधा नमक के फायदे

दोनों ही प्रकार का सैंधा नमक खदानों से खोदकर निकाला जाता है। भारतवर्ष में हिमाचल प्रदेश इसकी उत्पत्ति का प्रमुख स्थान है। यह चमकदार पत्थर की तरह होता है और कंकड़ मिट्टी निकालकर प्रयोग में लाया जाता है। आइए, नज़र डालते हैं इसके विभिन्न फायदों पर–

  1. सेंधा नमक रक्तचाप को बढ़ाने में मदद करता है। कम रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) में एक गिलास पानी में आधा चम्मच सेंधा नमक का घोल बनाकर रोगी को एक दिन में दो बार देने से उसे आराम मिलता है। साथ ही यह कोलेस्ट्रोल कम करने में मदद करता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम रहता है।
  2. नियमित रूप से सेंधा नमक के साथ नींबू-पानी का घोल पीने से पेट के कीड़ें नष्ट होते हैं और यह घोल उल्टी को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  3. सेंधा नकम स्ट्रेस को कम करता है तथा मन को शांत रखने में मदद करता है इसी के साथ यह सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हार्मोंस का बैलेंस बनाए रखता है जो तनाव से लड़ने में मदद करते हैं।
  4. सेंधा नमक माशपेशियों के दर्द तथा ऐंठन पर भी काबू पाता है साथ ही एक गिलास पानी में सेंधा नमक मिलाकर उसे पीने से कुछ ही मिनटों में पीड़ित या पीड़िता को दर्द से राहत मिलती है।
  5. सेंधा नमक का प्रयोग त्वचा को साफ करने के लिए क्रब के रूप में किया जाता है। नियमित रूप से इसको क्रब के रूप में इस्तेमाल करने से त्वचा पर चमक आती है।
  6. मौसम में बदलाव होने या ठंडा-गर्म खाने से गले में समस्या हो सकती है इस समस्या ने निदान पाने के लिए गुनगुने पानी में सेंधा नमक मिलाकर गरारे करने से गले में दर्द, गले में सुजन, सुखी खाँसी और टोंसिल से राहत पाने में मदद मिलती है। यह नमक तंत्रिकातंत्र को बेहतर बनाता है।
  7. यह थूक को निष्कासित करने में मदद करता है तथा साँस की बीमारी में भी अधिक उपयोगी है।
  8. इसका प्रयोग साँस की बदबू को हटाने के लिए किया जा सकता है, दाँतों को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और मसूड़ों से खून आने कारण दाँतों पर प्लाक का जमना है अगर मसूड़ों में सुजन है तो इस समस्या को दूर करने के लिए नियमित रूप से गुनगुने पानी सेंधा नमक डालकर गरारे कर सकते है। साथ ही इसका प्रयोग शरीर को आराम देने के लिए भी किया जा सकता है।
  9. सेंधा नमक के घोल को नियमित रूप से सुबह तलवों पर लगाने से आँखों से कम दिखने की समस्या से धीरे-धीरे छुटकारा पाया जा सकता है।
  10. अस्थमा, डायबिटीज और आर्थराइटिस के मरिजों के लिए सेंधा नमक काफी हद तक फायदेमंद होता है था ऐसे रोगियों को राहत प्रदान करता है।
  11. नींद न आने की समस्या में भी सेंधा नमक काफी लाभदायक होता है, पानी और सेंधा नमक का थोड़ा-सा लेप बनाकर सोने से आधे घंटे पहले माथे पर लगाने से नींद गहरी आती है और आँखों को राहत मिलती हैं।
  12. दिनभर की थकन के बाद आगर शरीर को आराम प्रदान करना चाहते है तो सेंधा नमक को नहाने के पानी में मिलाए या शरीर पानी और सेंधा नमक का हल्का सा मसाज करके गुनगुने पानी से नहा लें। दोनों तरह से शरीर को काफी हद तक आराम मिलेगा।
  13. शैंपू में सेंधा नमक मिलाकर या पानी में सेंधा नमक मिलाकर बालों को धोने से बालों की गंदगी साफ होती लेकिन इसमें डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।

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आयुर्वेद के अनुसार उपयोग

अब देखते हैं आयुर्वेद के अनुसार सेंधा नमक के फायदे (Sendha Namak Ke Fayde) क्या हैं। वस्तुतः यह नमक स्वादिष्ट, अग्निवर्धक, पाचक, हल्का, रुचिकारक, शीतल, वृष्य, नेत्रों को हितकारी और तीनों दोषों का शमन करने वाला है। चिकित्सा के रूप में सैंधा नमक का उपयोग अरुचि, अजीर्ण, उदर शूल और कब्ज विकार दूर करने के लिए अन्य द्रव्यों के साथ किया जाता है। जिन्हें सफेद नमक (जो प्राय: साग-सब्जियों में इस्तेमाल होता है) हानि पहुँचाता हो, वे लोग उसके स्थान पर इस नमक का प्रयोग करते हैं।

  1. आयुर्वेद के अनुसार रोज़मर्रा के जीवन में सब्ज़ियों, दालों और फलों में आयोडीन नमक के साथ-साथ सेंधा नमक का भी प्रयोग किया किया जा सकता इससे शरीर हष्ट-पुष्ट तथा निरोग रहेगा। इसका प्रयोग झामुरी, नमकीन, मसाला पुरी, पानी पुरी जैसी कई स्वादिष्ट व्यंजनों में प्रयोग किया जाता है। अनेक घरों में सेंधा नमक का उपयोग, आम नमक के स्थान पर या यूँ कहें कि मुख्य नमक के स्थान पर किया जाने लगा है।
  2. आयुर्वेद कहता है कि सेंधा नकम खाने को पचाने में मदद करता है, और शरीर में वसा की मात्रा को कम करता है तथा इसके द्वारा पेट में गैस की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है साथ ही मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है।
  3. आयुर्वेद के अनुसार सेंधा नमक के साथ काली मिर्च, अदरक और दालचीनी का प्रयोग करने से भूख में सुधार आता है और इसके साथ ही स्वास्थ्य में भी सुधार आता है।
  4. आयुर्वेद में सिर दर्द और माइग्रेन में सेंधा नमक का प्रयोग करने की बात की गई है। डॉक्टर के सलाह पर सेंधा नमक युक्त तेल से मालिश करने पर माइग्रेन और सिर दर्द की समस्या से राहत पाई जा सकती है।
  5. एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच सेंधा नमक, आधा नींबू का रस, एक चम्मच शहद डालकर नियमित रूप से घोल बनाकर पीने से मोटापा जैसी समस्या से बचा जा सकता और शरीर को हष्ट-पुष्ट रखा जा सकता है।
  6. अगर स्टोन (पथरी) की बीमारी है तो सेंधा नमक और नींबू को पानी में मिलाकर पीने से पथरी गलने लगती है और यह नमक बीमारी को धीरे-धीरे समाप्ति के कगार पर लाता है।

उपवास करने वाले नमकीन व्यंजनों में सफेद नमक के स्थान पर इसी का प्रयोग किये जाने का विधान है। सैंधवादि तैल, सैन्धवादि चूर्ण आदि पेटेन्ट शास्त्रीय योगों में इसका उपयोग होता है। ये औषधियाँ बाजार में उपलब्ध है।

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