धर्म

शिवाजी महाराज आरती – Shivaji Maharaj Aarti

शिवाजी महाराज आरती पढ़ें और शिवाजी महाराज के दिव्य गुणों का स्मरण करें। शिवाजी का व्यक्तित्व उस महामानव का व्यक्तित्व है जिसने महानता के शिखर को छू लिया हो। वे साक्षात वीरता तथा साहस की प्रतिमूर्ति थे।

उनका प्रत्येक कार्य स्मरणीय और वंदनीय है। शिवाजी महाराज आरती (Shivaji Maharaj Aarti) का गायन उसी दिव्यता को स्वयं में धारण करने के लिए प्रेरित करती है। हिंदू धर्म की रक्षा के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया। उन्होंने दिखलाया कि धर्म के सिद्धान्तों को किस तरह व्यावहारिक धरातल पर उतारा जा सकता है चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों। पढ़ें शिवाजी महाराज आरती–

जय देव जय देव जय जय शिवराया।
जय जय शिवराया।
या या अनन्य शरणा आर्या ताराया॥
जय देव जय देव जय जय शिवराया॥धृ॥

आर्यांच्या देशावरी म्लेंच्छांचा घाला।
आला आला सावध हो शिव भूपाला।
सद्गदिता भूमाता दे तुज हाकेला।
करुणारव भेदुनि तव हृदय न का गेला॥१॥

श्री जगदंबाजी स्तव शुम्भादिक भक्षी।
दशमुख मर्दुनि श्री श्री रघुवर संरक्षी।
ती पूता भूमाता म्लेंच्छांही छळता।
तुजवीण शिवराया तिज कोण दुजा त्राता॥२॥

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त्रस्त आम्ही दीन आम्ही शरण तुला आलो।
परवशतेच्या पाशी मरणोन्मुख झालो।
साधू परित्राणाय दुष्कृती नाशाया।
भगवान भगवद्गीता सार्थ कार्य या॥३॥

जय देव जय देव जय जय शिवराया।
जय जय शिवराया।
या या अनन्य शरणा आर्या ताराया॥
जय देव जय देव जय जय शिवराया॥धृ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर शिवाजी महाराज आरती ( Shivaji Maharaj Aarti ) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें शिवाजी महाराज आरती रोमन में–

jaya deva jaya deva jaya jaya śivarāyā।
jaya jaya śivarāyā।
yā yā ananya śaraṇā āryā tārāyā॥
jaya deva jaya deva jaya jaya śivarāyā॥dhṛ॥

āryāṃcyā deśāvarī mleṃcchāṃcā ghālā।
ālā ālā sāvadha ho śiva bhūpālā।
sadgaditā bhūmātā de tuja hākelā।
karuṇārava bheduni tava hṛdaya na kā gelā॥1॥

śrī jagadaṃbājī stava śumbhādika bhakṣī।
daśamukha marduni śrī śrī raghuvara saṃrakṣī।
tī pūtā bhūmātā mleṃcchāṃhī chaḻatā।
tujavīṇa śivarāyā tija koṇa dujā trātā॥2॥

trasta āmhī dīna āmhī śaraṇa tulā ālo।
paravaśatecyā pāśī maraṇonmukha jhālo।
sādhū paritrāṇāya duṣkṛtī nāśāyā।
bhagavāna bhagavadgītā sārtha kārya yā॥3॥

jaya deva jaya deva jaya jaya śivarāyā।
jaya jaya śivarāyā।
yā yā ananya śaraṇā āryā tārāyā॥
jaya deva jaya deva jaya jaya śivarāyā॥dhṛ॥

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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