धर्म

सूरह अज जुहा हिंदी में – सूरह 93

शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।

क़सम है रोज़े रोशन (चढ़ते दिन) की। और रात की जब वह छा जाए। तुम्हारे रब ने तुम्हें नहीं छोड़ा। और न वह तुमसे बेज़ार (अप्रसन्‍न) हुआ। और यक़ीनन आख़िरत तुम्हारे लिए दुनिया से बेहतर है। और अनक़रीब अल्लाह तुझे देगा। फिर तू राजी हो जाएगा। कया अल्लाह ने तुम्हें यतीम (अनाथ) नहीं पाया फिर ठिकाना दिया। और तुम्हें मुतताशी पाया तो राह दिखाई। और तुम्हें नादार (निर्धन) पाया तो तुम्हें गनी (समृद्ध) कर दिया। पस तुम यतीम पर सख्ती न करो। और तुम साइल (मांगने वाले) को न झिड़को। और तुम अपने रब की नेमत बयान करो। (1-11) 

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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