स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – जॉन फाक्स को लिखित (14 अगस्त, 1900)

(स्वामी विवेकानंद का जॉन फाक्स को लिखा गया पत्र)

बुलेवर हैन्स सुवन,पेरिस
१४ अगस्त,१९०० ई०

प्रिय श्री फाक्स,

कृपया आप महिम को यह लिखकर सूचित कर दें कि वह चाहे जो भी कुछ क्यों न करे, मेरा आशिर्वाद उसे सदा ही मिलता रहेगा। और वर्तमान समय में वह जो कुछ कर रहा है, इसमे सन्देह नहीं कि वकालत से वह बहुत कुछ अच्छा है। वीरता तथा साहस को मैं पसन्द करता हूँ, और मेरी जाति के लिए उस प्रकार की तेजस्विता विशेष आवश्यक है। किन्तु मेरा स्वास्थ्य भग्न होता जा रहा है और अधिक दिन जीवित रहने की मेरी आशा नहीं है; इसलिए माँ तथा समस्त परिवार के उत्तरदायित्व को अपने ऊपर लेने के लिए वह प्रस्तुत रहे। किसी क्षण भी मेरी मृत्यु हो सकती है। अब मैं उसके लिए अत्यन्त गर्व अनुभव कर रहा हूँ।

आपका स्नेहबद्ध,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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