सूरह अल ग़ाशियह हिंदी में – सूरह 88
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
क्या तुम्हें उस छा जाने वाली की ख़बर पहुंची है। कुछ चेहरे उस दिन जलील होंगे, मेहनत करने वाले थके हुए। वे दहकती आग में पड़ेंगे। खौलते हुए चशमे (स्रोत) से पानी पिलाए जाएंगे। उनके लिए कांटों वाले झाड़ के सिवा और कोई खाना न होगा, जो न मोटा करे और न भूख मिटाए। कुछ चेहरे उस दिन बारौनक़ होंगे। अपनी कमाई पर खुश होंगे। ऊंचे बाग में। उसमें कोई लग्व (घटिया, निरर्थक) बात नहीं सुनेंगे। उसमें बहते हुए चशमे होंगे। उसमें तख््त होंगे ऊंचे बिछे हुए। और आबबख़ोरे सामने चुने हुए। और बराबर बिछे हुए गद॒दे। और क़ालीन हर तरफ़ पड़े हुए। तो क्या वे ऊंट को नहीं देखते कि वह कैसे पैदा किया गया। और आसमान को कि वह किस तरह बुलन्द किया गया। और पहाड़ों को कि वह किस तरह खड़ा किया गया। और जमीन को कि वह किस तरह बिछाई गई। पस तुम याददिहानी कर दो, तुम बस याददिहानी करने वाले हो। तुम उन पर दारोगा नहीं। मगर जिसने रूगर्दानी (अवहेलना) की और इंकार किया, तो अल्लाह उसे बड़ा अज़ाब देगा। हमारी ही तरफ़ उनकी वापसी है। फिर हमारे ज़िम्मे है उनसे हिसाब लेना। (1-26)