सूरह अल अस्र हिंदी में – सूरह 103
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
क़सम है ज़माने की। बेशक इंसान घाटे में है। मगर जो लोग कि ईमान लाए और नेक अमल किया और एक दूसरे को हक़ की नसीहत की और एक दूसरे को सब्र की नसीहत की। (1-3)
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
क़सम है ज़माने की। बेशक इंसान घाटे में है। मगर जो लोग कि ईमान लाए और नेक अमल किया और एक दूसरे को हक़ की नसीहत की और एक दूसरे को सब्र की नसीहत की। (1-3)