स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – खेतड़ी के महाराज को लिखित (16 अक्टूबर, 1898)

(स्वामी विवेकानंद का खेतड़ी के महाराज को लिखा गया पत्र)

लाहोर
१६ अक्टूबर, १८९८

महाराज,

तार के बाद वाले पत्र में मैंने अपने स्वास्थ्य के संबंध में लिखा था – इसलिए मैंने आप के तार का जबाव तार से नहीं दिया।

इस बार काश्मीर में मैं बहुत बीमार रहा। अब अच्छा हूँ और आज ही सीधे कलकत्ता जा रहा हूँ। पिछले दस वर्षों से मैंने बंगाल की दुर्गा पूजा (जो बहुत धूमधाम से होती है और जिसका बंगाल में विशेष महत्व है) नहीं देखी है। मुझे आशा है कि इस बार पूजा में मैं वहाँ उपस्थित रहूँगा।

पश्चिमी बंधु एक या दो सप्ताह में जयपुर देखने जायेंगे। यदि जगमोहन वहाँ हो, तो कृपया उसको इस बात की ताक़ीद कर दें कि वह उन लोगों की देखभाल करे और उन्हें जयपुर शहर तथा प्राचीन कला-संग्रह आदि दिखला लावे।

मैंने अपने गुरुभाई सारदानन्द से कह दिया है। रवाना होने के पहले ही वे मुंशी जी को सूचना दे देंगे।

आप और कुमार साहब कैसे हैं? सदा की भाँति आपके लिए मंगल कामना करता हुआ –

आपका,
विवेकानन्द

पुनश्च – अब मेरा पता होगा :

मठ, बेलूड़, जिला हावड़ा, बंगाल

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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