सूरह अत तकवीर हिंदी में – सूरह 81
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
जब सूरज लपेट दिया जाएगा। और जब सितारे बेनूर हो जाएंगे। और जब पहाड़ चलाए जाएंगे। और जब दस महीने की गाभन ऊंटनियां आवारा फिरेंगी। और जब वहशी जानवर इकट्ठा हो जाएंगे। और जब समुद्र भड़का दिए जाएंगे। और जब एक-एक क़िस्म के लोग इकट्ठा किए जाएंगे। और जब ज़िंदा गाड़ी हुई लड़की से पूछा जाएगा कि वह किस क़ूसूर में मारी गई। और जब आमालनामे (कर्म-पत्र) खोले जाएंगे। और जब आसमान खुल जाएगा। और दोजख़ भड़काई जाएगी। और जब जन्नत क़रीब लाई जाएगी। हर शख्स जान लेगा कि वह क्या लेकर आया है। (1-14)
पस नहीं, मैं क़सम खाता हूं पीछे हटने वाले, चलने वाले और छुप जाने वाले सितारों की। और रात की जब वह जाने लगे। और सुबह की जब वह आने लगे कि यह एक बाइज़्ज़त रसूल का लाया हुआ कलाम है। क्रुव्वत वाला, आर्श वाले के नजदीक बुलन्द मर्तबा है। उसकी बात मानी जाती है, वह अमानतदार है। और तुम्हारा साथी दीवाना नहीं। और उसने उसे खुले उफ़ुक़र (क्षितिज) में देखा है। और वह गैब की बातों का हरीस (हिर्स रखने वाला) नहीं। और वह शैतान मरदूद का क़ौल नहीं | फिर तुम किधर जा रहे हो। यह तो बस आलम (संसार) वालों के लिए एक नसीहत है, उसके लिए जो तुम में से सीधा चलना चाहे। और तुम नहीं चाह सकते मगर यह है कि अल्लाह रब्बुल आलमीन चाहे। (15-29)