धर्म

श्याम के दीवाने – Shyam Ke Deewane Lyrics

पढ़ें “श्याम के दीवाने” लिरिक्स

हर तकलिफ तुम जानते हो
बस बाबा तुम ही हो अपने
खुली आँखों से तुम दिखते हो
बन्द आँखों में भी तेरे सपने

ओ राहो में जो मैं भटक जाऊं तो
बस तेरा नाम ही याद आये
क्या लेना दुनिया से उसको
जिसे प्यार श्याम बाबा से हो जाये

हो कब-कब तेरा बाबा मैं
दीवाना हो गया

श्यामा दर तेरे जब से
आना जाना हो गया
श्यामा दर तेरे जब से
आना जाना हो गया
आँसूओं का ठिकाना
अब रवाना हो गया
मैं दीवाना मैं दीवाना
मैं दीवाना हो गया
श्यामा दर तेरे जब से
आना जाना हो गया

तुमने ही देखा केवल युद्ध वो सारा
कृष्ण के सुदर्शन ने सबको था मारा
तुमने ही देखा केवल युद्ध वो सारा
कृष्ण के सुदर्शन ने सबको था मारा

देवी हड़ीम्बा से लिया तुम ज्ञान
पाँच पांडवों का तोड़ा अभिमान

देखा ना मैने कभी कही
तुम जैसा कोई बलशाली
एहशान कैसे चुकाऊं तुम्हारा जो
जिन्दगी मेरी संभाली

हो कब-कब तेरा बाबा मैं
दीवाना हो गया

श्यामा दर तेरे जब से
आना जाना हो गया
श्यामा दर तेरे जब से
आना जाना हो गया
आँसूओं का ठिकाना
अब रवाना हो गया
मैं दीवाना मैं दीवाना
मैं दीवाना हो गया
श्यामा दर तेरे जब से
आना जाना हो गया

मेरे आँसुओ का तुम हो किनारा
तेरा साथ हो तो मुझको
सब कुछ गवारा
तेरा साथ हो तो मुझको
सब कुछ गवारा

तुम शरण मैं ही रखना मुझको अपनी
गर भूल भी हो जाये मुझ से

तुम ही हो एक मेरा सहारा
फेरना ना नज़र कभी मुझ से
सब कुछ दिया बिन मांगे मुझे
और मांगू भी मैं क्या तुम से
देना भी हो तो मुझे तुम देना
के जन्मो का साथ हो तुम से

हो कब-कब तेरा बाबा मैं
दीवाना हो गया

श्यामा दर तेरे जब से
आना जाना हो गया
श्यामा दर तेरे जब से
आना जाना हो गया
आँसूओं का ठिकाना
अब रवाना हो गया
मैं दीवाना मैं दीवाना
मैं दीवाना हो गया
श्यामा दर तेरे जब से
आना जाना हो गया

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम श्याम के दीवाने (Shyam Ke Deewane) भजन को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस भजन को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें खाटू श्याम भजन रोमन में-

Read Shyam Ke Deewane Lyrics

hara takalipha tuma jānate ho
basa bābā tuma hī ho apane
khulī ā~khoṃ se tuma dikhate ho
banda ā~khoṃ meṃ bhī tere sapane

o rāho meṃ jo maiṃ bhaṭaka jāūṃ to
basa terā nāma hī yāda āye
kyā lenā duniyā se usako
jise pyāra śyāma bābā se ho jāye

ho kaba-kaba terā bābā maiṃ
dīvānā ho gayā

śyāmā dara tere jaba se
ānā jānā ho gayā
śyāmā dara tere jaba se
ānā jānā ho gayā
ā~sūoṃ kā ṭhikānā
aba ravānā ho gayā
maiṃ dīvānā maiṃ dīvānā
maiṃ dīvānā ho gayā
śyāmā dara tere jaba se
ānā jānā ho gayā

tumane hī dekhā kevala yuddha vo sārā
kṛṣṇa ke sudarśana ne sabako thā mārā
tumane hī dekhā kevala yuddha vo sārā
kṛṣṇa ke sudarśana ne sabako thā mārā

devī haड़īmbā se liyā tuma jñāna
pā~ca pāṃḍavoṃ kā toड़ā abhimāna

dekhā nā maine kabhī kahī
tuma jaisā koī balaśālī
ehaśāna kaise cukāūṃ tumhārā jo
jindagī merī saṃbhālī

ho kaba-kaba terā bābā maiṃ
dīvānā ho gayā

śyāmā dara tere jaba se
ānā jānā ho gayā
śyāmā dara tere jaba se
ānā jānā ho gayā
ā~sūoṃ kā ṭhikānā
aba ravānā ho gayā
maiṃ dīvānā maiṃ dīvānā
maiṃ dīvānā ho gayā
śyāmā dara tere jaba se
ānā jānā ho gayā

mere ā~suo kā tuma ho kinārā
terā sātha ho to mujhako
saba kucha gavārā
terā sātha ho to mujhako
saba kucha gavārā

tuma śaraṇa maiṃ hī rakhanā mujhako apanī
gara bhūla bhī ho jāye mujha se

tuma hī ho eka merā sahārā
pheranā nā naज़ra kabhī mujha se
saba kucha diyā bina māṃge mujhe
aura māṃgū bhī maiṃ kyā tuma se
denā bhī ho to mujhe tuma denā
ke janmo kā sātha ho tuma se

ho kaba-kaba terā bābā maiṃ
dīvānā ho gayā

śyāmā dara tere jaba se
ānā jānā ho gayā
śyāmā dara tere jaba se
ānā jānā ho gayā
ā~sūoṃ kā ṭhikānā
aba ravānā ho gayā
maiṃ dīvānā maiṃ dīvānā
maiṃ dīvānā ho gayā
śyāmā dara tere jaba se
ānā jānā ho gayā

यह भी पढ़ें

मैं फिर से खाटू आ गयागजब मेरे खाटू वालेभीगी पलकों ने श्याम पुकारा हैरींगस के मोड़ पे पर तुझपे भरोसा हैहारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा हैश्याम संग प्रीतचलो बुलावा आया है बाबा ने बुलाया हैश्याम बाबा की आरतीखाटू श्याम चालीसामैं लाड़ला खाटू वालेश्री श्याम स्तुतिजय श्री श्याम बोलोतीन बाण के धारीश्याम चौरासीखाटू श्याम मंदिर

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!
Exit mobile version