धर्म

शिव ध्यान मंत्र – Shiv Dhyan Mantra

शिव ध्यान मंत्र का उपयोग ध्यान और ध्यान में विशेषाधिकार बढ़ाने के लिए किया जाता है। शिव को हिन्दू धर्म में सर्वोत्तम देवता माना जाता है, जिनका प्रकटीकरण भोलेनाथ, महाकाल या रुद्र के रूप में होता है। शिव ध्यान मंत्रों का उच्चारण और अनुध्यान करने से, व्यक्ति शिव के आत्मिक गुणों और शक्तियों को ध्यान में रखते हुए अपनी मानसिक शांति, आत्मा की शुद्धता और अंतर्दृष्टि को बढ़ा सकता है।

॥ श्रीशिव ध्यानम् ॥
ॐ डिं डिं डिंकत डिम्ब डिम्ब डमरु, पाणौ सदा यस्य वै।
फुं फुं फुंकत सर्पजाल हृदयं , घं घं च घण्टा रवम् ॥
वं वं वंकत वम्ब वम्ब वहनं , कारुण्य पुण्यात् परम् ॥
भं भं भंकत भम्ब भम्ब नयनं , ध्यायेत् शिवम् शंकरम्॥
यावत् तोय धरा धरा धर धरा ,धारा धरा भूधरा॥
यावत् चारु सुचारु चारू चमरं , चामीकरं चामरं ॥
यावत् रावण राम राम रमणं , रामायणे श्रुयताम्॥
तावत् भोग विभोग भोगमतुलम् यो गायते नित्यस:॥
यस्याग्रे द्राट द्राट द्रुट द्रुट ममलं , टंट टंट टंटटम् ॥
तैलं तैलं तु तैलं खुखु खुखु खुखुमं , खंख खंख सखंखम्॥
डंस डंस डुडंस डुहि चकितं , भूपकं भूय नालम् ॥
ध्यायस्ते विप्रगाहे सवसति सवलः पातु वः चंद्रचूडः॥
गात्रं भस्मसितं सितं च हसितं हस्ते कपालं सितम् ॥
खट्वांग च सितं सितश्च भृषभः , कर्णेसिते कुण्डले ।
गंगाफनेसिता जटापशु पतेश्चनद्रः सितो मूर्धनि ।
सोऽयं सर्वसितो ददातु विभवं , पापक्षयं सर्वदा ॥
॥ इति शिव ध्यानम् ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम शिव ध्यान मंत्र को रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह मन्त्र रोमन में–

Read Shiv Dhyan Mantra

॥ śrīśiva dhyānam ॥
oṃ ḍiṃ ḍiṃ ḍiṃkata ḍimba ḍimba ḍamaru, pāṇau sadā yasya vai।
phuṃ phuṃ phuṃkata sarpajāla hṛdayaṃ , ghaṃ ghaṃ ca ghaṇṭā ravam ॥
vaṃ vaṃ vaṃkata vamba vamba vahanaṃ , kāruṇya puṇyāt param ॥
bhaṃ bhaṃ bhaṃkata bhamba bhamba nayanaṃ , dhyāyet śivam śaṃkaram॥
yāvat toya dharā dharā dhara dharā ,dhārā dharā bhūdharā॥
yāvat cāru sucāru cārū camaraṃ , cāmīkaraṃ cāmaraṃ ॥
yāvat rāvaṇa rāma rāma ramaṇaṃ , rāmāyaṇe śruyatām॥
tāvat bhoga vibhoga bhogamatulam yo gāyate nityasa:॥
yasyāgre drāṭa drāṭa druṭa druṭa mamalaṃ , ṭaṃṭa ṭaṃṭa ṭaṃṭaṭam ॥
tailaṃ tailaṃ tu tailaṃ khukhu khukhu khukhumaṃ , khaṃkha khaṃkha sakhaṃkham॥
ḍaṃsa ḍaṃsa ḍuḍaṃsa ḍuhi cakitaṃ , bhūpakaṃ bhūya nālam ॥
dhyāyaste vipragāhe savasati savalaḥ pātu vaḥ caṃdracūḍaḥ॥
gātraṃ bhasmasitaṃ sitaṃ ca hasitaṃ haste kapālaṃ sitam ॥
khaṭvāṃga ca sitaṃ sitaśca bhṛṣabhaḥ , karṇesite kuṇḍale ।
gaṃgāphanesitā jaṭāpaśu pateścanadraḥ sito mūrdhani ।
so’yaṃ sarvasito dadātu vibhavaṃ , pāpakṣayaṃ sarvadā ॥
॥ iti śiva dhyānam ॥

शिव जी के प्रसिद्द मंत्र अर्थ सहित –

  • ॐ नमः शिवाय: यह मंत्र शिव के अद्वितीय स्वरूप को स्मरण करने के लिए प्रचलित है। इसका जप और अनुध्यान करने से मान्यता है कि व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • ॐ नमः शिवाय शांतिया: इस मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति में शांति और समरसता की स्थिति आती है।
  • ॐ नमो भगवते रुद्राय: यह मंत्र शिव के रुद्र स्वरूप को स्मरण करने के लिए उपयुक्त है, जो उसकी शक्तियों को ध्यान में लाने में सहायक होता है।

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सुरभि भदौरिया

सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

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