स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – कुमारी ईसाबेल मैक्किंडली को लिखित (25 फरवरी, 1895)

(स्वामी विवेकानंद का कुमारी ईसाबेल मैक्किंडली को लिखा गया पत्र)

५४, पश्चिम ३३,
न्यूयार्क,
२५, फरवरी, १८९५

प्रिय बहन,

तुम बीमार हो गयी थीं, जानकर दुःखित हूँ। मैं तुम्हारी एक ‘परोक्ष चिकित्सा’ करूँगा। हालाँकि, तुम्हारी ‘स्वीकारोक्ति’1 मेरी बुद्धि की आधी शक्ति खींचकर बाहर कर देती है।

तुमको रोग से मुक्त मिल गयी – अच्छी बात है अंत भला, तो सब भला। किताबें सही-सलामत पहुँच गयी हैं, इसके लिए अनेक धन्यवाद।

तुम्हारा चिरंतन स्नेही भा.,
विवेकानन्द


  1. क्रिश्चियन सायन्स के अध्ययन और साधना को लेकर हेल बहनों को कभी-कभी छेड़ने में स्वामी जी को आनन्द आता था। न्यूयार्क से लिखित इस छोटी-सी चिट्ठी में भी स्वामी जी ने बड़ी कुशलता से रोग के सामने कभी स्वीकारोक्ति नहीं करने की वैज्ञानिक साधना की चुटकी ली है। स.

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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