स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – कुमारी मेरी हेल को लिखित (3 अक्टूबर, 1899)

(स्वामी विवेकानंद का कुमारी मेरी हेल को लिखा गया पत्र)

रिजले मॅनर
३ अक्टूबर, १८९९

प्रिय मेरी,

तुम्हारे कृपा-पत्र के लिए धन्यवाद। इस समय बहुत ठीक हूँ और प्रतिदिन स्वस्थ होता जा रहा हूँ। आशा है कि श्रीमती बुल एवं उनकी पुत्री आज या कल आ जायेंगी। इस प्रकार हमारे लिए आनन्दप्रद समय का दूसरा दौर प्रारम्भ होगा – हाँ तुम्हारे लिए तो हर समय आनन्द है। मैं खुश हूँ कि तुम फिलाडेलफिया जा रही हो, लेकिन इस बार उतना खुश नहीं हूँ जितना तब था – जब करोड़पति क्षितिज पर दिखलायी पड़ रहा था। बहुत प्यार के साथ –

तुम्हारा प्रिय भाई,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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