धर्म

शिव स्तुति – Shiv Stuti in Hindi

“शिव स्तुति” भगवान शंकर को प्रसन्न करने वाली तथा उनकी अनुकम्पा की वर्षा करने वाली है। जो व्यक्ति भक्ति-भाव से शिव स्तुति का गायन करता है, जीवन में उसके सब कार्य सफल हो जाते हैं। संपूण ब्रह्माण्ड में ऐसा कुछ नहीं, जो भगवान भोलेनाथ की कृपा से संभव न हो। शिव स्तुति के लिए आवश्यकता है तो केवल ऐसे अन्तःकरण की, जो भक्ति में डूबा हुआ हो और शिव के स्मरण से निष्कलंक हो गया हो।

पढ़ें अद्भुत शिव स्तुति

धन्य धन्य भोलानाथ बाँट दिए तीनों लोक पल भर में।
ऐसो दीन दयाल मेरे शम्भू भरो खजाना पलभर में॥

प्रथम वेद तो ब्रह्मा को दे दिया बने वेद के अधिकारी।
विष्णु को दिया चक्र सुदर्शन लक्ष्मी सी सुन्दर नारी॥

इन्द्र को दिया कामधेनु और ऐरावत सा बलकारी।
कुबेर को कर दिया आपने सारी सम्पत्ति का अधिकारी॥

अपने पास नामात्र नहीं रखा, मग्न रहे बाघाम्बर में।
ऐसे दीनदयाल मेरे शम्भू भरो खजाना पल भर में॥

अमृत तो देवताओं को दे दिया, आप हलाहल पान किया।
ब्रह्म ज्ञान दे दिया उसी को, जिसने शिव तेरा ध्यान किया॥

भागीरथ को दे दी गंगा, सब जग ने स्नान किया।
बड़े-बड़े पापियों को तारा, पलभर में कल्याण किया॥

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आप नशे में मस्त रहो, पियो भंग नित खप्पर में।
ऐसे दीन दयाल मेरे शम्भु, भरो खजाना पल भर में॥

लंका तो रावण को दी, बीस भुजा दस शीश दिए।
रामचन्द्र को धनुष बाण और हनुमत को जगदीश दिये॥

मनमोहन को दे दी मोहनी, और मुकुट बख्शीश दिए।
मुक्त हुए काशी के वासी, भक्ति में जगदीश दिए॥

वीणा तो नारद को दे दी, हरि भजन को राग दिया।
ब्राह्मण को कर्मकाण्ड और सन्यासी को त्याग दिया॥

जिस पर तुमरी कृपा भई, उसी को अनगन राग दिया।
जिसने ध्याया उसी ने पाया महादेव तेरे वर में॥

विदेशों में बसे कई लोगों ने हमसे इस शिव स्तुति को रोमन में उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया है। इसे ध्यान में रखते हुए हम यह शिव स्तुति यहाँ रोमन में दे रहे हैं–

Read Shiv Stuti

dhanya dhanya bholānātha bā~ṭa die tīnoṃ loka pala bhara meṃ।
aiso dīna dayāla mere śambhū bharo khajānā palabhara meṃ॥

prathama veda to brahmā ko de diyā bane veda ke adhikārī।
viṣṇu ko diyā cakra sudarśana lakṣmī sī sundara nārī॥

indra ko diyā kāmadhenu aura airāvata sā balakārī।
kubera ko kara diyā āpane sārī sampatti kā adhikārī॥

apane pāsa nāmātra nahīṃ rakhā, magna rahe bāghāmbara meṃ।
aise dīnadayāla mere śambhū bharo khajānā pala bhara meṃ॥

amṛta to devatāoṃ ko de diyā, āpa halāhala pāna kiyā।
brahma jñāna de diyā usī ko, jisane śiva terā dhyāna kiyā॥

bhāgīratha ko de dī gaṃgā, saba jaga ne snāna kiyā।
baḍa़e-baḍa़e pāpiyoṃ ko tārā, palabhara meṃ kalyāṇa kiyā॥

āpa naśe meṃ masta raho, piyo bhaṃga nita khappara meṃ।
aise dīna dayāla mere śambhu, bharo khajānā pala bhara meṃ॥

laṃkā to rāvaṇa ko dī, bīsa bhujā dasa śīśa die।
rāmacandra ko dhanuṣa bāṇa aura hanumata ko jagadīśa diye॥

manamohana ko de dī mohanī, aura mukuṭa bakhśīśa die।
mukta hue kāśī ke vāsī, bhakti meṃ jagadīśa die॥

vīṇā to nārada ko de dī, hari bhajana ko rāga diyā।
brāhmaṇa ko karmakāṇḍa aura sanyāsī ko tyāga diyā॥

jisa para tumarī kṛpā bhaī, usī ko anagana rāga diyā।
jisane dhyāyā usī ne pāyā mahādeva tere vara meṃ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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