धर्म

सूरह अल फ़लक़ की हिंदी में – सूरह 113

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।

कहो, मैं पनाह मांगता हूं सुबह के रब की | हर चीज़ के शर (बुराई) से जो उसने पैदा की। और तारीकी (अंधकार) के शर से जबकि वह छा जाए। और गिरहों (गांठों) में फूंक मारने वालों के शर से और हासिद (ईर्ष्यालु) के शर से जबकि वह हसद करे। (1-5)

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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