धर्म

सिद्ध मंगल स्तोत्र – Siddha Mangala Stotra

सिद्ध मंगल स्तोत्र” (Siddha Mangala Stotra) गुरु श्रीपाद श्रीवल्लभ समर्पित एक भक्ति स्तोत्र है, जिसे कलियुग में भगवान दत्तात्रेय के अवतार जाना जाता है। यह स्तोत्र उनकी महिमा, आदर्श और शिक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है और उनके भक्तों की भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करता है। यह स्तोत्र उनके शिक्षाओं, उपदेशों और कृपामयी कार्यों की महिमा को स्तुति करता है और उनके भक्तों को उनके दिशा-निर्देश में प्रेरित करता है।

श्रीमदनन्त श्रीविभूषित अप्पललक्ष्मीनरसिंहराज ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ १॥

श्रीविद्याधरी राधासुरेखा श्रीराखीधर श्रीपाद ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ २॥

माता सुमती वात्सल्यामृत परिपोषित जय श्रीपाद ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ३॥

सत्यऋषिश्वर दुहितानन्दन बापनार्यनुत श्रीचरण ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ४॥

सवितृकाठकचयनपुण्यफल भारद्वाजऋषिगोत्रसम्भव ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ५॥

दो चौपाती देव लक्ष्मिगणसङ्ख्याबोधित श्रीचरण ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ६॥

पुण्यरूपिणी राजमाम्बसुतगर्भपुण्यफलसञ्जात ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ७॥

सुमतीनन्दन नरहरीनन्दन दत्तदेव प्रभु श्रीपाद ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ८॥

पीठिकापुर-नित्यविहारा मधुमतीदत्ता मङ्गलरूपा ।
जय विजयी भव दिग्विजयी भव श्रीमदखण्ड श्रीविजयी भव ॥ ९॥

॥इति श्रीसिद्धमङ्गलस्तोत्रं सम्पूर्णम्॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर सिद्ध मंगल स्तोत्र को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह अश्वत्थ स्तोत्र रोमन में–

Read Sri Siddha Mangala Stotram

śrīmadananta śrīvibhūṣita appalalakṣmīnarasiṃharāja ।
jaya vijayī bhava digvijayī bhava śrīmadakhaṇḍa śrīvijayī bhava ॥ 1॥

śrīvidyādharī rādhāsurekhā śrīrākhīdhara śrīpāda ।
jaya vijayī bhava digvijayī bhava śrīmadakhaṇḍa śrīvijayī bhava ॥ 2॥

mātā sumatī vātsalyāmṛta paripoṣita jaya śrīpāda ।
jaya vijayī bhava digvijayī bhava śrīmadakhaṇḍa śrīvijayī bhava ॥ 3॥

satyaṛṣiśvara duhitānandana bāpanāryanuta śrīcaraṇa ।
jaya vijayī bhava digvijayī bhava śrīmadakhaṇḍa śrīvijayī bhava ॥ 4॥

savitṛkāṭhakacayanapuṇyaphala bhāradvājaṛṣigotrasambhava ।
jaya vijayī bhava digvijayī bhava śrīmadakhaṇḍa śrīvijayī bhava ॥ 5॥

do caupātī deva lakṣmigaṇasaṅkhyābodhita śrīcaraṇa ।
jaya vijayī bhava digvijayī bhava śrīmadakhaṇḍa śrīvijayī bhava ॥ 6॥

puṇyarūpiṇī rājamāmbasutagarbhapuṇyaphalasañjāta ।
jaya vijayī bhava digvijayī bhava śrīmadakhaṇḍa śrīvijayī bhava ॥ 7॥

sumatīnandana naraharīnandana dattadeva prabhu śrīpāda ।
jaya vijayī bhava digvijayī bhava śrīmadakhaṇḍa śrīvijayī bhava ॥ 8॥

pīṭhikāpura-nityavihārā madhumatīdattā maṅgalarūpā ।
jaya vijayī bhava digvijayī bhava śrīmadakhaṇḍa śrīvijayī bhava ॥ 9॥

॥iti śrīsiddhamaṅgalastotraṃ sampūrṇam॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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